नवीन उनियाल, देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होकर सेना का अफसर बनने की हर कैडेट्स की अपनी कहानी है. एम श्रीनिवास राव भी ऐसी ही एक बेहद संघर्ष भरी जर्नी से अकादमी तक पहुंचे हैं. आंध्र प्रदेश के रहने वाले एम श्रीनिवास राव साल 2012 में ही सेना में शामिल हुये, लेकिन वे सेना में अफसर के रूप में शामिल होना चाहते थे. जिस इच्छा को उन्होंने कई बार के प्रयासों के बाद हासिल किया. खास बात यह है कि यह सब उन्होंने अपने भाई की प्रेरणा से किया जो खुद सेना में शामिल होना चाहता था,लेकिन स्वास्थ्य कारणों से सेना में नहीं जा पाया. इसके बाद उन्होंने अपने भाई एम श्रीनिवास राव को सेना में जाने की प्रेरणा दी.
भारतीय सैन्य अकादमी में प्रथम पग के साथ सेवा का हिस्सा बनने वाले एम श्रीनिवास राव आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं. वे अपने गांव के ऐसे अकेले युवा हैं जिन्होंने यह मुकाम हासिल किया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए एम श्रीनिवास राव बताते हैं कि उन्होंने साल 2012 में ही सेना को ज्वाइन कर ली थी. उनकी इच्छा सेना में बतौर सैन्य अफसर बनने की थी. जिसके लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की. कई बार के प्रयास करने के बाद आखिरकार SSB क्लियर करते हुए सेना में अफसर बनने का रास्ता तलाश लिया.
एम श्रीनिवास राव की इस सफलता के पीछे उनके भाई सबसे बड़ी वजह हैं. एम श्रीनिवास राव खुद बताते हैं कि उनके बड़े भाई ने ही उन्हें सेना में जाने की प्रेरणा दी. इस प्रेरणा की बदौलत उन्होंने आज वे सेना में अफसर बने हैं. एम श्रीनिवास राव के भाई कहते हैं कि वह खुद भी सेना में जाना चाहते थे, लेकिन, स्वास्थ्य कारणों के कारण उनकी यह इच्छा अधूरी रह गई. ऐसे में उन्होंने अपने भाई को सेना में जाने के लिए प्रेरित किया. जिसमें वे सफल रहे. आज उन्हें बहुत खुशी है कि उनका भाई सेना में अफसर बन गया है.
एम श्रीनिवास राव के पिता किसान हैं. वह एक मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं. ऐसे में उनके लिए शिक्षा प्राप्त करने के फौरन बाद नौकरी पाना बेहद जरूरी था. परिवार की रोजी-रोटी को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने तमाम प्रयास किये. भाई की प्रेरणा से सेना में जाने की कोशिश की. साल 2012 में उन्होंने सेना ज्वाइन की. इसके बाद उन्होंने अफसर बनने के रास्ते तलाशे. आज पासिंग आउट परेड के साथ उनका सफर पूरा हो गया है.