देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड में भारतीय वन सेवा से जुड़े अधिकारी पर युवती से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है. जिस पर अब विभागीय जांच शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार विभागीय स्तर पर बनाई गई विशाखा कमेटी भी इस पर अलग से जांच करेगी. खास बात ये है कि आईएफएस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगने के बाद प्रदेशभर की नौकरशाही में आज यह मुद्दा चर्चा का विषय बना रहा.
बड़ी बात ये है कि यह आईएफएस अधिकारी फिलहाल देहरादून में ही एक कार्यालय में तैनात है. इससे पहले यह अधिकारी वन विभाग में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुका है. इस अधिकारी के खिलाफ युवती से छेड़छाड़ के मामले पर जल्द जांच होगी, साथ ही अधिकारी से पूछताछ हो सकती है. ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने इसकी पुष्टि करते हुए नियमों के तहत जांच किए जाने की बात कही है.
बता दें कि, हाल ही में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो में हुए अवैध कटान मामले को लेकर ईडी यानी एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने जिन 8 अधिकारियों की जानकारियां मांगी थी, उनमें भी इस अधिकारी का नाम शामिल था. फिलहाल, इस मामले को लेकर विभाग में सन्नाटा छाया हुआ है. कोई भी इस मामले को लेकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. बताया गया है कि यह युवती इसी विभाग में जेआरएफ यानी जूनियर रिसर्च (JRF) फेलो के रूप में काम कर रही थी.
इस खबर के सामने आने के बाद ईटीवी भारत ने संबंधित आईएफएस अधिकारी से भी बात की. उन्होंने कहा कि वो खुद हैरान हैं कि यह चर्चाएं चल रही है. उनका कहना है कि वो दो दिन पहले ही अपने गृह राज्य से देहरादून पहुंचे हैं. उन्हें भी नहीं पता कि यह सब चर्चाएं कहां से आई हैं, वो इस मामले में ज्यादा बात करने की स्थिति में नहीं हैं. उधर, इस मामले में संबंधित अधिकारी को अब वन मुख्यालय में प्रमुख वन संरक्षक हॉफ कार्यालय में अटैच किया गया है.
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