देहरादून: सेंट्रल कमांडर के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने 'इंटीग्रेटेड हिमालयन मोटरसाइकिल' अभियान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है. इस रैली में 22 बाइकें शामिल हैं. अभियान का उद्देश्य हिमालयी क्षेत्रों में सुरक्षा को मजबूत करना और पर्यटन को बढ़ावा देना है. वहीं, हरी झंडी दिखाने से पहले टीम लीडर को मोटरसाइकिल अभियान का ध्वज सौंपा गया.
1800 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेंगे राइडर्स: 22 बाइक राइडर्स 12 दिनों तक 1800 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेंगे. ये थागला पास - माना पास - लाप्थल-रिमखिम से जोशीमठ होते हुए लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास तक जाएंगे. इस 'इंटीग्रेटेड हिमालयन मोटरसाइकिल' अभियान में जोशीमठ में मौजूद भारतीय सेवा की इबैक्स ब्रिगेड के साथ-साथ रॉयल एनफील्ड और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड IOCL ने सहयोग किया है. बाइक सवार सभी जवान गढ़वाल मंडल के अंतर्गत हिमालय की सभी घाटियों में अपने डेस्टिनेशन की ओर आगे बढ़ते हुए अपने साथ वीरता, बलिदान और देशभक्ति की कहानियां ले जाएंगे. रैली के दौरान सीमांत ग्रामीण आबादी के बीच लोगों से बातचीत करेंगे और सेना-सिविलियन के रिश्तों को और मजबूत करेंगे.
सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना अभियान का मुख्य उद्देश्य: रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत शुरू किया गया अभियान, इसलिए बेहद खास है क्योंकि यह पहली ऐसी ड्राइव है, जो गढ़वाल सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पड़ने वाले महत्वपूर्ण दर्रों को छूने की कोशिश करेगी. उन्होंने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही को बढ़ाना और पर्यटन को बढ़ावा देना है. खास तौर से गढ़वाल के सीमांत क्षेत्रों में रिवर्स माइग्रेशन को प्रोत्साहित करना है, जिससे सुरक्षा तंत्र को बढ़ाया जा सके.
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