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बांग्लादेश में उथल-पुथल के बीच, असम के सीएम ने असम, बंगाल, झारखंड के हिंदुओं को लेकर चिंता व्यक्त की - Assam CM On Bangladesh Crisis

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 8, 2024, 1:00 PM IST

Assam CM On Bangladesh Crisis: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आशंका जताई कि उग्रवादी समूहों को हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में 'सुरक्षित पनाह' मिल सकती है. उन्होंने सीमाओं को सुरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि कुछ लोग भारत में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Assam CM On Bangladesh Crisis
बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान (AP)

गुवाहाटी: बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान आया है. सीएम सरमा ने बुधवार को बांग्लादेशी सीमाओं से अवैध घुसपैठ पर चिंता जताते हुए कहा कि बांग्लादेश में अस्थिरता के कारण भारत घुसपैठियों का अड्डा बन सकता है, साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों में अवैध प्रवेश को बढ़ावा मिल सकता है.

बांग्लादेश के हालात पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बांग्लादेश में जो घटना हुई है, वह चिंताजनक है. इसके दो पहलू हैं. एक यह कि अगर बांग्लादेश में ऐसी अशांति जारी रही, तो कुछ लोग भारत आने को मजबूर हो जाएंगे, इसलिए हमें अपनी सीमाओं को सुरक्षित करना होगा. हिमंत बिस्वा शर्मा ने भविष्य में बांग्लादेश के आतंकवादी गतिविधियों के लिए सुरक्षित मैदान बनने की संभावना पर भी बात की.

असम में हिंदू अल्पसंख्यक बनते जा रहे हैं
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि बांग्लादेश की घटना मुझे बार-बार याद दिलाती है कि असम के 12 जिलों में हम पहले ही अल्पसंख्यक बन चुके हैं. हमारे राज्य में भी हिंदू समाज धीरे-धीरे अल्पसंख्यक बनने की ओर बढ़ रहा है. हम संख्या से नहीं लड़ सकते. हमारे पास संख्या से लड़ने की ताकत नहीं है और हम ऐसी अवैज्ञानिक लड़ाई नहीं लड़ना चाहते. क्या अल्पसंख्यक होने का मतलब यह है कि हमें अपने धर्म की पवित्रता को छोड़ देना चाहिए? बांग्लादेश की घटना ने मन को विचलित कर दिया है. असम पुलिस और बीएसएफ लगातार सीमा पर चौकसी कर रही है.

सीएम ने बांग्लादेश का जिक्र करते हुए कहा कि असम पुलिस और बीएसएफ लगातार सीमा पर चौकसी कर रही है ताकि कोई भी असम में न आ सके. हालांकि, बांग्लादेश में असम के छात्रों को वापस लाया गया है. सीमा की सुरक्षा करना मेरी संवैधानिक जिम्मेदारी है. लेकिन साथ ही, बार-बार मेरी संवेदनाएं बांग्लादेश में सताए जा रहे हिंदू अल्पसंख्यक लोगों के साथ हैं. न सोशल मीडिया के माध्यम से, हम इस्कॉन मंदिर, दुर्गा मंदिर को ध्वस्त किए जाने की बहुत दुखद तस्वीरें देख रहे हैं.

सरमा ने आगे कहा कि बांग्लादेश से आए हिंदू लोगों को रस्सी से बांधकर पेड़ों पर लटकाकर बेरहमी से प्रताड़ित किए जाने की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर देखी जा रही हैं. धर्मनिरपेक्षता को जीवन की विचारधारा मानने वाले बांग्लादेश की कम्युनिस्ट पार्टी के एक हिंदू नेता की भी हत्या कर दी गई है. बेशक, मुझे नहीं पता कि बातें कितनी सच हैं और कितनी झूठ. उम्मीद करते हैं कि वे तथ्य झूठे साबित हों.

मुख्यमंत्री की चिंता
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के साथ-साथ असम, पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे राज्यों के हिंदू समुदाय को भी भविष्य की चिंता हमेशा रहेगी. हम सीमाओं को सुरक्षित रखेंगे. हम किसी को भी सीमा के अंदर नहीं आने देंगे. क्योंकि यह एक संवैधानिक जिम्मेदारी है और हम उस जिम्मेदारी को पूरा करेंगे.

बांग्लादेश के उग्रवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनने के खिलाफ चेतावनी दी
इससे पहले बुधवार को असम के मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश की स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि शेख हसीना के देश से चले जाने के बाद देश आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन सकता है. इसके अलावा उन्होंने भारत की सीमाओं को सुरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि बांग्लादेश में अशांति के कारण बड़ी संख्या में लोग भारत आ सकते हैं. सरमा ने यह भी उम्मीद जताई कि भारत सरकार बांग्लादेश सरकार के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखेगी, ताकि देश को चरमपंथी गतिविधियों का केंद्र बनने से रोका जा सके.

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गुवाहाटी: बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा बयान आया है. सीएम सरमा ने बुधवार को बांग्लादेशी सीमाओं से अवैध घुसपैठ पर चिंता जताते हुए कहा कि बांग्लादेश में अस्थिरता के कारण भारत घुसपैठियों का अड्डा बन सकता है, साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों में अवैध प्रवेश को बढ़ावा मिल सकता है.

बांग्लादेश के हालात पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बांग्लादेश में जो घटना हुई है, वह चिंताजनक है. इसके दो पहलू हैं. एक यह कि अगर बांग्लादेश में ऐसी अशांति जारी रही, तो कुछ लोग भारत आने को मजबूर हो जाएंगे, इसलिए हमें अपनी सीमाओं को सुरक्षित करना होगा. हिमंत बिस्वा शर्मा ने भविष्य में बांग्लादेश के आतंकवादी गतिविधियों के लिए सुरक्षित मैदान बनने की संभावना पर भी बात की.

असम में हिंदू अल्पसंख्यक बनते जा रहे हैं
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि बांग्लादेश की घटना मुझे बार-बार याद दिलाती है कि असम के 12 जिलों में हम पहले ही अल्पसंख्यक बन चुके हैं. हमारे राज्य में भी हिंदू समाज धीरे-धीरे अल्पसंख्यक बनने की ओर बढ़ रहा है. हम संख्या से नहीं लड़ सकते. हमारे पास संख्या से लड़ने की ताकत नहीं है और हम ऐसी अवैज्ञानिक लड़ाई नहीं लड़ना चाहते. क्या अल्पसंख्यक होने का मतलब यह है कि हमें अपने धर्म की पवित्रता को छोड़ देना चाहिए? बांग्लादेश की घटना ने मन को विचलित कर दिया है. असम पुलिस और बीएसएफ लगातार सीमा पर चौकसी कर रही है.

सीएम ने बांग्लादेश का जिक्र करते हुए कहा कि असम पुलिस और बीएसएफ लगातार सीमा पर चौकसी कर रही है ताकि कोई भी असम में न आ सके. हालांकि, बांग्लादेश में असम के छात्रों को वापस लाया गया है. सीमा की सुरक्षा करना मेरी संवैधानिक जिम्मेदारी है. लेकिन साथ ही, बार-बार मेरी संवेदनाएं बांग्लादेश में सताए जा रहे हिंदू अल्पसंख्यक लोगों के साथ हैं. न सोशल मीडिया के माध्यम से, हम इस्कॉन मंदिर, दुर्गा मंदिर को ध्वस्त किए जाने की बहुत दुखद तस्वीरें देख रहे हैं.

सरमा ने आगे कहा कि बांग्लादेश से आए हिंदू लोगों को रस्सी से बांधकर पेड़ों पर लटकाकर बेरहमी से प्रताड़ित किए जाने की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर देखी जा रही हैं. धर्मनिरपेक्षता को जीवन की विचारधारा मानने वाले बांग्लादेश की कम्युनिस्ट पार्टी के एक हिंदू नेता की भी हत्या कर दी गई है. बेशक, मुझे नहीं पता कि बातें कितनी सच हैं और कितनी झूठ. उम्मीद करते हैं कि वे तथ्य झूठे साबित हों.

मुख्यमंत्री की चिंता
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के साथ-साथ असम, पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे राज्यों के हिंदू समुदाय को भी भविष्य की चिंता हमेशा रहेगी. हम सीमाओं को सुरक्षित रखेंगे. हम किसी को भी सीमा के अंदर नहीं आने देंगे. क्योंकि यह एक संवैधानिक जिम्मेदारी है और हम उस जिम्मेदारी को पूरा करेंगे.

बांग्लादेश के उग्रवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनने के खिलाफ चेतावनी दी
इससे पहले बुधवार को असम के मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश की स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि शेख हसीना के देश से चले जाने के बाद देश आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन सकता है. इसके अलावा उन्होंने भारत की सीमाओं को सुरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि बांग्लादेश में अशांति के कारण बड़ी संख्या में लोग भारत आ सकते हैं. सरमा ने यह भी उम्मीद जताई कि भारत सरकार बांग्लादेश सरकार के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखेगी, ताकि देश को चरमपंथी गतिविधियों का केंद्र बनने से रोका जा सके.

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