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Per capita income में राष्ट्रीय दर से आगे निकला उत्तराखंड, बेरोजगारी दर में भी आई कमी, देखें आंकड़े - per capita income Uttarakhand - PER CAPITA INCOME UTTARAKHAND

Uttarakhand per capita income, Uttarakhand unemployment rate, Uttarakhand DGP, Economic growth rate of Uttarakhand, Uttarakhand latest news: उत्तराखंड की नई पॉलिसी और योजनाएं प्रदेश के आर्थिक आकार को बढ़ा रही हैं. नतीजतन न केवल नए उद्योग लगने की दिशा में काम शुरू हुआ है, बल्कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं. आंकड़े तो कुछ ऐसे ही बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रहे हैं. स्थिति ये है कि राज्य रोजगार और प्रति व्यक्ति आय के मामले में राष्ट्रीय दर से भी आगे निकल गया है.

Uttarakhand
उत्तराखंड की GSDP के 1.3 गुना बढ़ी. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 2, 2024, 4:37 PM IST

Updated : Oct 2, 2024, 7:08 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की GSDP के 1.3 गुना बढ़ने की ईटीवी भारत की खबर पर आज सरकार ने भी आंकड़े पेश कर मुहर लगाई. सरकार में सचिव नियोजन आर मीनाक्षी सुंदरम ने मीडिया से बात करते हुए आंकड़े पेश किये और राज्य के आर्थिकी आकार में बढ़ोतरी की जानकारी दी.

खास बात यह है कि राज्य में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के कारण इसका सीधा असर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय और रोजगार पर भी हुआ हैय. इसके अलावा ऊर्जा सचिव होने के नाते आर मीनाक्षी सुंदरम ने एनर्जी सेक्टर में किए गए बड़े बदलावों की भी जानकारी दी.

उत्तराखंड में बेरोजगारी घटने के साथ ही प्रति व्यक्ति आय बढ़ी. (ETV Bharat)

रोजगार में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा: वहीं, प्रदेश में महिलाओं का रोजगार के क्षेत्र में प्रतिनिधित्व बढ़ा है. इसके पीछे की वजह सरकार की कुछ ऐसी पॉलिसीज में संशोधन और नई योजनाओं को शुरू करना है, जिसके कारण महिलाएं रोजगार से जुड़ी है.

महिलाओं को नाइड शिफ्ट की मिली अनुमति: सचिव नियोजन के अनुसार शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट और फैक्ट्री एक्ट नियम में संशोधन किए गए, जिसके कारण महिलाओं को नाइट शिफ्ट के लिए भी अनुमति दी गई. इतना ही नहीं लखपति दीदी कार्यक्रम और होमस्टे की योजना ने भी महिलाओं की रोजगार में हिस्सेदारी को बढ़ाया है.

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उत्तराखंड शासन की तरफ से जारी किए गए आंकड़े. (ETV Bharat)

उत्तराखंड की GSDP भी बढ़ी: साल 2022-23 में महिलाओं की प्रतिभागिता 26 प्रतिशत थी, जोकि 2023-24 में बढ़कर 32.4% हो गई है. उत्तराखंड में आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने के साथ ही यहां के GSDP में भी बढ़ोतरी हुई है. उत्तराखंड की GSDP जो 20 महीने पहले 274000 करोड़ थी, वह अब बढ़कर 346000 करोड़ हो गई है. इसमें सबसे बड़ा योगदान पर्यटन क्षेत्र का है.

पर्यटन सेक्टर में बढ़ा कारोबार: इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग, एनर्जी और सर्विस सेक्टर में भी राज्य की आर्थिकी को बल दिया है. पर्यटन सेक्टर की जीएसडीपी में 37% की भागीदारी थी, जो अब बढ़कर 43.7 प्रतिशत हो गई है. उत्तराखंड की आर्थिकी में हो रहे सुधार के बीच यहां के रोजगार में भी बेहतरी आ रही है. आंकड़े तो कुछ यही बयां कर रहे हैं.

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उत्तराखंड शासन की तरफ से दी गई जानकारी. (ETV Bharat)

बेरोजगारी दर घटी: उत्तराखंड में बेरोजगारी दर के आंकड़े 15 साल से 29 साल की उम्र वाले युवाओं पर बेहद खुशनुमा है. आंकड़ों के अनुसार साल 2022-23 में बेरोजगारी दर 14.02% थी, जोकि साल 2023-24 में घटकर 9.8 प्रतिशत रह गई है. इस तरह उत्तराखंड में एक वित्तीय वर्ष के दौरान 4.4% बेरोजगारी दर काम करने में राज्य को कामयाबी हासिल हुई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर केवल 2 प्रतिशत की कमी हुई है.

उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी: इसी तरह प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी उत्तराखंड ने राष्ट्रीय आंकड़ों को पिछाड़ दिया है. उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय जहां साल 2022-23 में 205000 थी, तो वहीं अब 2023-24 में ये बढ़कर 260000 हो गई है. इस तरह राज्य में कुल 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा फिलहाल 184000 का ही है. हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रति व्यक्ति आय में 20% तक की बढ़ोतरी हुई है.

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना ने पकड़ी रफ्तार: उत्तराखंड ऊर्जा सचिव होने के नाते आर मीनाक्षी सुंदरम ने प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में किया जा रहे बेहतरीन कार्यों की भी जानकारी दी. उन्होंने आंकड़ा पेश करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना जिसकी शुरुआत साल 2018 में हुई थी, उसे साल 2022 में रफ्तार मिली है. साल 2018 से साल 2022 के बीच करीब 4 साल के दौरान केवल तीन मेगावाट बिजली उत्पादन में ही सौर ऊर्जा के जरिए कामयाबी मिल पाई थी. जबकि सौर स्वरोजगार योजना की गाइडलाइन में बदलाव करने के बाद 2022 में 200 किलो वाट तक की परियोजना लगाने की अनुमति दी गई और इसके कारण 174 मेगावाट की परियोजनाएं धरातल पर उतरने जा रही है.

इस दौरान गाइडलाइन में बदलाव करते हुए इसे एमएसएमई सब्सिडी में लाया गया. सौर स्वरोजगार योजना में टिहरी उत्तरकाशी और चंपावत जिला सबसे बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना में भी मिल रहे आवेदनों को भी जल्द निस्तारित किया जा रहा है. सरकार की कोशिश है कि 2 से 3 साल के भीतर सभी शासकीय विभागों की सोलर लगा लिए जाए. इसके अलावा छोटे हाइड्रो प्रोजेक्ट पर फिलहाल 6 प्रोजेक्ट्स को टेंडर की प्रक्रिया में लाया गया है और अभी 19 ऐसे छोटे हाइड्रो प्रोजेक्ट लाइन में है.

इस दौरान पंप स्टोरेज पॉलिसी के तहत भी इन्वेस्टर सबमिट के दौरान कई MOU हुए थे, जिसमें से जिंदल ग्रुप द्वारा करीब 8000 करोड़ के प्रपोजल को आगे बढ़ाया जा रहा है. इसके तहत जिंदल ग्रुप अल्मोड़ा जिले में इसके लिए निवेश करेगा.

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देहरादून: उत्तराखंड की GSDP के 1.3 गुना बढ़ने की ईटीवी भारत की खबर पर आज सरकार ने भी आंकड़े पेश कर मुहर लगाई. सरकार में सचिव नियोजन आर मीनाक्षी सुंदरम ने मीडिया से बात करते हुए आंकड़े पेश किये और राज्य के आर्थिकी आकार में बढ़ोतरी की जानकारी दी.

खास बात यह है कि राज्य में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के कारण इसका सीधा असर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय और रोजगार पर भी हुआ हैय. इसके अलावा ऊर्जा सचिव होने के नाते आर मीनाक्षी सुंदरम ने एनर्जी सेक्टर में किए गए बड़े बदलावों की भी जानकारी दी.

उत्तराखंड में बेरोजगारी घटने के साथ ही प्रति व्यक्ति आय बढ़ी. (ETV Bharat)

रोजगार में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा: वहीं, प्रदेश में महिलाओं का रोजगार के क्षेत्र में प्रतिनिधित्व बढ़ा है. इसके पीछे की वजह सरकार की कुछ ऐसी पॉलिसीज में संशोधन और नई योजनाओं को शुरू करना है, जिसके कारण महिलाएं रोजगार से जुड़ी है.

महिलाओं को नाइड शिफ्ट की मिली अनुमति: सचिव नियोजन के अनुसार शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट और फैक्ट्री एक्ट नियम में संशोधन किए गए, जिसके कारण महिलाओं को नाइट शिफ्ट के लिए भी अनुमति दी गई. इतना ही नहीं लखपति दीदी कार्यक्रम और होमस्टे की योजना ने भी महिलाओं की रोजगार में हिस्सेदारी को बढ़ाया है.

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उत्तराखंड शासन की तरफ से जारी किए गए आंकड़े. (ETV Bharat)

उत्तराखंड की GSDP भी बढ़ी: साल 2022-23 में महिलाओं की प्रतिभागिता 26 प्रतिशत थी, जोकि 2023-24 में बढ़कर 32.4% हो गई है. उत्तराखंड में आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने के साथ ही यहां के GSDP में भी बढ़ोतरी हुई है. उत्तराखंड की GSDP जो 20 महीने पहले 274000 करोड़ थी, वह अब बढ़कर 346000 करोड़ हो गई है. इसमें सबसे बड़ा योगदान पर्यटन क्षेत्र का है.

पर्यटन सेक्टर में बढ़ा कारोबार: इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग, एनर्जी और सर्विस सेक्टर में भी राज्य की आर्थिकी को बल दिया है. पर्यटन सेक्टर की जीएसडीपी में 37% की भागीदारी थी, जो अब बढ़कर 43.7 प्रतिशत हो गई है. उत्तराखंड की आर्थिकी में हो रहे सुधार के बीच यहां के रोजगार में भी बेहतरी आ रही है. आंकड़े तो कुछ यही बयां कर रहे हैं.

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उत्तराखंड शासन की तरफ से दी गई जानकारी. (ETV Bharat)

बेरोजगारी दर घटी: उत्तराखंड में बेरोजगारी दर के आंकड़े 15 साल से 29 साल की उम्र वाले युवाओं पर बेहद खुशनुमा है. आंकड़ों के अनुसार साल 2022-23 में बेरोजगारी दर 14.02% थी, जोकि साल 2023-24 में घटकर 9.8 प्रतिशत रह गई है. इस तरह उत्तराखंड में एक वित्तीय वर्ष के दौरान 4.4% बेरोजगारी दर काम करने में राज्य को कामयाबी हासिल हुई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर केवल 2 प्रतिशत की कमी हुई है.

उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी: इसी तरह प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी उत्तराखंड ने राष्ट्रीय आंकड़ों को पिछाड़ दिया है. उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आय जहां साल 2022-23 में 205000 थी, तो वहीं अब 2023-24 में ये बढ़कर 260000 हो गई है. इस तरह राज्य में कुल 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा फिलहाल 184000 का ही है. हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रति व्यक्ति आय में 20% तक की बढ़ोतरी हुई है.

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना ने पकड़ी रफ्तार: उत्तराखंड ऊर्जा सचिव होने के नाते आर मीनाक्षी सुंदरम ने प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में किया जा रहे बेहतरीन कार्यों की भी जानकारी दी. उन्होंने आंकड़ा पेश करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना जिसकी शुरुआत साल 2018 में हुई थी, उसे साल 2022 में रफ्तार मिली है. साल 2018 से साल 2022 के बीच करीब 4 साल के दौरान केवल तीन मेगावाट बिजली उत्पादन में ही सौर ऊर्जा के जरिए कामयाबी मिल पाई थी. जबकि सौर स्वरोजगार योजना की गाइडलाइन में बदलाव करने के बाद 2022 में 200 किलो वाट तक की परियोजना लगाने की अनुमति दी गई और इसके कारण 174 मेगावाट की परियोजनाएं धरातल पर उतरने जा रही है.

इस दौरान गाइडलाइन में बदलाव करते हुए इसे एमएसएमई सब्सिडी में लाया गया. सौर स्वरोजगार योजना में टिहरी उत्तरकाशी और चंपावत जिला सबसे बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना में भी मिल रहे आवेदनों को भी जल्द निस्तारित किया जा रहा है. सरकार की कोशिश है कि 2 से 3 साल के भीतर सभी शासकीय विभागों की सोलर लगा लिए जाए. इसके अलावा छोटे हाइड्रो प्रोजेक्ट पर फिलहाल 6 प्रोजेक्ट्स को टेंडर की प्रक्रिया में लाया गया है और अभी 19 ऐसे छोटे हाइड्रो प्रोजेक्ट लाइन में है.

इस दौरान पंप स्टोरेज पॉलिसी के तहत भी इन्वेस्टर सबमिट के दौरान कई MOU हुए थे, जिसमें से जिंदल ग्रुप द्वारा करीब 8000 करोड़ के प्रपोजल को आगे बढ़ाया जा रहा है. इसके तहत जिंदल ग्रुप अल्मोड़ा जिले में इसके लिए निवेश करेगा.

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Last Updated : Oct 2, 2024, 7:08 PM IST
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