चंडीगढ़ : सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने आज चंडीगढ़, हरियाणा समेत कई राज्यों में गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. हरियाणा की बात करें तो यहां कुरुक्षेत्र सीट पर आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ेगी. ईटीवी भारत से EXCLUSIVE बात करते हुए आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने INDI गठबंधन , हरियाणा बजट और किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर सिलसिलेवार ढंग से अपनी बात रखी.
1) आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन हो गया है, हरियाणा में आम आदमी पार्टी को एक सीट मिली है आप इस पर क्या कहेंगे ?
जवाब - ये देश को बचाने की लड़ाई है, लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है. बीजेपी देश के संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है. जो खूबसूरत संविधान बनाया गया और हमें जो मौलिक अधिकार दिए गए, उन मौलिक अधिकारों को बीजेपी छीनने की कोशिश कर रही है. उसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़नी है और बीजेपी को हराना है. यही इंडी गठबंधन का मकसद है. बीजेपी पिछले कई दिनों से गठबंधन को रोकने के लिए साजिशें कर रही है. सबको तोड़ने की कोशिश हो रही थी और सीबीआई और ईडी की धमकियां दी जा रही थी. अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है. हमारे लिए व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं है. अरविंद केजरीवाल खुद कहते हैं कि उनके लिए देश सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. जेल क्या तुम फांसी पर चढ़ा दो, लेकिन हम डरने वाले लोग नहीं है. बीजेपी की हार तय हो गई है.
2)आम आदमी पार्टी और कांग्रेस कहती थी कि दोनों पार्टियां 10 के 10 सीटों पर लड़ने में सक्षम है. आपको अब एक सीट कुरुक्षेत्र की मिली है. क्या आप संतुष्ट हैं ?
जवाब - हमें कुरुक्षेत्र की सीट मिली है. कुरुक्षेत्र अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है. मुझे लगता है कि इस धर्म युद्ध में जीत की शुरुआत कुरुक्षेत्र से ही करेंगे. सारी सीटों पर बीजेपी का बोरिया बिस्तर समेट कर उनकी हरियाणा से रवानगी तय करेंगे. बहुत ही महत्वपूर्ण लड़ाई है. ये हमारे अहंकार की लड़ाई नहीं है, ये अनुराग या केजरीवाल की लड़ाई नहीं है. ये कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की लड़ाई नहीं है. बल्कि ये देश की लड़ाई है. देश बचाने की लड़ाई है. इसलिए हमें जो भी करना पड़ा वो सब किया. हमने रणनीतिक तौर पर वो फैसले लिए, जो जीत के लिए जरूरी है. उसी के आधार पर ये फैसला लिया गया कि कहां पर इकट्ठा लड़ना है, कहां सीट शेयरिंग होगी, कहां अलग-अलग लड़ेंगे. हम रिजल्ट सिर्फ एक लाना चाहते हैं कि बीजेपी शून्य पर आ जाए.
3)पंजाब में कांग्रेस और AAP अलग-अलग लड़ रहे हैं. पंजाब हरियाणा से सटा हुआ है. क्या आपको नहीं लगता इससे लोगों में भ्रांति पैदा होगी?
जवाब - कोई भ्रांति पैदा नहीं होगी. आप देखिए कि पंजाब में हम सत्ता में है और कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है. लेकिन हरियाणा में वो स्थिति नहीं है. हरियाणा के अंदर कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है और आम आदमी पार्टी ने कुछ समय पहले ही यहां अपना कैंपेन शुरू किया है. एक मजबूत संगठन हमने तैयार किया है. ये सब रणनीतिक तौर पर विस्तृत चर्चा होने के बाद ही फैसला लिया गया है कि वोटों का बंटवारा किसी भी तरीके से नहीं होना चाहिए. किसी भी तरह से बीजेपी की तरफ वोट नहीं जाना चाहिए. फैसला लेने के बाद ही हमने इस गठबंधन पर मुहर लगाई है. इससे आप समझ जाइए कि भारतीय जनता पार्टी की हार पंजाब में भी तय है और हरियाणा में भी तय है.
4)हुड्डा साहब ने भी फैसले का स्वागत किया है, और उन्होंने कहा है कि चुनावी समर में एक साथ उतरेंगे. क्या आप लोग भी प्रचार में एक साथ उतरेंगे ?
जवाब - ये धर्म युद्ध है, इसमें एक अधर्म का बीजेपी वाला है, और दूसरा धर्म का, जिसमें सब लोग इकट्ठा हैं. पूरी ताकत के हिसाब से चुनाव लड़ेंगे. हरियाणा की 10 की 10 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का सूपड़ा साफ करेंगे. इंडिया जीतेगा, बीजेपी हारेगी.
5) बजट को लेकर आपने कहा कि हरियाणा ने बजट में आम आदमी पार्टी की कई योजनाओं को कॉपी किया है, आप किस आधार पर ये कह रहे हैं?
