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अयोध्या बनेगा दुनिया का सबसे अच्छा शहर; सीएम योगी ने बनाया 85 हजार करोड़ रुपये का प्लान, जानें खासियत - World Best City Ayodhya

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 30, 2024, 5:24 PM IST

योगी सरकार वर्ष 2033 तक अयोध्या को विश्व का सर्वोत्तम शहर बनाने की दिशा में काम कर रही है. इसके लिए योगी सरकार ने 85 हजार करोड़ रुपये का प्लान बनाया है.

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सीएम योगी का मिशन 2033 (फोटो क्रेडिट- Etv Bharat)

लखनऊ: अयोध्या बारिश का मौसम शुरू होते ही बदहाल नजर आ रही है, मगर योगी सरकार वर्ष 2033 तक अयोध्या को विश्व का सर्वोत्तम शहर बनाने की दिशा में काम करने का दावा कर रही है. इसके लिए वहां चल रही विभिन्न परियोजनाओं में 85 हजार करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. यह बात उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की स्टडी में सामने आई है. यह स्टडी भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआई), अहमदाबाद गुजरात ने की है.

ईडीआई ने अपनी स्टडी में बताया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या का विकास इंफ्रास्ट्रक्चर, परिवहन और सुंदरीकरण से जुड़े हुए मुख्यतः 27 बिंदुओं को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है. इनमें से बहुत सारे प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं. वहीं कुछ पर अभी काम संचालित है, जिनके जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है.

इन 27 बिंदुओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है विकास: रोड और पार्किंग, रेल लाइन का दोहरीकरण, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, एयरपोर्ट, गुप्तारघाट, मंदिर संग्रहालय, वैक्स संग्रहालय, सांध्य सरोवर, अयोध्या बाजार, 37 धार्मिक स्थलों का पुनर्विकास एवं सौंदर्यीकरण, 25 पौराणिक एवं 39 चौराहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, साउंड लाइट शो के साथ वाटर स्पोर्ट्स और सरयू में क्रूज का संचालन, सरयू के घाटों पर 500 प्रीफ़ैब टॉयलेट्स की स्थापना की जाएगी.

इसके अलावा परिक्रमा मार्गों का विकास, विभिन्न मंदिरों का सौंदर्यीकरण एवं पुनर्विकास, 140 भाषाओं में मौसम का पूर्वानुमान, सोलर बोट्स का संचालन, 28 भाषाओं में पथ प्रदर्शक बोर्ड, हेलीकॉप्टर की सुविधा, ई-कार्ट सुविधा, दिव्यंगों एवं वृद्धजनों के लिए व्हीलचेयर, रेल ओवरब्रिज, लक्ष्मण पथ का निर्माण, सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना, कैफेटेरिया एवं ओपन थियेटर की सुविधाएं, सफाई मित्रों की तैनाती और स्ट्रीट लाईट जैसे अन्य प्रोजेक्ट शामिल हैं.

वैश्विक मानकों को ध्यान में रखकर बनी हैं परियोजनाएं: ईडीआइआई स्टडी में इस बात की पुष्टि की गई है कि नव्य अयोध्या के विकास के लिए बनी परियोजनाएं विश्वस्तरीय हैं. इसके लिए अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट और इंटरनेशनल बस स्टेशन का विकास किया जा रहा है. इसमें पहले फेज का काम पूरा हो चुका है. वहीं अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन को देशभर के प्रमुख शहरों के साथ निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक मानकों को ध्यान में रखकर उसका पुनर्विकास किया गया है.

क्या कहते हैं ईडीआई के महानिदेशक: ईडीआई के महानिदेशक डॉ. सुनील शुक्ला ने कहा कि अयोध्या में दुनिया की सबसे लंबी सौर स्ट्रीट लाइट परियोजना संचालित है, जिसमें गुप्तारघाट से लक्ष्मण घाट तक 10 किमी के क्षेत्र में 400 से अधिक स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही हैं

उन्होंने कहा कि इस प्रकार की विकासात्मक पहल से अयोध्या एक विकसित धार्मिक स्थल के रूप में पहचान बनाने के साथ-साथ प्रगतिशील शहरों के मानचित्र पर भी स्थापित हो जायेगी. अयोध्या में स्थान आधारित पर्यटन केंद्र बनाने पर दिया जा रहा ध्यान विभिन्न प्रकार के आगंतुकों, पर्यटकों, वास्तुकारों को आकर्षित करेगा, जो आने वाले वर्षों में शहर प्रबंधन और नगर नियोजन पर अध्ययन करेंगे.

