नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल अब सरकारी आवास भी छोड़ देंगे. इसके बाद वह कहां रहेंगे, अभी तय नहीं है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में मुख्यमंत्री के रहने के लिए अभी तक अधिकृत सरकारी आवास नहीं है और ना ही अन्य राज्यों की तरह पूर्व मुख्यमंत्री को रहने के लिए कोई सरकारी आवास आवंटित किया जाता है. ऐसा इसलिए हैं, क्योंकि हर मुख्यमंत्री अपनी पसंद के आवास में रहता आया है. 1993 के बाद के मुख्यमंत्री किस आवास में रहे, जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट...
दिल्ली की राजनीति को करीब से जानने वाले और पांच बार विधायक मोहन सिंह बिष्ट बताते हैं, "दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री अलग-अलग जगह पर अलग-अलग सरकारी बंगलों में रहते आए हैं. इसलिए कभी गंभीरता से इस मुद्दे पर विचार ही नहीं किया गया. साल 1993 में जब दिल्ली में विधानसभा गठित हुई तो विधानसभा के पास ही शामनाथ मार्ग स्थित 33 नंबर सरकारी बांग्ला तत्कालीन मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना को आवंटित किया गया था. उसके बाद अगले मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा उस बंगले में नहीं रहे. उन्होंने शामनाथ मार्ग पर ही मंत्री पद पर मिले सरकारी बंगला में ही रहना पसंद किया."
"साहिब सिंह वर्मा के बाद 1998 के होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जब कुछ दिनों के लिए बीजेपी की तेजतर्रार नेता सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बनीं तो वह है सिविल लाइंस स्थित उन दोनों बंगलों में नहीं रहकर लुटियंस दिल्ली में मिले अपने सरकारी बंगले में ही रहने का फैसला किया. सुषमा स्वराज सिर्फ 53 दिनों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री पद पर रहीं थी." -मोहन सिंह बिष्ट, सीनियर विधायक
शीला दीक्षित ने बदले दो आवासः सुषमा स्वराज के बाद दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री शीला दीक्षित बनीं. शीला दीक्षित अपने पहले कार्यकाल में मथुरा रोड स्थित एबी-17 सरकारी आवास में रहीं. वर्तमान में यह सरकारी आवास आतिशी को आवंटित है और इससे पहले मनीष सिसोदिया इसमें अधिकृत रूप से रहते थे. हालांकि, शीला दीक्षित भी जब दूसरी बार वर्ष 2003 में दोबारा मुख्यमंत्री बनी तो उन्होंने अपना आवास बदल लिया. वह मथुरा रोड से लुटियंस दिल्ली के मोतीलाल नेहरू मार्ग पर सरकारी बंगले में मुख्यमंत्री के तौर पर 10 सालों तक वह रहीं. शीला दीक्षित के बाद अरविंद केजरीवाल जब मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने अपने पहले कार्यकाल वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट के समीप तिलक लेन स्थित एक सरकारी फ्लैट को अपने आवास के लिए लिया था. हालांकि तब सरकार 49 दिन ही चली थी उसके बाद मुख्यमंत्री पद से केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया था.
"दिल्ली विधानसभा उत्तरी दिल्ली में स्थित हैं. इसलिए सरकार ने मंत्रियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए विधानसभा के समीप ही सरकारी आवास बनवाएं गए हैं." -रामनिवास गोयल, विधानसभा अध्यक्ष, दिल्ली
2015 में केजरीवाल को मिला फ्लैग स्टाफ रोड वाला सरकारी आवासः 2015 में जब पूर्ण बहुमत के साथ अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने अपने लिए सिविल लाइंस स्थित फ्लैग स्टाफ रोड के 6 नंबर सरकारी आवास को चुना, जिसमें वह शुरू के 5 साल रहे और वर्ष 2020 में जब तीसरी बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने वे इसी सरकारी आवास में रहे, लेकिन तीसरे कार्यकाल में पुराने आवास की जगह वहां नया निर्माण कराया गया, जो अभी भी जांच के घेरे में है. अब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं और अपने मंत्री आतिशी को उन्होंने भावी मुख्यमंत्री के लिए चुना है. आतिशी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहां रहेंगीं, यह उसके बाद ही स्पष्ट हो सकेगा.
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