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बच्चों का आधार कार्ड बनाते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना फ्यूचर में आएगी दिक्कतें - AADHAAR CARD

बच्चों का आधार कार्ड बनवाना एक सामान्य प्रक्रिया है. हालांकि, कई बार लोग बच्चे का आधार बनवाते वक्त कई गलतियां करते हैं.

बच्चों का आधार कार्ड बनाते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां
बच्चों का आधार कार्ड बनाते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां (Getty Images)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 8, 2024, 11:15 AM IST

नई दिल्ली: आधार कार्ड भारतीय नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है. यह हमारी पहचान और पते का सबसे विश्वसनीय प्रमाण है. इसका इस्तेमाल लगभग हर सरकारी और गैर-सरकारी कार्यों में हो रहा है. इसी तरह बच्चों के लिए भी आधार कार्ड होना बेहद जरूरी है. स्कूल में बच्चे के एडमिशन से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना तक आधार कार्ड की जरूरत पड़ती हैं.

बच्चों का आधार कार्ड बनवाना एक सामान्य प्रक्रिया है. हालांकि, कई बार लोग बच्चे का आधार बनवाते वक्त कई गलतियां करते हैं. इसके चलते बच्चों को आगे चलकर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में अगर आप भी अपने बच्चे के लिए आधार बनवाने जा रहे हैं तो ये गलतियां न करें.

वैसे तो बच्चों का आधार कार्ड वयस्कों की तरह ही बनता है, लेकिन इसमें कुछ अंतर होते हैं. बता दें कि अगर बच्चे की उम्र पांच साल से कम है तो उसके लिए आपको 'बाल आधार' बनवाना होगा. इस कार्ड में बच्चे की बायोमेट्रिक जानकारी, जैसे उंगलियों के निशान और आंखों का रेटिना स्कैन शामिल नहीं होता है.

यह जानकारी बच्चे के पांच साल पूरे होने के बाद दर्ज की जाती है. इसके चलते बाल आधार को नियमित आधार कार्ड में अपडेट करवाना होता है. वहीं, बच्चों का आधार कार्ड सफेद की जगह नीले रंग का होता है. चलिए अब आपको बताते हैं कि बाल आधार बनवाते समय आपको किन गलतियों को नहीं करना चाहिए.

नाम गलत न हो
जब आप अपने बच्चे का आधार कार्ड बनवाएं तो इस बात का ख्याल रखें कि बच्चे का नाम सही तरीके से दर्ज किया जाए. बहुत बार, माता-पिता जल्दबाजी में बच्चे के नाम की स्पेलिंग या सरनेम में गलत लिखवा देते हैं. नतीजन बच्चे इसे ठीक करवाने में समय और पैसा दोनों बर्बाद होते हैं. इसलिए ध्यान रखें कि बच्चे के नाम दर्ज करवाने में कोई गलती न हो.

माता-पिता के नाम में न हो गलती
बच्चे के आधार कार्ड में माता-पिता के नाम भी ठीक से दर्ज होना चाहिए. इसमें भी अक्सर गलती हो जाती है. खासकर सरनेम या नाम की स्पेलिंग. यह गलती बाद में परेशानियों का कारण बन सकती है. इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें कि बच्चे का आधार में माता-पिता का नाम ठीक हो.

एड्रेस न हो गलत
आधार कार्ड में सही एड्रेस की जानकारी भी सही होना बेहद जरूरी है. आमतौर पर, बच्चे का पता उसके पिता के आधार कार्ड में दर्ज पते से ही लिया जाता है. इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि पिता के आधार कार्ड में दर्ज पता सही हो. पते की गलत जानकारी बाद में दस्तावेजों के वेरिफेकेशन के वक्त मुश्किलें पैदा हो सकती हैं.

माता-पिता के आधार को बच्चे के आधार से लिंक कराएं
अक्सर माता-पिता अपने बच्चे के आधार कार्ड को अपने आधार कार्ड से लिंक नहीं करवाते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए. माता-पिता को अपना आधार बच्चे के आधार कार्ड से लिंक जरूर करवाना चाहिए. इससे बच्चे के नाम और माता-पिता के नाम के बीच संबंध की पुष्टि हो जाती है.

