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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश- आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी की सजा निलंबित - Allahabad High Court Order - ALLAHABAD HIGH COURT ORDER

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री राकेशधर की सज़ा निलंबित कर दी. अदालत ने 10 लाख रुपये के जुर्माने पर भी रोक लगायी.

पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी की सजा निलंबित
पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी की सजा निलंबित (फोटो क्रेडिट- इलाहाबाद हाईकोर्ट)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 21, 2024, 7:11 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को राहत देते हुए उनकी सजा निलंबित कर दी. कोर्ट ने राकेश पर लगाए गए दस लाख रुपये के जुर्माने के आदेश पर भी रोक लगा दी. सजा के खिलाफ राकेश धर त्रिपाठी की याचिका पर न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने यह आदेश दिया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश
पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को राहत (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत)

18 जून 2013 को पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ मुट्ठीगंज थाने में आय से अधिक संपत्ति मामले में मुकदमा पंजीकृत किया गया था. आरोप लगाया गया था कि बसपा सरकार में मंत्री रहते उन्होंने अकूत संपत्ति अर्जित की थी. इस मामले में इलाहाबाद की स्पेशल कोर्ट एमपीएमएलए कोर्ट ने राकेश धर को दोषी मानते हुए तीन साल के कारावास और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. अदालत ने 108 पन्नों में पूर्व मंत्री के खिलाफ फैसला दिया था. इस फैसले को राकेशधर त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

पूर्व मंत्री के वकीलों ने दलील दी कि उनकी आय की गणना करते समय कृषि से होने वाली आमदनी को नहीं जोड़ा गया. आय की तुलना का जो तरीका अपनाया गया, वह नियमानुसार नहीं है. उनको राजनीतिक कारणों से इस मामले में फंसाया गया है. यह भी कहा गया कि वादी मुकदमा का पुलिस ने न तो कभी बयान लिया और न ही उसकी अदालत में गवाही करवाई. ये नियम विरुद्ध है. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सजा और जुर्माने के आदेश को निलंबित कर दिया.

ये भी पढ़ें- सपा मुखिया अखिलेश की जनसभा में भिड़े सपा समर्थक, ईंट-पत्थर चले, भगदड़; पुलिस ने किया लाठीचार्ज

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को राहत देते हुए उनकी सजा निलंबित कर दी. कोर्ट ने राकेश पर लगाए गए दस लाख रुपये के जुर्माने के आदेश पर भी रोक लगा दी. सजा के खिलाफ राकेश धर त्रिपाठी की याचिका पर न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने यह आदेश दिया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश
पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी को राहत (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत)

18 जून 2013 को पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के खिलाफ मुट्ठीगंज थाने में आय से अधिक संपत्ति मामले में मुकदमा पंजीकृत किया गया था. आरोप लगाया गया था कि बसपा सरकार में मंत्री रहते उन्होंने अकूत संपत्ति अर्जित की थी. इस मामले में इलाहाबाद की स्पेशल कोर्ट एमपीएमएलए कोर्ट ने राकेश धर को दोषी मानते हुए तीन साल के कारावास और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. अदालत ने 108 पन्नों में पूर्व मंत्री के खिलाफ फैसला दिया था. इस फैसले को राकेशधर त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

पूर्व मंत्री के वकीलों ने दलील दी कि उनकी आय की गणना करते समय कृषि से होने वाली आमदनी को नहीं जोड़ा गया. आय की तुलना का जो तरीका अपनाया गया, वह नियमानुसार नहीं है. उनको राजनीतिक कारणों से इस मामले में फंसाया गया है. यह भी कहा गया कि वादी मुकदमा का पुलिस ने न तो कभी बयान लिया और न ही उसकी अदालत में गवाही करवाई. ये नियम विरुद्ध है. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सजा और जुर्माने के आदेश को निलंबित कर दिया.

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