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हाईकोर्ट ने जौनपुर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र को अवमानना का नोटिस जारी किया, जानें वजह

मल्लाह और केवट को एससी प्रमाण पत्र जारी नहीं करने का मामला.

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जौनपुर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र को अवमानना का नोटिस (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 5, 2024, 10:30 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने जौनपुर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र (Jaunpur DM Dr. Dinesh Chandra) को अदालत अवमानना का नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन न करने पर क्यों अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए. प्रकाश चंद्र बिंद व अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने मंगलवार को दिया.

जौनपुर निवासी प्रकाश चंद्र बिंद व अन्य ने एससी प्रमाणपत्र जारी करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. उनका कहना है कि वह केवट व मल्लाह हैं, जो मझवार जाति की उपजाति हैं. ऐसे में उन्हें एससी प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए. कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए डीएम को इस संबंध में तीन माह में निर्णय लेने का आदेश दिया था. आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर याची ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका (Contempt notice to Jaunpur DM) दाखिल की.

याची के वकील पुनीत कुमार शुक्ला ने कहा कि याची केवट/मल्लाह हैं, जो कि मझवार जाति की उपजाति है. भारत के राजपत्र में मझवार जाति को अनुसूचित जाति के रूप में शामिल किया गया है. उच्च न्यायालय की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देश व उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश का भी हवाला देते हुए याची को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करने की प्रार्थना की. न्यायालय ने अवमानना याचिका पर डीएम जौनपुर को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है.

ये भी पढ़ें- हाईकोर्ट ने कहा- सीआरपीसी नहीं BNSS के तहत सुनी जानी चाहिए इरफान सोलंकी की अपील

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने जौनपुर डीएम डॉ. दिनेश चंद्र (Jaunpur DM Dr. Dinesh Chandra) को अदालत अवमानना का नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा कि आदेश का पालन न करने पर क्यों अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए. प्रकाश चंद्र बिंद व अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने मंगलवार को दिया.

जौनपुर निवासी प्रकाश चंद्र बिंद व अन्य ने एससी प्रमाणपत्र जारी करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. उनका कहना है कि वह केवट व मल्लाह हैं, जो मझवार जाति की उपजाति हैं. ऐसे में उन्हें एससी प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए. कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए डीएम को इस संबंध में तीन माह में निर्णय लेने का आदेश दिया था. आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने पर याची ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका (Contempt notice to Jaunpur DM) दाखिल की.

याची के वकील पुनीत कुमार शुक्ला ने कहा कि याची केवट/मल्लाह हैं, जो कि मझवार जाति की उपजाति है. भारत के राजपत्र में मझवार जाति को अनुसूचित जाति के रूप में शामिल किया गया है. उच्च न्यायालय की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देश व उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश का भी हवाला देते हुए याची को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी करने की प्रार्थना की. न्यायालय ने अवमानना याचिका पर डीएम जौनपुर को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है.

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