यह भी पढ़ें- जन्म या मृत्यु रजिस्ट्रेशन के लिए क्या जरूरी है आधार कार्ड? जानिए क्या कहता है नियम?

नई दिल्ली: आधार कार्ड भारतीय नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है. यह हमारी पहचान और पते का सबसे विश्वसनीय प्रमाण है. इसका इस्तेमाल लगभग हर सरकारी और गैर-सरकारी कार्यों में हो रहा है. इसी तरह बच्चों के लिए भी आधार कार्ड होना बेहद जरूरी है. स्कूल में बच्चे के एडमिशन से लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना तक आधार कार्ड की जरूरत पड़ती हैं.

बच्चों का आधार कार्ड बनवाना एक सामान्य प्रक्रिया है. हालांकि, कई बार लोग बच्चे का आधार बनवाते वक्त कई गलतियां करते हैं. इसके चलते बच्चों को आगे चलकर कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में अगर आप भी अपने बच्चे के लिए आधार बनवाने जा रहे हैं तो ये गलतियां न करें.

वैसे तो बच्चों का आधार कार्ड वयस्कों की तरह ही बनता है, लेकिन इसमें कुछ अंतर होते हैं. बता दें कि अगर बच्चे की उम्र पांच साल से कम है तो उसके लिए आपको 'बाल आधार' बनवाना होगा. इस कार्ड में बच्चे की बायोमेट्रिक जानकारी, जैसे उंगलियों के निशान और आंखों का रेटिना स्कैन शामिल नहीं होता है.

यह जानकारी बच्चे के पांच साल पूरे होने के बाद दर्ज की जाती है. इसके चलते बाल आधार को नियमित आधार कार्ड में अपडेट करवाना होता है. वहीं, बच्चों का आधार कार्ड सफेद की जगह नीले रंग का होता है. चलिए अब आपको बताते हैं कि बाल आधार बनवाते समय आपको किन गलतियों को नहीं करना चाहिए.

नाम गलत न हो
जब आप अपने बच्चे का आधार कार्ड बनवाएं तो इस बात का ख्याल रखें कि बच्चे का नाम सही तरीके से दर्ज किया जाए. बहुत बार, माता-पिता जल्दबाजी में बच्चे के नाम की स्पेलिंग या सरनेम में गलत लिखवा देते हैं. नतीजन बच्चे इसे ठीक करवाने में समय और पैसा दोनों बर्बाद होते हैं. इसलिए ध्यान रखें कि बच्चे के नाम दर्ज करवाने में कोई गलती न हो.

माता-पिता के नाम में न हो गलती
बच्चे के आधार कार्ड में माता-पिता के नाम भी ठीक से दर्ज होना चाहिए. इसमें भी अक्सर गलती हो जाती है. खासकर सरनेम या नाम की स्पेलिंग. यह गलती बाद में परेशानियों का कारण बन सकती है. इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें कि बच्चे का आधार में माता-पिता का नाम ठीक हो.

एड्रेस न हो गलत
आधार कार्ड में सही एड्रेस की जानकारी भी सही होना बेहद जरूरी है. आमतौर पर, बच्चे का पता उसके पिता के आधार कार्ड में दर्ज पते से ही लिया जाता है. इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि पिता के आधार कार्ड में दर्ज पता सही हो. पते की गलत जानकारी बाद में दस्तावेजों के वेरिफेकेशन के वक्त मुश्किलें पैदा हो सकती हैं.

माता-पिता के आधार को बच्चे के आधार से लिंक कराएं
अक्सर माता-पिता अपने बच्चे के आधार कार्ड को अपने आधार कार्ड से लिंक नहीं करवाते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए. माता-पिता को अपना आधार बच्चे के आधार कार्ड से लिंक जरूर करवाना चाहिए. इससे बच्चे के नाम और माता-पिता के नाम के बीच संबंध की पुष्टि हो जाती है.

यह भी पढ़ें- जन्म या मृत्यु रजिस्ट्रेशन के लिए क्या जरूरी है आधार कार्ड? जानिए क्या कहता है नियम?

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