नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख और राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल की रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के बीच संसद में गुरुवार को चर्चा के दौरान जोरदार बहस हुई. हनुमान बेनीवाल कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राजस्थान से जुड़ी रेल संबंधी मांगों के बारे में बात करना चाह रहे थे. बेनीवाल का आरोप है कि उनके साथ अश्विनी वैष्णव ने बदतमीजी की और उन्हें सदन से बाहर जाने के लिए कहा.
वहीं, हनुमान बेनीवाल ने स्वास्थ्य मामले में मिलने वाले मरीजों को सहायता को सात दिनों के अंदर रिलीज करने और कैंसर की दवाओं और इलाज को देश में मुफ्त करने की मांग की है. साथ ही पिछले दिनों रेल मंत्री के साथ हुई जोरदार तू तू मैं मैं पर सांसद बेनीवाल का कहना है कि वह रेल मंत्री के खिलाफ प्रिविलेज का मामला लेकर आ सकते हैं.
संसद में रेल मंत्री को 'रील' मंत्री की संज्ञा देने और रेल मंत्री के साथ गुरुवार को तू तू मैं मैं की घटना पर बोलते हुए उन्होंने कहा की लगातार रेल दुर्घटनाएं हो रही हैं और ये मुद्दा उठाने पर रेल मंत्री ने उनके सवाल का जवाब नही दिया उल्टे उन्हें फटकार लगा दी. उन्होंने कहा कि, वे रेल मंत्री के खिलाफ प्रिविलेज लेकर आ सकते हैं.
सांसद हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा कि, उन्होंने संसद में कहा है कि, कैंसर का इलाज मुफ्त किया जाए और आयुष्मान के अंतर्गत इलाज का जो पैसा मिलता है वह कई महीनों के बाद आता है. बेनीवाल ने संसद में कहा कि, इलाज के लिए पैसा सात दिनों के अंदर दिए जाने का प्रावधान किया जाए.
नागौर लोकसभा से सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा की जिन्हें आयुष्मान का पैसा मिलता है वे ज्यादातर गरीब लोग होते और उस पैसे के लिए उन्हें महीनों इंतजार करना पड़ता और ऑपरेशन के बाद ये पैसा आता है.उन्होंने कहा की उन्होंने सरकार से मांग को है की ये पैसा आवेदन के सात दिनों के अंदर दिए जाने का प्रावधान किया जाए, साथ कैंसर के मरीजों का इलाज सरकार मुफ्त में करवाए.
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