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यति नरसिंहानंद के भाषण पर सोशल मीडिया पोस्ट के मामले में मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक - ALLAHABAD HIGH COURT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑल्ट-न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 5 hours ago

Updated : 5 hours ago

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यति नरसिंहानंद के भड़काऊ भाषण के संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उनके पोस्ट को लेकर दर्ज मुकदमे में ऑल्ट-न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि जुबैर कोई खूंखार अपराधी नहीं हैं. साथ ही अगली सुनवाई की तारीख 6 जनवरी 2025 तक उसके देश छोड़ने पर रोक लगाते हुए पुलिस के साथ जांच में सहयोग करने की शर्त पर उसे राहत प्रदान की.

कोर्ट ने राज्य सरकार को 6 जनवरी तक विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है. शुक्रवार सुबह 10 बजे से दोपहर करीब सवा दो बजे के बाद तक चली सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि यति नरसिंहानंद के भाषण पर जुबैर द्वारा की गई एक्स पोस्ट में आधी-अधूरी जानकारी थी. उन्होंने भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाया है. अपर महाधिवक्ता ने कहा कि जुबैर की एक्स पोस्ट जिसका उद्देश्य यति नरसिंहानंद के खिलाफ हिंसा भड़काना था, उसने अलगाववादी गतिविधि की भावना को भी बढ़ावा दिया.

मामले के तथ्यों के अनुसार जुबैर पर यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी की शिकायत के आधार पर बीएनएस की धारा 152 के तहत मुकदमा दर्ज की गया. जुबैर ने गत तीन अक्टूबर को वीडियो पोस्ट किया था. पहले ट्वीट में एक वीडियो था, जिसमें डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद को भड़काऊ टिप्पणी करते हुए दिखाया गया.

उन्होंने यूपी पुलिस को भी टैग किया और पूछा कि यति के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि पुरानी वीडियो क्लिप हिंसा भड़काने के इरादे से शेयर की गई. जुबैर पर डासना देवी मंडी में यति नरसिंहानंद के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन का भी आरोप लगाया गया. प्राथमिकी को चुनौती देते हुए मो जुबैर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है.

ये भी पढ़ें- MLA अभय सिंह पर हत्या के प्रयास का मामला; हाईकोर्ट के दो जजों की नहीं बनी एक राय, बरी भी-सजा भी, अब चीफ जस्टिस करेंगे फैसला

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यति नरसिंहानंद के भड़काऊ भाषण के संबंध में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उनके पोस्ट को लेकर दर्ज मुकदमे में ऑल्ट-न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि जुबैर कोई खूंखार अपराधी नहीं हैं. साथ ही अगली सुनवाई की तारीख 6 जनवरी 2025 तक उसके देश छोड़ने पर रोक लगाते हुए पुलिस के साथ जांच में सहयोग करने की शर्त पर उसे राहत प्रदान की.

कोर्ट ने राज्य सरकार को 6 जनवरी तक विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है. शुक्रवार सुबह 10 बजे से दोपहर करीब सवा दो बजे के बाद तक चली सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि यति नरसिंहानंद के भाषण पर जुबैर द्वारा की गई एक्स पोस्ट में आधी-अधूरी जानकारी थी. उन्होंने भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाया है. अपर महाधिवक्ता ने कहा कि जुबैर की एक्स पोस्ट जिसका उद्देश्य यति नरसिंहानंद के खिलाफ हिंसा भड़काना था, उसने अलगाववादी गतिविधि की भावना को भी बढ़ावा दिया.

मामले के तथ्यों के अनुसार जुबैर पर यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी की शिकायत के आधार पर बीएनएस की धारा 152 के तहत मुकदमा दर्ज की गया. जुबैर ने गत तीन अक्टूबर को वीडियो पोस्ट किया था. पहले ट्वीट में एक वीडियो था, जिसमें डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद को भड़काऊ टिप्पणी करते हुए दिखाया गया.

उन्होंने यूपी पुलिस को भी टैग किया और पूछा कि यति के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि पुरानी वीडियो क्लिप हिंसा भड़काने के इरादे से शेयर की गई. जुबैर पर डासना देवी मंडी में यति नरसिंहानंद के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन का भी आरोप लगाया गया. प्राथमिकी को चुनौती देते हुए मो जुबैर ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है.

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Last Updated : 5 hours ago

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