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असद्उद्दीन ओवैसी को मिली अंतरिम राहत हाईकोर्ट ने आगे बढ़ाई, ये था पूरा मामला - asaduddin owaisi news

एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी को मिली अंतरिम राहत हाईकोर्ट ने आगे बढ़ा दी है. चलिए जानते हैं पूरे मामले के बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 17, 2024, 7:46 AM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ थाने में आईपीसी की धारा 153-ए, 295-ए और 298 के तहत दर्ज मुकदमे में एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी को मिली अंतरिम राहत आगे बढ़ा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई तक किसी प्रकार की ओवैसी के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर लगी रोक को आगे बढ़ा दिया है.

मामले के तथ्यों के अनुसार ओवैसी ने श्रीराम जन्मभूमि विवाद मामले में सिद्धार्थनगर में एक टीवी इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असंतुष्टि जताई थी. कहा था कि वह मुस्लिम लॉ पर्सनल बोर्ड की तरह फैसले से संतुष्ट नहीं है. उनके इस इंटरव्यू पर शोहरतगढ़ डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य ने आपत्ति जताते हुए सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था. कोर्ट के आदेश पर ओवैसी के खिलाफ शोहरतगढ़ थाने में आईपीसी की धारा 153-ए, 295-ए और 298 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए ओवैसी को सम्मन भी जारी किया था. ओवैसी ने इस कार्रवाई को रद्द करने की मांग में हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है. कहा गया है कि सीजेएम ने बिना बयान दर्ज किए ही याची को सम्मन जारी किया है. याची दूसरे प्रदेश का निवासी है और परिवाद शुरू किए जाने से पूर्व आवश्यक मंजूरी नहीं ली गई.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ थाने में आईपीसी की धारा 153-ए, 295-ए और 298 के तहत दर्ज मुकदमे में एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी को मिली अंतरिम राहत आगे बढ़ा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई तक किसी प्रकार की ओवैसी के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर लगी रोक को आगे बढ़ा दिया है.

मामले के तथ्यों के अनुसार ओवैसी ने श्रीराम जन्मभूमि विवाद मामले में सिद्धार्थनगर में एक टीवी इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असंतुष्टि जताई थी. कहा था कि वह मुस्लिम लॉ पर्सनल बोर्ड की तरह फैसले से संतुष्ट नहीं है. उनके इस इंटरव्यू पर शोहरतगढ़ डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य ने आपत्ति जताते हुए सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था. कोर्ट के आदेश पर ओवैसी के खिलाफ शोहरतगढ़ थाने में आईपीसी की धारा 153-ए, 295-ए और 298 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए ओवैसी को सम्मन भी जारी किया था. ओवैसी ने इस कार्रवाई को रद्द करने की मांग में हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है. कहा गया है कि सीजेएम ने बिना बयान दर्ज किए ही याची को सम्मन जारी किया है. याची दूसरे प्रदेश का निवासी है और परिवाद शुरू किए जाने से पूर्व आवश्यक मंजूरी नहीं ली गई.

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