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केजरीवाल की गिरफ्तारी और ED कस्टडी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा - Kejriwal Challenge To ED Arrest

Arvind Kejriwal's Challenge To ED Arrest: दिल्ली शराब घोटाले के मनी लॉड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और ED हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. केजरीवाल की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी और ED की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलीलें रखीं. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 3, 2024, 3:08 PM IST

Updated : Apr 3, 2024, 5:10 PM IST

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और ED कस्टडी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. लंच से पहले एक घंटे और लंच के बाद लगातार चली दो घंटे की बहस के बाद जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने आदेश सुरक्षित रख लिया. केजरीवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर खुद की रिहाई की मांग की है. केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में अपना पक्ष रखा. उसके बाद ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलीलें रखी. CM फिलहाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं.

केजरीवाल के वकील मनु सिंघवी की दलीलें: केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा कि लेवल प्लेइंग को ध्यान में रखते हुए यह बहुत इम्पॉर्टेंट केस है. इसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकसभा चुनाव भी शामिल है, जो लोकतंत्र का हिस्सा है. केजरीवाल की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि वो लोकतांत्रिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो पाएंगे. पहला वोट डाले जाने से पहले ही केजरीवाल और उनकी पार्टी को अलग-थलग करने की कोशिश की गई है.

सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी की टाइमिंग यह इशारा करती है कि यह असंवैधानिक है. गिरफ्तारी की जरूरत दूसरे कारणों से पड़ी. आपके पास गिरफ्तारी का अधिकार है तो आप गिरफ्तार कर सकते हैं. यहां गिरफ्तारी सिर्फ और सिर्फ अपमानित करने और नीचा दिखाने के लिए की गई है.

यह भी पढ़ें- भाजपा ने आतिशी को भेजा मानहानि का नोटिस, कहा- माफी न मांगने पर दर्ज कराएंगे केस

ASG ने SC के आदेश का हवाला दिया: ASG ने मनीष सिसोदिया के मामले में SC के आदेश का हवाला दिया. एएसजी ने एक उदाहरण दिया कि एक विक्रेता को लाइसेंस सरेंडर करने के लिए मजबूर किया गया था. इंडोस्पिरिट्स को ब्लैकलिस्ट किया गया था. इसलिए इसे लाइसेंस दिलाने के लिए फाइलें आगे बढ़ाई गईं. गुटबाजी के आरोपों के बावजूद फर्म को थोक लाइसेंस दिया गया था. शिकायतकर्ता को शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर किया गया. पहले थोक विक्रेताओं का मुनाफा 5% था, उसे बढ़ाकर 12% कर दिया गया है. ऐसा इसलिए किया गया ताकि 7% हिस्से का इस्तेमाल दलाली और रिश्वत देने के लिए किया जा सके.

एएसजी ने AAP के संचार प्रभारी विजय नायर की भूमिका का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह सब चुनाव से काफी पहले की बात है. अब कह रहे हैं चुनाव है. तथ्य यह है कि मुनाफा देने और रिश्वत लेने के लिए शराब नीति में हेराफेरी की गई थी, यह बहुत पहले से है. चुनाव को केवल दिखावा के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा नहीं है कि ED अब सक्रिय हुई है. ED की भी बाधाएं हैं. बड़ी संख्या में फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नष्ट हो गए हैं. इसकी कीमत करोड़ों में है. एएसजी ने कहा कि केजरीवाल का इतना प्रभाव है कि उसे पिछले आरोप पत्रों की प्रतियां, विश्वसनीय, अविश्वसनीय दस्तावेज मिले हैं. केजरीवाल झूठे बयान देने के दोषी हैं.

यह भी पढ़ें- तिहाड़ में केजरीवालः जेल के नहीं, अपने बिस्तर पर सोए और घर का खाना खाया

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और ED कस्टडी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. लंच से पहले एक घंटे और लंच के बाद लगातार चली दो घंटे की बहस के बाद जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने आदेश सुरक्षित रख लिया. केजरीवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर खुद की रिहाई की मांग की है. केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी कोर्ट में अपना पक्ष रखा. उसके बाद ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलीलें रखी. CM फिलहाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं.

केजरीवाल के वकील मनु सिंघवी की दलीलें: केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा कि लेवल प्लेइंग को ध्यान में रखते हुए यह बहुत इम्पॉर्टेंट केस है. इसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकसभा चुनाव भी शामिल है, जो लोकतंत्र का हिस्सा है. केजरीवाल की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि वो लोकतांत्रिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो पाएंगे. पहला वोट डाले जाने से पहले ही केजरीवाल और उनकी पार्टी को अलग-थलग करने की कोशिश की गई है.

सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी की टाइमिंग यह इशारा करती है कि यह असंवैधानिक है. गिरफ्तारी की जरूरत दूसरे कारणों से पड़ी. आपके पास गिरफ्तारी का अधिकार है तो आप गिरफ्तार कर सकते हैं. यहां गिरफ्तारी सिर्फ और सिर्फ अपमानित करने और नीचा दिखाने के लिए की गई है.

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ASG ने SC के आदेश का हवाला दिया: ASG ने मनीष सिसोदिया के मामले में SC के आदेश का हवाला दिया. एएसजी ने एक उदाहरण दिया कि एक विक्रेता को लाइसेंस सरेंडर करने के लिए मजबूर किया गया था. इंडोस्पिरिट्स को ब्लैकलिस्ट किया गया था. इसलिए इसे लाइसेंस दिलाने के लिए फाइलें आगे बढ़ाई गईं. गुटबाजी के आरोपों के बावजूद फर्म को थोक लाइसेंस दिया गया था. शिकायतकर्ता को शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर किया गया. पहले थोक विक्रेताओं का मुनाफा 5% था, उसे बढ़ाकर 12% कर दिया गया है. ऐसा इसलिए किया गया ताकि 7% हिस्से का इस्तेमाल दलाली और रिश्वत देने के लिए किया जा सके.

एएसजी ने AAP के संचार प्रभारी विजय नायर की भूमिका का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह सब चुनाव से काफी पहले की बात है. अब कह रहे हैं चुनाव है. तथ्य यह है कि मुनाफा देने और रिश्वत लेने के लिए शराब नीति में हेराफेरी की गई थी, यह बहुत पहले से है. चुनाव को केवल दिखावा के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा नहीं है कि ED अब सक्रिय हुई है. ED की भी बाधाएं हैं. बड़ी संख्या में फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नष्ट हो गए हैं. इसकी कीमत करोड़ों में है. एएसजी ने कहा कि केजरीवाल का इतना प्रभाव है कि उसे पिछले आरोप पत्रों की प्रतियां, विश्वसनीय, अविश्वसनीय दस्तावेज मिले हैं. केजरीवाल झूठे बयान देने के दोषी हैं.

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Last Updated : Apr 3, 2024, 5:10 PM IST
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