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आंध्र प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल के लिए 8 विधायकों को अयोग्य घोषित किया - MLAs For Party Defection

Andhra Pradesh 8 MLAs Disqualifies : आंध्र प्रदेश की युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की ओर से दायर एक याचिका के बाद विधानसभा से आठ विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है.

Andhra Pradesh 8 MLAs Disqualifies
प्रतिकात्मक तस्वीर. (फाइल फोटो)
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By ANI

Published : Feb 27, 2024, 8:50 AM IST

अमरावती : आंध्र प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष तम्मीनेनी सीताराम ने पार्टी दलबदल के खिलाफ निर्णायक रुख अपनाते हुए 8 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, युवजन श्रमिका रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की ओर से दायर एक याचिका के बाद अयोग्य सदस्यों में अनम रामनारायण रेड्डी, मेकापति चंद्रशेखर रेड्डी, कोटाम रेड्डी श्रीधर रेड्डी और उंदावल्ली श्रीदेवी शामिल हैं.

अयोग्य ठहराए गए विधायकों पर आरोप है कि उन्होंने अपनी मूल पार्टियों से हटकर अन्य राजनीतिक संस्थाओं के प्रति अपनी निष्ठा बदल ली है. यह कदम स्पीकर की नजर में लोकतांत्रिक ताने-बाने और मतदाताओं के जनादेश को कमजोर करता है. राजनीतिक परिदृश्य में 'दल-बदल' शब्द उस स्थिति को परिभाषित करता है जब किसी राजनीतिक दल का कोई सदस्य अपनी पार्टी छोड़कर दूसरे दलों से हाथ मिला लेता है.

सीएमओ की विज्ञप्ति के अनुसार, अयोग्यता का निर्णय उल्लिखित विधायकों के खिलाफ वाईएसआरसीपी की याचिका में प्रस्तुत आरोपों और सबूतों की गहन जांच के बाद आया. अयोग्य ठहराए गए सदस्यों पर पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने और पार्टी के सिद्धांतों के विपरीत गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.

इसके अलावा, मद्दलागिरी, करणम बलराम, वल्लभनेनी वामसी और वासुपल्ली गणेश ने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की ओर से दायर एक याचिका के आधार पर खुद को अयोग्य पाया. टीडीपी की याचिका में पार्टी की अपेक्षाओं के साथ असंगत विभिन्न कदाचार और कार्यों का आरोप लगाया गया.

अयोग्यता आंध्र प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है, क्योंकि इन निर्णयों का विधानसभा में शक्ति संतुलन पर प्रभाव पड़ेगा. विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके परिणामों और रिक्त सीटों को भरने के लिए संभावित उप-चुनावों के बारे में राजनीतिक हलकों में चर्चा और बहस छिड़ने की उम्मीद है.

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अयोग्य ठहराए गए विधायकों पर आरोप है कि उन्होंने अपनी मूल पार्टियों से हटकर अन्य राजनीतिक संस्थाओं के प्रति अपनी निष्ठा बदल ली है. यह कदम स्पीकर की नजर में लोकतांत्रिक ताने-बाने और मतदाताओं के जनादेश को कमजोर करता है. राजनीतिक परिदृश्य में 'दल-बदल' शब्द उस स्थिति को परिभाषित करता है जब किसी राजनीतिक दल का कोई सदस्य अपनी पार्टी छोड़कर दूसरे दलों से हाथ मिला लेता है.

सीएमओ की विज्ञप्ति के अनुसार, अयोग्यता का निर्णय उल्लिखित विधायकों के खिलाफ वाईएसआरसीपी की याचिका में प्रस्तुत आरोपों और सबूतों की गहन जांच के बाद आया. अयोग्य ठहराए गए सदस्यों पर पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने और पार्टी के सिद्धांतों के विपरीत गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.

इसके अलावा, मद्दलागिरी, करणम बलराम, वल्लभनेनी वामसी और वासुपल्ली गणेश ने तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की ओर से दायर एक याचिका के आधार पर खुद को अयोग्य पाया. टीडीपी की याचिका में पार्टी की अपेक्षाओं के साथ असंगत विभिन्न कदाचार और कार्यों का आरोप लगाया गया.

अयोग्यता आंध्र प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है, क्योंकि इन निर्णयों का विधानसभा में शक्ति संतुलन पर प्रभाव पड़ेगा. विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसके परिणामों और रिक्त सीटों को भरने के लिए संभावित उप-चुनावों के बारे में राजनीतिक हलकों में चर्चा और बहस छिड़ने की उम्मीद है.

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