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ओडिशा: सेना की वर्दी की अवैध बिक्री, जांच में जुटी पुलिस

Armys Uniforms Illegal Sale in Berhampur: ओडिशा के बरहामपुर में सेना की वर्दी की अनाधिकृत बिक्री का मामला सामने आया है. पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और जांच में जुटी है.

Odisha: Case of unauthorized selling of army uniform, police engaged in investigation
ओडिशा: अनाधिकृत रूप से सेना की वर्दी बेचने का मामला, जांच में जुटी पुलिस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 19, 2024, 12:11 PM IST

Updated : Feb 19, 2024, 12:21 PM IST

वर्दी की जांच में जुटी पुलिस

बरहामपुर: सैन्य खुफिया इकाई से प्राप्त विशिष्ट इनपुट के आधार पर पुलिस ने बरहामपुर के गंजम गैलेक्सी स्टोर में अनाधिकृत रूप से सेना की वर्दी बेचने का खुलासा किया. पुलिस ने इन वर्दियों के जब्त कर लिया. टाउन थाने में कॉपीराइट एक्ट के तहत आपराधिक मामला दर्ज कर इसकी जांच की जा रही है. कपड़े की दुकान में सेना की वर्दी बेची जा रही थी.

गोपालपुर के आर्मी एडी कॉलेज में काम करने वाले रामबाबू डांगी ने बरहामपुर की अपनी यात्रा के दौरान एक स्टोर में सेना की वर्दी बेचने का मामला पाया. स्टोर में सेना की डिजिटल लड़ाकू वर्दी बेचा जा रही थी. 15 जनवरी, 2022 को सेना द्वारा नई डिजिटल पैटर्न पर लड़ाकू वर्दी का अनावरण किया गया था और पुरानी वर्दी को बदलने की प्रक्रिया चल रही है.

सेना ने 10 साल की अवधि के लिए डिजाइन और पैटर्न के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) प्राप्त किया है. इसे अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है. ऐसा अनधिकृत विक्रेताओं को लड़ाकू वर्दी के निर्माण और खुले बाजार में बेचने से रोकने के लिए किया गया है, क्योंकि यह भारतीय सेना के लिए एक गंभीर सुरक्षा खतरा पैदा कर रहा था.

आदेश के मुताबिक नई वर्दी केवल सेना की यूनिट संचालित कैंटीन में ही बेची जानी है. आईपीआर के कारण सेना के पास अब डिजाइन पर विशेष अधिकार है और वह इस डिजाइन की किसी भी अनधिकृत बिक्री के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती है. बरहामपुर टाउन पुलिस स्टेशन द्वारा 1,20,000 रुपये मूल्य की कुल 488 मीटर कॉम्बैट वर्दी जब्त की गई है. जांच के दौरान पता चला कि गंजाम गैलेक्सी स्टोर के मालिक ने यह वर्दी कोलकाता से खरीदी थी और उसने इसे लुधियाना से लाया था. निर्माण की जगह और इसके पीछे के लोगों की पुष्टि करने के लिए आगे की जांच चल रही है.

ये भी पढ़ें- Common Uniform : ब्रिगेडियर रैंक और उससे ऊपर के अधिकारियों के लिए अब सेना में एक जैसी वर्दी

वर्दी की जांच में जुटी पुलिस

बरहामपुर: सैन्य खुफिया इकाई से प्राप्त विशिष्ट इनपुट के आधार पर पुलिस ने बरहामपुर के गंजम गैलेक्सी स्टोर में अनाधिकृत रूप से सेना की वर्दी बेचने का खुलासा किया. पुलिस ने इन वर्दियों के जब्त कर लिया. टाउन थाने में कॉपीराइट एक्ट के तहत आपराधिक मामला दर्ज कर इसकी जांच की जा रही है. कपड़े की दुकान में सेना की वर्दी बेची जा रही थी.

गोपालपुर के आर्मी एडी कॉलेज में काम करने वाले रामबाबू डांगी ने बरहामपुर की अपनी यात्रा के दौरान एक स्टोर में सेना की वर्दी बेचने का मामला पाया. स्टोर में सेना की डिजिटल लड़ाकू वर्दी बेचा जा रही थी. 15 जनवरी, 2022 को सेना द्वारा नई डिजिटल पैटर्न पर लड़ाकू वर्दी का अनावरण किया गया था और पुरानी वर्दी को बदलने की प्रक्रिया चल रही है.

सेना ने 10 साल की अवधि के लिए डिजाइन और पैटर्न के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) प्राप्त किया है. इसे अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है. ऐसा अनधिकृत विक्रेताओं को लड़ाकू वर्दी के निर्माण और खुले बाजार में बेचने से रोकने के लिए किया गया है, क्योंकि यह भारतीय सेना के लिए एक गंभीर सुरक्षा खतरा पैदा कर रहा था.

आदेश के मुताबिक नई वर्दी केवल सेना की यूनिट संचालित कैंटीन में ही बेची जानी है. आईपीआर के कारण सेना के पास अब डिजाइन पर विशेष अधिकार है और वह इस डिजाइन की किसी भी अनधिकृत बिक्री के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती है. बरहामपुर टाउन पुलिस स्टेशन द्वारा 1,20,000 रुपये मूल्य की कुल 488 मीटर कॉम्बैट वर्दी जब्त की गई है. जांच के दौरान पता चला कि गंजाम गैलेक्सी स्टोर के मालिक ने यह वर्दी कोलकाता से खरीदी थी और उसने इसे लुधियाना से लाया था. निर्माण की जगह और इसके पीछे के लोगों की पुष्टि करने के लिए आगे की जांच चल रही है.

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Last Updated : Feb 19, 2024, 12:21 PM IST
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