जोधपुर: नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण के आरोप में जोधपुर केंद्रीय कारागृह में आजीवन कारावास से सजा भुगत रहा आसाराम सोमवार को उपचार के बाद वापस जोधपुर लौट आया है. मुंबई से जोधपुर की फ्लाइट से लौटे आसाराम को कड़ी सुरक्षा के साथ वापस एयरपोर्ट से जेल ले जाया गया. आज भी आसाराम को प्लेन से नीचे उतरने के बाद एक विशेष वाहन से गेट तक लाया गया और एंबुलेंस में शिफ्ट किया गया.
इस दौरान उसे देखने आए उसके साधकों को एक फिर निराशा हाथ लगी. आसाराम को 24 अगस्त को ले जाया गया था. पांच दिन की पैरोल बढ़ाई गई थी. सोमवार को मुंबई से जोधपुर आते समय आसाराम के भक्त बड़ी संख्या में फ्लाइट में थे जो बार-बार उसके पास जाकर उसका आशीर्वाद लेने का प्रयास करने में लगे रहे. इस दौरान जोधपुर पुलिस के जवान उनको रोकने का प्रयास करते नजर आए.
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11 साल में पहली बार 14 दिन बाहर रहा जेल से : आसाराम को सितंबर 2013 में इंदौर से जोधपुर पुलिस गिरफ्तार करके लेकर आई थी. इसके बाद से जेल में ही है. गिरफ्तारी के बाद करीब पांच साल लंबी ट्रायल चली. इस दौरान आसाराम को जेल से कोर्ट लाया जाता था. 2018 में फैसला आने के बाद कोर्ट आना भी बंद हो गया. सिर्फ इलाज के लिए अस्पताल लाया गया. यह पहला मौका है जब 11 साल में पहली बार आसाराम जोधपुर से 14 दिन तक बाहर रहा है.
पहली बार मिली आसाराम को पैरोल : जोधपुर जेल में हाईकोर्ट में आसाराम की ओर से कई बार पैरोल के लिए याचिकाएं लगाई गईं, लेकिन पहली बार उपचार के लिए 13 अगस्त को न्यायाधीश पुष्पेद्र भाटी और न्यायाधीश मुन्नारी लक्ष्मण की खंडपीठ ने जोधपुर एम्स की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सात दिन की पैरोल दी थी. आसाराम की ओर से हमेशा यह दलील दी जाती रही है कि वह सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेद उपचार करवाएगा.
उसके शिष्य ने कोर्ट में महाराष्ट्र के खपोली स्थित माधव बाग अस्पताल में हार्ट का इलाज करवाने के लिए पैरोल का आग्रह किया था. जिस पर पहली बार उसे पैरोल मिली. आसाराम 27 अगस्त को रवाना हुआ था. उसकी याचिका और अस्पताल की रिपोर्ट पर पांच दिन पैरोल बढ़ाई गई थी. जिसके पूरे होने के बाद सोमवार को उसे वापस जोधपुर लाया गया है. कोर्ट के निर्देश पर उपचार और आने-जाने का पूरा खर्चा आसाराम के द्वारा ही वहन किया गया है. कोर्ट ने आसाराम की पैरोल का समय उपचार शुरू होने से और खत्म होने की ही तय की थी. आने-जाने का समय नहीं जोड़ा गया.