छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश की राजनीति में आदिवासी चेहरे के रूप में छिंदवाड़ा के युवा देवरावेन भलावी ने भाजपा सहित कांग्रेस की नाक में दम कर रखा है. अमरवाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए गोंगपा के प्रत्याशी ने बैलगाड़ी से पहुंचकर आदिवासी परंपरा के साथ नामांकन दाखिल करते हुए उसने जो कहा वह दिग्गज नेताओं की कुर्सी हिलाने के लिए काफी है.
विधानसभा और लोकसभा में निर्णायक भूमिका में रही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी
छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा में 10 जुलाई को उपचुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस विधानसभा सीट पर निर्णायक भूमिका गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ही निभाती है. साल 2003 में तो यहां से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से मनमोहन साहब बट्टी विधायक भी चुने जा चुके हैं. अब छिंदवाड़ा के रहने वाले 26 वर्षीय युवा देवरावेन भलावी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सहित मध्य प्रदेश की राजनीति में आदिवासी नेता के रूप में उभरता हुआ चेहरा नजर आ रहा है. 2023 के विधानसभा चुनाव में देवरावेन भलावी ने करीब 18000 वोट लेकर अपनी ताकत दिखाई थी. उसके बाद हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में देवरावेन भलावी ने करीब 55000 वोट लिए हैं. जिसमें से 23000 वोट अमरवाड़ा विधानसभा से उन्होंने हासिल किए थे.
"न तो मेरे पास हेलिकॉप्टर और न ही मुख्यमंत्री और मंत्रियों की भीड़"
देवरावेन भलावी ने पारंपरिक तरीके से नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि "न तो मेरे पास मुख्यमंत्री और बड़े-बड़े नेताओं की फौज है और न ही मैं हेलीकॉप्टर वाला नेता हूं. मेरे साथ तो सिर्फ गरीब आदिवासी जनता है. जो फटी चप्पल और मैले कुचैले कपड़े पहन कर अपने घरों से निकलती है. ऐसी जनता के जीवन में सुधार आ सके और उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके. उनके हितों की बात कोई विधानसभा में उनकी आवाज बनकर उठा सके ताकि उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ा जा इसके लिए मैं मैदान में लड़ाई लड़ रहा हूं."
कांग्रेस से मांगा था समर्थन
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अमरवाड़ा में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस से समर्थन की मांग की थी. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने कहा था कि अगर कांग्रेस गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को समर्थन देकर चुनाव लड़ती है, तो बीजेपी को हराने में आसानी होगी, लेकिन कांग्रेस ने उनकी शर्त पर विचार नहीं किया. इसके बाद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी अकेले ही मैदान में है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का कहना है कि अमरवाड़ा विधानसभा मुख्य रूप से आदिवासियों की विधानसभा है. ऐसे में अब वे दलबदलू और बिकाऊ विधायक को सबक सिखाएंगे.
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कमलेश प्रताप शाह के पाला बदलने से खाली हुई है विधानसभा सीट
विधानसभा चुनाव 2023 में अमरवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर कमलेश प्रताप शाह चुनाव जीते थे. कमलेश प्रताप शाह कांग्रेस के टिकट पर 2013 से लगातार चुनाव जीत रहे थे, लेकिन लोकसभा चुनाव के पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था और विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. इसी के चलते अमरवाड़ा विधानसभा में उपचुनाव हो रहे हैं. एक बार फिर कमलेश प्रताप शाह को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.