गुवाहाटी : मुस्लिम विवाह और तलाक अधिनियम को लेकर असम में विवाद जारी है. हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने इस अधिनियम को रद्द कर दिया है. सोमवार को विधानसभा में इसको लेकर हंगामा भी हुआ. इस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि जब तक वह जिंदा हैं, तब तक किसी भी छोटी बेटियों की जिंदगी बर्बाद नहीं होने देंगे.
सोशल मीडिया सीएम ने एक वीडियो साझा किया है. इसमें वह कह रहे हैं कि कांग्रेस के लोग सुन लें, जब तक हिमंत बिस्वा जिंदा है, तब तक बच्चियों का बाल विवाह नहीं होने देंगे. इसमें उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय की बेटियों को बर्बाद करने की दुकान खोल दी है, जिसे वह बंद करके रहेंगे. हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा में कहा कि वह 2026 तक ऐसी सभी प्रैक्टिस को बंद करेंगे. उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक चुनौती देते हैं कि वह यह काम करके रहेंगे.
एआईयूडीएफ के नेता रफीकुल इस्लाम ने एक्ट रद्द करने को लेकर मुख्यमंत्री की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इस कानून को रद्द करने का अधिकार असम कैबिनेट को नहीं है. रफीकुल ने कहा कि अभी तो कैबिनेट के निर्णय को विधानसभा में लाना बाकी है, और भारतीय संविधान के अनुसार यह मुस्लिम पर्सनल लॉ का मामला है. रफीकुल ने कहा कि हम इस मामले की चर्चा विधानसभा में करना चाहते थे, लेकिन स्पीकर ने अपने अनुमति नहीं दी.
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