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पश्चिम बंगाल: पीड़ित परिवार से गवर्नर ने की मुलाकात, बोले- उठाए जाएंगे प्रभावी कदम - Chopra Beating Incident

Chopra Beating Incident: पश्चिम बंगाल में एक जोड़े को सार्वजनिक रूप से पीटने की घटना ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है. विपक्ष ने सत्तारूढ़ पार्टी की निंदा की है. वहीं पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज किए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

CHOPRA BEATING INCIDENT
पश्चिम बंगाल में मॉब लिंचिंग (IANS)
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By PTI

Published : Jul 2, 2024, 1:17 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में दिनदहाड़े एक जोड़े के साथ मॉब लिंचिंग मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है. इस घटना ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को निशाने पर ले लिया है, क्योंकि मारपीट करने वाले व्यक्ति की पहचान टीएमसी के एक पदाधिकारी के रूप में की गई है. सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो क्लिप में हमले का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति की पहचान ताजमुल उर्फ ​​'जेसीबी' के रूप में हुई है.

पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार आरोपी तजीमुल इस्लाम के खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज किए हैं. उसके खिलाफ हत्या का प्रयास, महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला करने और गंभीर चोट पहुंचाने समेत कई आरोप लगाए हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी है.

जानकारी के मुताबिक, इस्लाम को सोमवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर की एक स्थानीय अदालत ने पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. उसके खिलाफ हत्या सहित 12 पुराने आपराधिक मामले भी लंबित हैं. रविवार को एक वीडियो सामने आने के बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया, जिसमें उन्हें चोपड़ा में एक जोड़े को बेरहमी से पीटते हुए दिखाया गया था.

इस घटना ने विवाद खड़ा कर दिया, जिसके कारण राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से रिपोर्ट मांगी, जबकि भाजपा ने सत्तारूढ़ टीएमसी पर राज्य में तालिबान शासन शुरू करने का आरोप लगाया है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस भी आज पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ितों और स्थानीय निवासियों से मुलाकात की. खबर ये है कि इस घटना की रिपोर्ट पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सरकार को सौंपेंगे.

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने आरोप लगाते हुए कहा कि, पश्चिम बंगाल की हिंसा सरकार प्रायोजित है. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य में हिंसा के हालिया मामलों को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा. मंगलवार को कूचबिहार में पीड़ितों से मिलने के बाद बोस ने कहा, 'इस प्रकार की घटना राज्य सरकार के नेतृत्व, समर्थन और संरक्षण में हो रही है. और इसके पीछे राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी, नौकरशाह और भ्रष्ट पुलिस कर्मी हैं.'

राज्यपाल बोस ने राज्य में हाल ही में हुई हिंसा की घटना पर टिप्पणी की और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ अपने सुर बुलंद किए. पीड़िता से मुलाकात के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा, 'मैं यहां राज्यपाल के तौर पर नहीं हूं. मैं यहां अभिभावक के तौर पर हूं. मैं यहां एक आम नागरिक के तौर पर हूं. बंगाल में ऐसी घटनाएं हो रही हैं. यह देखना मेरा कर्तव्य है कि राज्य सरकार, पुलिस मंत्री द्वारा लोगों के अधिकारों को कम नहीं किया जाए और मैं वही करूंगा. एक संवैधानिक प्रमुख के तौर पर मुझे ऐसा करना होगा.'

उन्होंने यह भी कहा, 'पंचायत चुनाव के बाद से ही बंगाल में हिंसा हो रही है. यह नहीं चल सकती. राज्य सरकार को इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन मैं देख रहा हूं कि इसके उलट सरकार पैसे से इन्हें प्रमोट कर रही है.' वे अधिक हिंसा फैलाने की पहल कर रहे हैं. बंगाल में एक बदसूरत स्थिति विकसित हो गई है और इसे अभी और यहीं समाप्त होना चाहिए.' राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि, वह मुख्यमंत्री से 22 बार रिपोर्ट मांग चुके हैं. उन्होंने कहा, 'यह राज्यपाल की संवैधानिक जिम्मेदारी है. और यह मुख्यमंत्री की भी जिम्मेदारी है कि अगर मैं किसी मामले पर रिपोर्ट मांगता हूं तो वह दी जाए.' लेकिन ऐसा नहीं किया गया है. बोस ने कहा कि, 'मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि ये घटनाएं सरकार के तत्वावधान में हो रही हैं. और इस मुद्दे को उचित तरीके से हल किया जाएगा.' वहीं, राज्यपाल से मुलाकात के बाद पीड़िता ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि, उन्होंने राज्यपाल को पूरी घटना बता दी है और उन्हें उम्मीद है कि गवर्नर उन्हें न्याय दिलाने के लिए कदम उठाएंगे क्योंकि उन्हें बंगाल की पुलिस पर भरोसा नहीं है.'

इस बाबत, मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कहा कि मैं यहां केवल राज्यपाल के रूप में ही नहीं, बल्कि वंचित गरीबों के मित्र के रूप में भी आया हूं. हिंसा अपवाद नहीं, बल्कि एक आदर्श बन गई है. इसकी जिम्मेदारी (राज्य के) गृह मंत्री की है. राज्यपाल के रूप में, यह मेरा संवैधानिक कर्तव्य है कि मैं देखूं कि जीवन के अधिकार के साथ छेड़छाड़ न हो. राज्यपाल के रूप में, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि संविधान और लोगों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी. हिंसा की संस्कृति खत्म होनी चाहिए. पश्चिम बंगाल के अधिकांश हिस्सों में हत्याएं देखी जा रही हैं. आवश्यक कदम प्रभावी ढंग से उठाए जाएंगे.

