नई दिल्ली: पेपर लीक विरोधी कानून लागू करने को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने हाल ही में कई परीक्षाओं को लेकर उठे विवादों से निपटने के लिए लागू किए गए कानून को 'डैमेज कंट्रोल' करार दिया. राज्यसभा सांसद ने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू ने फरवरी में ही इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी, जबकि यह 21 जून को लागू हुआ है.
उन्होंने कहा कि यह विधेयक पेपर लीक होने के बाद मामले से निपटता है, जबकि पेपर लीक को रोकना सबसे महत्वपूर्ण है. बता दें कि सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 शुक्रवार से लागू हो गया है.
'डैमेज कंट्रोल है एंटी पेपर लीक कानून'
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जयराम रमेश ने कहा, '13 फरवरी 2024 को भारत के राष्ट्रपति ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम), विधेयक, 2024 को अपनी सहमति दी थी, जबकि आज सुबह ही देश को बताया गया है कि यह अधिनियम कल यानी 21 जून, 2024 से लागू हो गया है. स्पष्ट रूप से, यह NEET, UGC-NET, CSIR-UGC-NET और अन्य घोटालों से निपटने के लिए डैमेज कंट्रोल है.'
उन्होंने कहा कि इस कानून की जरूरत थी, लेकिन यह पेपर लीक होने के बाद उससे निपटता है. हालांकि, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण कानून, सिस्टम, प्रोसेस और कार्यप्रणाली है जो यह सुनिश्चित करती है कि लीक पहले ही न हो.
क्या है सजा का प्रावधान?
गौरतलब है कि सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 बिल का उद्देश्य देश भर में आयोजित सार्वजनिक परीक्षाओं और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में गड़बड़ी को रोकना है. इसमें पेपर लीक से जुड़े अपराधों के लिए तीन से पांच साल की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान है. यह विधेयक संसद के दोनों सदनों से बजट सत्र में पारित हुआ था.
बता दें कि NEET-UG 2024 परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी. परीक्षा के परिणाम आने के बाद इसमें अनियमितताओं और पेपर लीक के आरोप लगे थे. इसके चलते विवाद खड़ा हो गया था. परिणामों से पता चला कि 720 के पूर्ण स्कोर के साथ 67 छात्रों ने परीक्षा में टॉप किया था. छात्रों ने फिर से परीक्षा की मांग करते हुए अदालतों में याचिकाएं दायर की गई हैं. इस बीच 18 जून को आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा भी रद्द कर दी गई.
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