अंबाला : हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का एक बड़ा बयान आया है, जिससे फिर से एक बार सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या अनिल विज नाराज़ हैं. मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए अनिल विज ने कहा है कि वे बीजेपी के छोटे से कार्यकर्ता हैं और लोकसभा चुनाव की बैठकों में बड़े-बड़े लोग जाया करते हैं. वहीं वे ये कहना भी नहीं भूले कि अंबाला से बंतो कटारिया को बीजेपी ने टिकट दिया है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि पार्टी ने किसे टिकट दिया है.
'अनिल विज नाराज़ होते रहते हैं, उन्हें मना लिया जाएगा'
दरअसल हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को बदलकर नायब सिंह सैनी को सीएम बनाने के बाद से ही अनिल विज की नाराज़गी लगातार सुर्खियां बटोर चुकी हैं. यहां तक कि मनोहर लाल खट्टर ने भी मीडिया के सामने आकर कह दिया था कि अनिल विज नाराज़ होते रहते हैं, उन्हें मना लिया जाएगा.
'कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी'
हालांकि इसके बाद अनिल विज ने शेरो-शायरी वाले अंदाज में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर लिखा कि "कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी, सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-ज़मां हमारा". तब भी सवाल खड़ा हुआ कि अनिल विज ने आखिर किस पर ये शायराना अटैक किया है ?.
'वो इतना रूठे कि सनम ने मनाना ही छोड़ दिया'
इसके बाद हरियाणा में कांग्रेस ने अनिल विज की नाराज़गी को लेकर बीजेपी पर सवाल उठाए. हरियाणा कांग्रेस ने अपने आधिकारिक (X) हैंडल पर अनिल विज की नाराजगी पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'वो इतना रूठे कि सनम ने मनाना ही छोड़ दिया... पूर्व गृह मंत्री अनिल विज के साथ उनकी पार्टी का ये रवैया आखिर क्यों है? हरियाणा भाजपा की गुटबाजी की वजह से ही पहले प्रदेश की कानून व्यवस्था खराब रही और आजकल विज साहब का मूड खराब रहता है'
'मैं छोटा सा कार्यकर्ता हूं,मीटिंग में बड़े-बड़े लोग जाते हैं'
कांग्रेस के इस ट्वीट पर विज ने जवाब देते हुए कहा है कि कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद है और कांग्रेस को अपने बारे में सोचना चाहिए. अनिल विज ने कहा कि वे बीजेपी के कार्यकर्ता हैं , वे पार्टी से कभी नाराज़ नहीं हो सकते. विज ने ये भी कहा कि काम करने का दायरा भले ही छोटा या बड़ा हो सकता है, लेकिन वे पार्टी के लिए विधायक के तौर पर काम कर रहे हैं. ऐसे में जब मीडिया ने उनसे पंचकुला और गुरुग्राम में हुई बीजेपी की लोकसभा मीटिंग में ना जाने पर सवाल पूछा तो अनिल विज ने कहा कि वे तो बस छोटे से कार्यकर्ता हैं, मीटिंगों में तो बड़े बड़े लोग ज़ाया करते हैं. विज ने कहा कि वे छोटे कार्यकर्ता हैं, उनके लिए विधानसभा ही उनका कार्यक्षेत्र है. साथ ही उन्होंने कहा कि अंबाला से बीजेपी की लोकसभा प्रत्याशी बंतो कटारिया उनसे मिली थीं और उनके लिए ये कोई मायने नहीं रखता कि टिकट किसे दिया गया है. सभी को मिलकर पार्टी के लिए काम करना है और नरेंद्र मोदी के 400 पार के टार्गेट को पूरा करना है.
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अनिल विज का बीजेपी को संदेश क्या ?
अब ऐसे में सवाल खड़े हो गए कि अनिल विज ने खुद को छोटा सा कार्यकर्ता बताते हुए ये क्यों कहा कि मीटिंग में बड़े-बड़े लोग जाया करते हैं. क्या वे बीजेपी में अपनी अनदेखी की बात कर रहे हैं. साथ ही ये भी सवाल है कि उन्होंने बंतो कटारिया को लोकसभा टिकट देने का जिक्र क्यों किया.? क्या अनिल विज भी मनोहर लाल खट्टर की तर्ज पर अंबाला से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक थे और वे अपने बयानों से बीजेपी को आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं.