विशाखापट्टनम: आंध्र प्रदेश पुलिस ने एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है. यह गिरोह चीन और ताइवान सहित कई देशों में फैला है और अपराधियों द्वारा दूसरों के बैंक खातों के माध्यम से धोखाधड़ी की रकम का अवैध रूप से ट्रांसफर किया जाता है.
पुलिस के अनुसार, विशाखापट्टनम का रहने वाला सूर्य मोहन चीन में कार चालक के रूप में काम करने के दौरान इस वैश्विक अपराध नेटवर्क के संपर्क में आया, जब चीन में उसके परिचितों ने उसे साइबर अपराधियों से मिलवाया.
पुलिस ने कहा कि भारत लौटने के बाद मोहन ने आर्थिक संकट का सामना कर रहे स्थानीय लोगों की पहचान करता था और सहायता के नाम उन्हें गिरोह से फंसाता. पुलिस ने बताया कि सूर्य मोहन लोगों को अपराधियों को अपने बैंक खाते किराए पर देने के लिए मनाता था, बदले में उन्हें प्रतिदिन भारी कमीशन देने की पेशकश करता था.
इसके चलते विशाखापट्टनम शहर के साईराम और कुछ अन्य लोग सूर्य मोहन द्वारा बताए गए टेलीग्राम ऐप के ग्रुप में अपने बैंक खाते की जानकारी पोस्ट करते थे. उन खातों में मोटी रकम जमा हो जाती थी. इसके बाद कुछ ही मिनटों में उन्हें चरणबद्ध तरीके से अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था और पैसे अवैध पेमेंट गेटवे के जरिये विदेश के खातों में पहुंच जाते थे.
दो खातों के जरिये 18 करोड़ रुपये ट्रांसफर
पुलिस के मुताबिक, चार महीने की अवधि में सिर्फ दो खातों के जरिये 18 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं. पुलिस की जांच में पता चला कि अवैध लेन-देन का स्रोत ताइवान, चीन और दूसरे देशों में सक्रिय संगठित अपराध गिरोहों से जुड़ा था. ये अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क भारत में अवैध धन के प्रवाह को आसान बनाते थे. धोखाधड़ी की संपत्ति को पहले भारत के कुछ लोगों के खातों में ट्रांसफर करते थे.
आंध्र प्रदेश पुलिस और गुजरात पुलिस ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया. अधिकारियों ने यह भी खुलासा किया कि ये जालसाज विभिन्न फर्जी कंपनियों, व्यक्तियों और संगठनों के साथ मिलकर मनी लॉन्ड्रिंग भी करते थे. पुलिस विदेशी गिरोहों की संलिप्तता और भारतीय गुर्गों के साथ उनके समन्वय की जांच कर रही है.
इन तरीकों से करें शिकायत
अगर कोई लालच देकर आपके बैंक खाते का विवरण प्राप्त करने का प्रयास करता है, तो आप इन तरीकों से शिकायत कर सकते हैं.
- 1930 टोल फ्री नंबर पर कॉल करें.
- https://cybercrime.gov.in वेबसाइट पर जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
- स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.
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