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असम सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमाएं कर दी है सील, ओडिशा में बॉर्ड पर गश्त बढ़ी - India Bangladesh Border Sealed - INDIA BANGLADESH BORDER SEALED

बांग्लादेश की स्थिति पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर निगरानी को बढ़ा दिया गया है. पड़ोसी देश से किसी भी तरह की घुसपैठ की अनुमति नहीं दी जाएगी. वहीं दूसरी ओर ओडिशा में बांग्लादेश बॉर्डर से सटे इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है.

Assam Chief Minister Dr. Himanta Biswa Sarma
असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा (फोटो - ANI Photo)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 8, 2024, 6:16 PM IST

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को आश्वासन दिया कि भारत-बांग्लादेश बाड़ के साथ सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और पड़ोसी देश से किसी भी घुसपैठ की अनुमति नहीं दी जाएगी. बांग्लादेश में हाल के दिनों में स्थिति बिगड़ने के बाद से घुसपैठ एक चिंता का विषय बनी हुई है, जिसमें शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसके कारण 5 अगस्त को हसीना को देश से बाहर कर दिया गया.

सीमाएं सील कर दी गई हैं: बिस्वा ने कहा कि "हमें भारत-बांग्लादेश सीमा को पूरी तरह सुरक्षित रखने की ज़रूरत है. आज के समय में अगर किसी के पास पासपोर्ट नहीं है, तो किसी भी व्यक्ति को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. इसलिए चाहे हमारा सुतारकंडी हो या मनकाचर, हमने सीमा को पूरी तरह से बंद कर दिया है." मुख्यमंत्री ने गुरुवार को गुवाहाटी में बांग्लादेश की हालिया स्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त की.

उन्होंने कहा कि "असम से (बांग्लादेश में) पढ़ने गए एक-दो छात्र वापस आ गए हैं. एक-दो ऐसे असम आए हैं, जो पासपोर्ट और आधिकारिक वीजा दिखा सकते हैं. इसके अलावा भारत सरकार ने कोई ऐसा फैसला नहीं लिया है कि किसी भी व्यक्ति को असम या भारत आने दिया जाए. बल्कि भारत सरकार ने सीमा को पूरी तरह सील रखने का निर्देश दिया है."

बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित हमले का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि "बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं और भारत सरकार नवगठित सरकार पर राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से समाधान निकालने के लिए दबाव बनाएगी, ताकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार न हो. बांग्लादेश के 20-30 लोगों को भारत में रखना समाधान नहीं है. समाधान यह होगा कि उन्हें बांग्लादेश में सुरक्षा का आश्वासन दिया जाए."

ओडिशा ने भी बॉर्डर पर गश्त बढ़ाई: वहीं दूसरी ओर ओडिशा सरकार ने भी पड़ोसी देश से अवैध प्रवासियों के प्रवेश को रोकने के लिए गश्त को मजबूत करने के लिए कमर कस ली है. ओडिशा पुलिस के महानिदेशक अरुण सारंगी ने बताया कि ओडिशा सरकार ने समुद्र तट के साथ प्रवेश मार्गों की जांच के लिए विशेष रूप से तटीय जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है. ओडिशा पुलिस बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कड़ी नजर रख रही है.

पुलिस महानिदेशक अरुण सारंगी ने बताया कि समुद्री सुरक्षा को महत्व दिया गया है. डीजीपी अरुण सारंगी की जानकारी के अनुसार, बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा जिलों में 9 समुद्री पुलिस स्टेशनों पर गश्त को मजबूत किया गया है. आने वाली नावों पर भी नजर रखी जा रही है. राज्य में किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति पैदा न हो, इसके लिए राज्य पुलिस अलर्ट पर है.

पुलिस डीजी ने कहा, बांग्लादेश में जगन्नाथ मंदिर और हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया है. इसलिए ओडिशा में किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है. पुरी में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है. सभी समुद्री पुलिस स्टेशनों और तटीय सुरक्षा गार्डों को सतर्क रहने और ओडिशा के तटों पर समुद्री मार्गों पर किसी भी गतिविधि पर नज़र रखने के लिए कहा गया है. तटीय जिलों के एसपी भी स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं.

गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को आश्वासन दिया कि भारत-बांग्लादेश बाड़ के साथ सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और पड़ोसी देश से किसी भी घुसपैठ की अनुमति नहीं दी जाएगी. बांग्लादेश में हाल के दिनों में स्थिति बिगड़ने के बाद से घुसपैठ एक चिंता का विषय बनी हुई है, जिसमें शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसके कारण 5 अगस्त को हसीना को देश से बाहर कर दिया गया.

सीमाएं सील कर दी गई हैं: बिस्वा ने कहा कि "हमें भारत-बांग्लादेश सीमा को पूरी तरह सुरक्षित रखने की ज़रूरत है. आज के समय में अगर किसी के पास पासपोर्ट नहीं है, तो किसी भी व्यक्ति को भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. इसलिए चाहे हमारा सुतारकंडी हो या मनकाचर, हमने सीमा को पूरी तरह से बंद कर दिया है." मुख्यमंत्री ने गुरुवार को गुवाहाटी में बांग्लादेश की हालिया स्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त की.

उन्होंने कहा कि "असम से (बांग्लादेश में) पढ़ने गए एक-दो छात्र वापस आ गए हैं. एक-दो ऐसे असम आए हैं, जो पासपोर्ट और आधिकारिक वीजा दिखा सकते हैं. इसके अलावा भारत सरकार ने कोई ऐसा फैसला नहीं लिया है कि किसी भी व्यक्ति को असम या भारत आने दिया जाए. बल्कि भारत सरकार ने सीमा को पूरी तरह सील रखने का निर्देश दिया है."

बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित हमले का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि "बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं और भारत सरकार नवगठित सरकार पर राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से समाधान निकालने के लिए दबाव बनाएगी, ताकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार न हो. बांग्लादेश के 20-30 लोगों को भारत में रखना समाधान नहीं है. समाधान यह होगा कि उन्हें बांग्लादेश में सुरक्षा का आश्वासन दिया जाए."

ओडिशा ने भी बॉर्डर पर गश्त बढ़ाई: वहीं दूसरी ओर ओडिशा सरकार ने भी पड़ोसी देश से अवैध प्रवासियों के प्रवेश को रोकने के लिए गश्त को मजबूत करने के लिए कमर कस ली है. ओडिशा पुलिस के महानिदेशक अरुण सारंगी ने बताया कि ओडिशा सरकार ने समुद्र तट के साथ प्रवेश मार्गों की जांच के लिए विशेष रूप से तटीय जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है. ओडिशा पुलिस बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कड़ी नजर रख रही है.

पुलिस महानिदेशक अरुण सारंगी ने बताया कि समुद्री सुरक्षा को महत्व दिया गया है. डीजीपी अरुण सारंगी की जानकारी के अनुसार, बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा जिलों में 9 समुद्री पुलिस स्टेशनों पर गश्त को मजबूत किया गया है. आने वाली नावों पर भी नजर रखी जा रही है. राज्य में किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति पैदा न हो, इसके लिए राज्य पुलिस अलर्ट पर है.

पुलिस डीजी ने कहा, बांग्लादेश में जगन्नाथ मंदिर और हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया है. इसलिए ओडिशा में किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है. पुरी में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है. सभी समुद्री पुलिस स्टेशनों और तटीय सुरक्षा गार्डों को सतर्क रहने और ओडिशा के तटों पर समुद्री मार्गों पर किसी भी गतिविधि पर नज़र रखने के लिए कहा गया है. तटीय जिलों के एसपी भी स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं.

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