अयोध्या : राम मंदिर के भूतल के बाद प्रथम तल, द्वितीय तल, तृतीय तल और शिखर के निर्माण का कार्य दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा. प्रथम तल पर राम दरबार को भी स्थापित कर दिया जाएग. इसे लेकर राम जन्मभूमि परिसर में निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है.
निर्माणधीन राम मंदिर का निर्माण युद्ध स्तर पर पूरा करने के लिए एलएंडटी, टाटा, राजकीय निर्माण निगम ने अपने वर्करों को बढ़ाने का निर्णय लिया है. मंदिर निर्माण समिति ने दिसंबर 2024 तक कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा है. मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने दिसम्बर तक मंदिर का कार्य पूरा होने का दावा किया है.
दिसम्बर से पहले गर्भगृह होगा स्थापित : प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम नवनी उत्सव भव्यता के साथ सम्पन्न हो गया है. अब मंदिर में शेष कार्यों को किया जा रहा है. इसमें राम मंदिर निर्माण में भूतल पर लगे खंभों में मूर्ति नक्काशी के लिए 200 कारीगरों को लगाया गया है. प्रथम तल का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है. लक्ष्य रखा गया है कि दिसम्बर से पूर्व राम दरबार को भी गर्भगृह में स्थापित कर दिया जाए. दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक द्वितीय तल, तृतीय तल और शिखर का निर्माण भी लगभग पूरा हो जाएगा. इसके लिए लगभग 1200 वर्कर लगाए गए हैं.
वहीं, मंदिर की भव्यता और सुरक्षा के लिए 800 मीटर लंबे परकोटे का भी निर्माण किया जा रहा है. इसमें परिक्रमा पथ और 6 देवी देवताओं के भी मंदिर का निर्माण हो रहा है. इस कार्य को 2000 मजदूर मिलकर कर रहे हैं. अब इसकी संख्या को बढ़ाकर 5000 किया जाएगा. इसके लिए एलएंडटी और राजकीय निर्माण निगम को निर्देशित किया गया है. इसके साथ ही राम जन्मभूमि परिसर में आठ और मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इसमें शेषवतार, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि बाल्मीकि, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ, निषाद राज, अहिल्या देवी का मंदिर प्रस्तावित है, जिसे अगले 18 माह में तैयार किया जाना है.
निर्माण कार्य में बड़ी संख्या में लगे मजदूर : श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा के मुताबिक, प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम नवमी उत्सव भी समाप्त हो गया है. अब पूरा फोकस निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए है. इसके लिए बड़ी संख्या में मजदूरों को लगाया गया है. रामनवमी से एक दिन पहले मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने कार्य योजना को लेकर समीक्षा की थी. उसी के आधार पर कार्य को गति दिया जाएगा, जिससे जो लक्ष्य दिसंबर 2024 तक का रखा गया है उसे पूरा किया जा सके.