जवाब - ये बीजेपी और मनोहर लाल का विदाई बजट था. बजट सुनकर मुझे ये समझ में आया. साढ़े नौ साल में उन्होंने जो नीतियां अपनाई, जो योजनाएं लेकर आए, लोगों को समझ नहीं आई, लोगों ने उन्हें स्वीकार नहीं किया. इसलिए साढ़े नौ साल के बाद जब उन योजनाओं को इंप्लीमेंट नहीं कर सके, उस समय पर भी ये घोषणाएं लेकर आए, जो योजनाएं दिल्ली और पंजाब में सफलतापूर्वक चल रही है. इन्होंने दो-तीन महीने पहले तीर्थ यात्रा योजना की घोषणा की थी. अब बजट में उसके लिए प्रोविजन लेकर आए हैं कि 84 से 85 लाख बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर भेजेंगे जिनकी इनकम सालाना ₹100000 से कम है. ये तो इन्होंने मान लिया कि 84 से 85 लाख लोगों को खाने के लाले पड़े हुए हैं. इतनी गरीबी इन्होंने फैला दी है. इन्होंने घोषणा कर दी, बहुत है. अब हम जब सरकार में आएंगे तो इसको पूरा करेंगे. दूसरा दिल्ली और पंजाब में जो सबसे सफलतापूर्वक योजना चल रही है, वो शहीदों के परिवार को एक करोड़ की सम्मान राशि देने की है. इनको लगा कि ये बहुत ही पॉपुलर स्कीम है. लोग इसका सम्मान करते हैं तो चुनाव से ठीक पहले इनको शहीदों की याद आई. साढ़े नौ साल तक याद नहीं आई. कोई बात नहीं चुनाव के बाद जब आम आदमी पार्टी की सरकार आएगी तो हम इसको इंप्लीमेंट करेंगे. नकल करते हैं तो अकल का भी इस्तेमाल करना चाहिए. योजना को इंप्लीमेंट करने के लिए भी कुछ करना चाहिए. बीजेपी की आदत है शहर के नाम बदल दिए, सड़कों के नाम बदल दिए. अब ये जुमले का नाम बदलकर गारंटी रखना चाहते हैं. नाम बदलने से जुमला तो जुमला ही रहेगा. गारंटी सिर्फ अरविंद केजरीवाल की है, हमारी कोई ब्रांच नहीं है नकलचियों से सावधान.
6) किसानों का लगातार बॉर्डर पर आंदोलन चल रहा है, स्थिति को आप कैसे देखते हैं?
जवाब - इसी स्थिति की वजह से ही सब लोगों के मन में सवाल है कि क्या देश में लोकतंत्र खत्म हो रहा है ? देश में हमारी आज़ादी खत्म हो रही है. हमारा मौलिक अधिकार है कि हम देश में कहीं भी आ जा सकते हैं. लेकिन सीमेंट की दीवारें खड़ी कर, कीलें लगा दी गई हैं. हमें मौलिक अधिकार है कि हम प्रदर्शन कर सकते हैं अपनी मांगों को लेकर. लेकिन प्रदर्शन करने नहीं दिया जाता है. आंसू गैस के गोले मारे जाते हैं और गिरफ्तार किया जाता है. ये सब देश की आजादी को खत्म करने की कोशिश है. इसलिए लोग इसको लेकर गंभीर हैं. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सबने देखा कि कैसे भारतीय जनता पार्टी ने वोट की चोरी की. इसलिए हम सब एक हो गए हैं. देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाना है। भारतीय जनता पार्टी को हराना है। ये लोकसभा चुनाव इसी मुद्दे पर लड़ा जाएगा. भारतीय जनता पार्टी की हार इसमें तय है.
7) किसानों का आंदोलन चल रहा है, इसका आप किस तरह का आने वाले दिनों में असर देख रहे हैं चुनाव में खासतौर पर?
जवाब - इसका असर तो आने वाले दिनों में पता चलेगा. लेकिन मैं इतना जरुर कहना चाहूंगा कि भारतीय जनता पार्टी का जो चरित्र है, उनकी किसानों के प्रति जो बुरी भावनाएं हैं, वो इससे निकलकर सामने आई हैं. हरियाणा में भी किसानों के ऊपर लाठी चार्ज हुआ, आंसू गैस के गोले चलाए गए. मतलब ये हुआ कि किसान कहीं भी अपनी बात कहने के लिए इकट्ठा होंगे तो आप उन पर लाठियां चला देंगे. ये पूरी तरीके से दमन है. लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश है. रोहतक में पंजाब का एक किसान जो एडमिट है, उसके साथ जो व्यवहार किया गया, दुश्मन के साथ भी ऐसा व्यवहार नहीं किया जाता. उसका ठीक से इलाज न करने के आरोप लग रहे हैं. आतंकवादी हो या देश का दुश्मन, उसका भी सरकार मानवीयता के नाते इलाज करवाती है. फिर उसको कानूनी तौर पर सजा दी जाती है.
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