एक आईपीएस अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इस्लाम इलाके का जाना-माना दबंग है और उसका आपराधिक रिकॉर्ड है. 2021 में चोपड़ा में एक हत्या के मामले में उसका नाम सामने आया था. हमारे अधिकारियों ने उससे पूछताछ शुरू कर दी है.

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में दिनदहाड़े एक जोड़े के साथ मॉब लिंचिंग मामले ने काफी तूल पकड़ लिया है. इस घटना ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को निशाने पर ले लिया है, क्योंकि मारपीट करने वाले व्यक्ति की पहचान टीएमसी के एक पदाधिकारी के रूप में की गई है. सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो क्लिप में हमले का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति की पहचान ताजमुल उर्फ ​​'जेसीबी' के रूप में हुई है.

पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार आरोपी तजीमुल इस्लाम के खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज किए हैं. उसके खिलाफ हत्या का प्रयास, महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला करने और गंभीर चोट पहुंचाने समेत कई आरोप लगाए हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी है.

जानकारी के मुताबिक, इस्लाम को सोमवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर की एक स्थानीय अदालत ने पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. उसके खिलाफ हत्या सहित 12 पुराने आपराधिक मामले भी लंबित हैं. रविवार को एक वीडियो सामने आने के बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया, जिसमें उन्हें चोपड़ा में एक जोड़े को बेरहमी से पीटते हुए दिखाया गया था.

इस घटना ने विवाद खड़ा कर दिया, जिसके कारण राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से रिपोर्ट मांगी, जबकि भाजपा ने सत्तारूढ़ टीएमसी पर राज्य में तालिबान शासन शुरू करने का आरोप लगाया है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस भी आज पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ितों और स्थानीय निवासियों से मुलाकात की. खबर ये है कि इस घटना की रिपोर्ट पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सरकार को सौंपेंगे.

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने आरोप लगाते हुए कहा कि, पश्चिम बंगाल की हिंसा सरकार प्रायोजित है. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य में हिंसा के हालिया मामलों को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा. मंगलवार को कूचबिहार में पीड़ितों से मिलने के बाद बोस ने कहा, 'इस प्रकार की घटना राज्य सरकार के नेतृत्व, समर्थन और संरक्षण में हो रही है. और इसके पीछे राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी, नौकरशाह और भ्रष्ट पुलिस कर्मी हैं.'

राज्यपाल बोस ने राज्य में हाल ही में हुई हिंसा की घटना पर टिप्पणी की और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ अपने सुर बुलंद किए. पीड़िता से मुलाकात के बाद राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा, 'मैं यहां राज्यपाल के तौर पर नहीं हूं. मैं यहां अभिभावक के तौर पर हूं. मैं यहां एक आम नागरिक के तौर पर हूं. बंगाल में ऐसी घटनाएं हो रही हैं. यह देखना मेरा कर्तव्य है कि राज्य सरकार, पुलिस मंत्री द्वारा लोगों के अधिकारों को कम नहीं किया जाए और मैं वही करूंगा. एक संवैधानिक प्रमुख के तौर पर मुझे ऐसा करना होगा.'

उन्होंने यह भी कहा, 'पंचायत चुनाव के बाद से ही बंगाल में हिंसा हो रही है. यह नहीं चल सकती. राज्य सरकार को इनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन मैं देख रहा हूं कि इसके उलट सरकार पैसे से इन्हें प्रमोट कर रही है.' वे अधिक हिंसा फैलाने की पहल कर रहे हैं. बंगाल में एक बदसूरत स्थिति विकसित हो गई है और इसे अभी और यहीं समाप्त होना चाहिए.' राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की भूमिका पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि, वह मुख्यमंत्री से 22 बार रिपोर्ट मांग चुके हैं. उन्होंने कहा, 'यह राज्यपाल की संवैधानिक जिम्मेदारी है. और यह मुख्यमंत्री की भी जिम्मेदारी है कि अगर मैं किसी मामले पर रिपोर्ट मांगता हूं तो वह दी जाए.' लेकिन ऐसा नहीं किया गया है. बोस ने कहा कि, 'मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि ये घटनाएं सरकार के तत्वावधान में हो रही हैं. और इस मुद्दे को उचित तरीके से हल किया जाएगा.' वहीं, राज्यपाल से मुलाकात के बाद पीड़िता ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि, उन्होंने राज्यपाल को पूरी घटना बता दी है और उन्हें उम्मीद है कि गवर्नर उन्हें न्याय दिलाने के लिए कदम उठाएंगे क्योंकि उन्हें बंगाल की पुलिस पर भरोसा नहीं है.'

इस बाबत, मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने कहा कि मैं यहां केवल राज्यपाल के रूप में ही नहीं, बल्कि वंचित गरीबों के मित्र के रूप में भी आया हूं. हिंसा अपवाद नहीं, बल्कि एक आदर्श बन गई है. इसकी जिम्मेदारी (राज्य के) गृह मंत्री की है. राज्यपाल के रूप में, यह मेरा संवैधानिक कर्तव्य है कि मैं देखूं कि जीवन के अधिकार के साथ छेड़छाड़ न हो. राज्यपाल के रूप में, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि संविधान और लोगों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी. हिंसा की संस्कृति खत्म होनी चाहिए. पश्चिम बंगाल के अधिकांश हिस्सों में हत्याएं देखी जा रही हैं. आवश्यक कदम प्रभावी ढंग से उठाए जाएंगे.

एक आईपीएस अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इस्लाम इलाके का जाना-माना दबंग है और उसका आपराधिक रिकॉर्ड है. 2021 में चोपड़ा में एक हत्या के मामले में उसका नाम सामने आया था. हमारे अधिकारियों ने उससे पूछताछ शुरू कर दी है.

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