अहमदाबाद: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में शरण लेने वाले लोगों को 1947 से 2014 तक न्याय नहीं दिया गया.
अहमदाबाद में सीएए के तहत नागरिकता प्रमाण पत्र वितरित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में शाह ने कहा, "सीएए सिर्फ लोगों को नागरिकता देने के लिए नहीं है, यह लाखों लोगों को न्याय और अधिकार देने के लिए भी है. कांग्रेस और उसके सहयोगियों की तुष्टीकरण की राजनीति के कारण, शरण लेने वाले लोगों को 1947 से 2014 तक न्याय नहीं मिला."
शाह ने कहा, "उन्हें पड़ोसी देशों में प्रताड़ित किया गया क्योंकि वे हिंदू, बौद्ध, सिख या जैन थे, लेकिन उन्हें अपने देश में भी प्रताड़ित किया गया...इंडी एलायंस की तुष्टीकरण की राजनीति ने उन्हें न्याय नहीं दिलाया...पीएम मोदी ने उन्हें न्याय दिलाया."
#WATCH | Ahmedabad, Gujarat: At the citizenship certificate distribution program under CAA, Union Home Minister Amit Shah says, " ... caa is not just for giving citizenship to people, it is also to give justice and rights to lakhs of people. because of the appeasement politics of… pic.twitter.com/WuYZPusoJs
— ANI (@ANI) August 18, 2024
कोई भी नागरिकता नहीं खोएगा
विपक्ष द्वारा सीएए को मुस्लिम विरोधी बताए जाने की आलोचना को खारिज करते हुए शाह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, "कोई भी नागरिकता नहीं खोएगा क्योंकि सीएए हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन शरणार्थियों को अधिकार देने के बारे में है. मैं अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों को यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि सीएए नागरिकता देने के बारे में है, न कि छीनने के बारे में."
'पिछली सरकारों ने घुसपैठियों को भारत में आने दिया'
अमित शाह ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने घुसपैठियों को देश में आने दिया और उन्हें अवैध रूप से नागरिकता दी, जबकि उन लोगों को नागरिकता देने से मना कर दिया जिन्होंने कानून का पालन किया और इसके लिए आवेदन किया, यह कहकर कि इसके लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है.
हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे
उन्होंने कहा कि विभाजन के समय बांग्लादेश में 27 प्रतिशत हिंदू थे, लेकिन आज वे केवल 9 प्रतिशत हैं क्योंकि उन्हें जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है. इस बीच शाह ने गुजरात के अहमदाबाद में 188 हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे.