गुवाहाटी: राज्य के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है. लगातार बारिश के कारण ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. राज्य के कई जिले मानसून की पहली बाढ़ से जलमग्न हो चुके हैं. ताजा जानकारी के अनुसार इस बाढ़ में अब तक 25 लोगों की जान जा चुकी है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के ताजा आंकड़ों के अनुसार बुधवार को बाढ़ के कारण एक व्यक्ति की जान चली गई.
फिलहाल राज्य के आठ जिले बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. वे हैं कछार, करीमगंज, मोरीगांव, होजाई, नागांव, दिमा-हसाओ, हैलाकांडी और पश्चिम कार्बी आंगलोंग.
इन आठ जिलों के 19 राजस्व अंचल बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. ये हैं-
कछार के 5 राजस्व मंडल - सिलचर, कटिगोराह, उधरबोंड, लक्ष्मीपुर, सोनाई.
दीमा-हसाओ- हाफलोंग का एक राजस्व मंडल.
हैलाकांडी के 2 राजस्व मंडल, अलगपुर.
होजाई के 3 राजस्व मंडल, डोबका, होजाई, लंका.
पश्चिमी कार्बी आंगलोंग का एक राजस्व मंडल - डोंगकामुकम.
करीमगंज के 2 राजस्व मंडल, पथरकंडी, नीलामबाजार.
मोरीगांव के 2 राजस्व मंडल, मायांग.
नागांव के 3 राजस्व मंडल, राहा, कामपुर.
बाढ़ से प्रभावित फसल और क्षेत्र: असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, आठ जिलों में 5055.6 हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है.
2 लाख से अधिक लोग मुसीबत में: आठ जिलों की कुल 246813 आबादी बाढ़ की चपेट में है. इनमें से 98268 पुरुष, 81148 महिलाएँ और 67397 बच्चे हैं.
आश्रय शिविर: बाढ़ प्रभावित जिलों में कुल 133 आश्रय शिविर पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं.
कछार में 65
दीमा हसाओ में 2
हैलाकांडी में 2
होजाई में 26
पश्चिम कार्बी आंगलोंग में 3
मोरीगांव में 2
नागांव में 33
पशुधन नुकसान: बाढ़ में कुल 32246 पशुधन को नुकसान पहुंचा है. इनमें से 15282 बड़ी नस्लों से है. वहीं 9707 छोटी नस्लों और 7257 पक्षी (मुर्गी) बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.