ये भी पढ़ें- आसमान से सड़क पर गिरी बिजली, पाताल से निकला पानी, बन गया जलकुंड; देखें VIDEO - lightning fell on road

लखनऊ: अयोध्या बारिश का मौसम शुरू होते ही बदहाल नजर आ रही है, मगर योगी सरकार वर्ष 2033 तक अयोध्या को विश्व का सर्वोत्तम शहर बनाने की दिशा में काम करने का दावा कर रही है. इसके लिए वहां चल रही विभिन्न परियोजनाओं में 85 हजार करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है. यह बात उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की स्टडी में सामने आई है. यह स्टडी भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआई), अहमदाबाद गुजरात ने की है.

ईडीआई ने अपनी स्टडी में बताया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या का विकास इंफ्रास्ट्रक्चर, परिवहन और सुंदरीकरण से जुड़े हुए मुख्यतः 27 बिंदुओं को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है. इनमें से बहुत सारे प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं. वहीं कुछ पर अभी काम संचालित है, जिनके जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है.

इन 27 बिंदुओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है विकास: रोड और पार्किंग, रेल लाइन का दोहरीकरण, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, एयरपोर्ट, गुप्तारघाट, मंदिर संग्रहालय, वैक्स संग्रहालय, सांध्य सरोवर, अयोध्या बाजार, 37 धार्मिक स्थलों का पुनर्विकास एवं सौंदर्यीकरण, 25 पौराणिक एवं 39 चौराहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, साउंड लाइट शो के साथ वाटर स्पोर्ट्स और सरयू में क्रूज का संचालन, सरयू के घाटों पर 500 प्रीफ़ैब टॉयलेट्स की स्थापना की जाएगी.

इसके अलावा परिक्रमा मार्गों का विकास, विभिन्न मंदिरों का सौंदर्यीकरण एवं पुनर्विकास, 140 भाषाओं में मौसम का पूर्वानुमान, सोलर बोट्स का संचालन, 28 भाषाओं में पथ प्रदर्शक बोर्ड, हेलीकॉप्टर की सुविधा, ई-कार्ट सुविधा, दिव्यंगों एवं वृद्धजनों के लिए व्हीलचेयर, रेल ओवरब्रिज, लक्ष्मण पथ का निर्माण, सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना, कैफेटेरिया एवं ओपन थियेटर की सुविधाएं, सफाई मित्रों की तैनाती और स्ट्रीट लाईट जैसे अन्य प्रोजेक्ट शामिल हैं.

वैश्विक मानकों को ध्यान में रखकर बनी हैं परियोजनाएं: ईडीआइआई स्टडी में इस बात की पुष्टि की गई है कि नव्य अयोध्या के विकास के लिए बनी परियोजनाएं विश्वस्तरीय हैं. इसके लिए अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट और इंटरनेशनल बस स्टेशन का विकास किया जा रहा है. इसमें पहले फेज का काम पूरा हो चुका है. वहीं अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन को देशभर के प्रमुख शहरों के साथ निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक मानकों को ध्यान में रखकर उसका पुनर्विकास किया गया है.

क्या कहते हैं ईडीआई के महानिदेशक: ईडीआई के महानिदेशक डॉ. सुनील शुक्ला ने कहा कि अयोध्या में दुनिया की सबसे लंबी सौर स्ट्रीट लाइट परियोजना संचालित है, जिसमें गुप्तारघाट से लक्ष्मण घाट तक 10 किमी के क्षेत्र में 400 से अधिक स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही हैं

उन्होंने कहा कि इस प्रकार की विकासात्मक पहल से अयोध्या एक विकसित धार्मिक स्थल के रूप में पहचान बनाने के साथ-साथ प्रगतिशील शहरों के मानचित्र पर भी स्थापित हो जायेगी. अयोध्या में स्थान आधारित पर्यटन केंद्र बनाने पर दिया जा रहा ध्यान विभिन्न प्रकार के आगंतुकों, पर्यटकों, वास्तुकारों को आकर्षित करेगा, जो आने वाले वर्षों में शहर प्रबंधन और नगर नियोजन पर अध्ययन करेंगे.

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