देहरादून (उत्तराखंड): देश में 17वीं लोकसभा का कार्यकाल लगभग पूरा होने जा रहा है. 18वीं लोकसभा के कार्यकाल के लिए 19 अप्रैल से पहले चरण के साथ मतदान की शुरुआत होगी. ऐसे में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) ने 17वीं लोकसभा के सांसदों के कार्यकाल की रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में ये बताया गया है कि जनता के चुने गए सांसदों ने जनता की समस्याओं को संसद में केंद्र सरकार के सामने कितनी बार पेश किया. संसद में जनता के प्रतिनिधि कितने दिन उपस्थित रहे और कितने सवाल किए. खास बात ये है कि इसमें गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत का उपस्थिति रिकॉर्ड उत्तराखंड के अन्य सांसदों से सबसे अधिक है.
सांसद तीरथ सिंह रावत की रिपोर्ट: 17वीं लोकसभा में उत्तराखंड के तमाम सांसदों का रिकॉर्ड कुछ मिला-जुला रहा. रिपोर्ट के मुताबिक, पौड़ी लोकसभा सीट से सांसद तीरथ सिंह रावत संसद के 273 दिनों में से 252 दिन संसद में उपस्थित रहे. इस दौरान उन्होंने मात्र 57 सवाल उत्तराखंड के गढ़वाल लोकसभा सीट की जनता से जुड़े केंद्र सरकार के समक्ष रखे.
सांसद अजय टम्टा की रिपोर्ट: अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट से सांसद अजय टम्टा संसद के 273 दिनों में से 242 दिन उपस्थित रहे हैं. लेकिन जनता से जुड़े सवालों की बात की जाए तो मात्र उनके द्वारा 9 बार संसद भवन में सवाल पूछे गए हैं.
सांसद माला राज्य लक्ष्मी ने चौंकाया: टिहरी लोक सभा सीट से सांसद माला राज्य लक्ष्मी की संसद भवन में उपस्थिति और सवाल के आंकड़ों ने चौंकाया है. आंकड़ों के मुताबिक, माला राज्य लक्ष्मी ने 273 दिनों में से 235 दिन संसद भवन में उपस्थित रहकर 118 सवाल जनता से जुड़े हुए पूछे हैं.
सांसद अजय भट्ट के आंकड़े: बात नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से सांसद अजय भट्ट की करें तो 273 दिनों में से वे संसद में मात्र 114 दिन ही उपस्थित रहे हैं. हैरानी की बात यह है उनकी बड़ी संसदीय सीट होने के बावजूद भी उनके द्वारा मात्र 39 सवाल संसद में पूछे गए हैं.
सांसद निशंक का प्रदर्शन निराशाजनक: हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक 273 दिनों में से मात्र 97 दिन ही संसद भवन में उपस्थित रहे हैं. जबकि हरिद्वार लोकसभा सीट से जुड़े मात्र 18 सवाल उन्होंने संसद में रखे.
संसद में सवाल पूछने का अर्थ है कि सांसदों द्वारा अपने क्षेत्र की समस्याओं को केंद्र सरकार तक पहुंचाना. उत्तराखंड के पांचों सांसदों में अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक सबसे पीछे हैं. वहीं उपस्थिति और सवाल पूछने के मामले में तीरथ सिंह रावत और माला राज्य लक्ष्मी ठीक-ठाक पायदान पर नजर आ रही हैं.
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