देहरादून: आज शनिवार 8 जून को आईएमए देहरादून में पासिंग आउट परेड हुई. आईएमए से आज कुल 394 जेंटलमैन कैडेट पास आउट हुए. इन जेंटलमैन कैडेट में आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले का एक ऐसा युवक भी शामिल है जो 14 साल से सैन्य अफसर बनने के लिए मेहनत कर रहा था.
आंध्रा के मिढथाना बने लेफ्टिनेंट: आंध्र प्रदेश के मिढथाना राव के परिजनों के लिए आज का दिन अपार खुशी लेकर आया है. आज मिढथाना भारतीय सेना में अफसर बन गए हैं. सरल व्यक्तित्व के मिढथाना से पासिंग आउट परेड के बाद ईटीवी भारत संवाददात ने बात की तो उन्होंने अपनी अब तक की जीवन यात्रा की एक-एक बात बताई. मिढथाना ने बताया कि कैसे वो सैन्य अफसर बने.
2010 में सेना में सैनिक के रूप में भर्ती हुए: मिढथाना राव बताया कि वो 2010 में भारतीय सेना में सैनिक के रूप में भर्ती हुए थे. लेकिन उनके मन में सैन्य अफसर बनने का जुनून था. वो इसके लिए प्रयास करते रहे. उन्होंने बताया कि मैंने तीन बार एसीसी एंट्री दी. तीसरी बार में मुझे सफलता मिली. तीसरी बार ऑफिसर ट्रेनिंग के लिए सलेक्ट होने के बाद मिढथाना राव ने एसीसी विंग में तीन साल ट्रेनिंग ली. कुल चार साल की ट्रेनिंग के बाद आज उनका सैन्य अफसर बनने का सपना पूरा हुआ है.
पिता ड्राइवर, मां हाउस वाइफ: मिढथाना राव ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां और पिताजी को दिया. साथ ही अपनी पत्नी को भी हर पल प्रेरित करने के लिए धन्यवाद कहा. मिढथाना के पिता ड्राइवर हैं और मां हाउस वाइफ हैं. उन्होंने बताया कि मां ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ना सिखाया. मिढथाना राव मद्रास रेजीमेंट को धन्यवाद करना भी नहीं भूले. उन्होंने कहा कि एक साधारण परिवार से सैन्य अधिकारी बनना काफी रोमांचित करने वाला अनुभव है. मिढथाना राव की मां ने कहा कि उनका बेटा बहुत मेहनती है. आज बेटे से सैन्य अफसर बनने पर उन्हें काफी खुशी और संतोष हो रहा है. उनकी पत्नी ने भी पति की सफलता पर खुशी जताई. उन्होंने बताया कि मेरे पति ने हार्ड वर्क के साथ बहुत सेक्रिफाइस किया.
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