प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने पिछले 3 वर्षों से लापता फतेहपुर की युवती की जांच सीबीआई को करने का निर्देश दिया है. कोर्ट में सीबीआई से कहा है कि वह युवती के बारे में पता लगाकर अदालत में जानकारी प्रस्तुत करें. इससे पूर्व अदालत ने पुलिस को जांच का निर्देश दिया थामगर लंबी जांच और SIT के गठन के बावजूद पुलिस उसका पता लगाने में नाकाम रही. इससे नाराज कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस अपने दायित्व का निर्वहन करने में असफल रही है. लापता युवती की मां द्वारा दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने दिया है.
महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि उसकी बेटी शादी के बाद मार्च 2021 में अपने पति के साथ मायके आई थी. इसी समय तीन लोगों ने उसका अपहरण कर लिया. उसने इसकी शिकायत पुलिस में की लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी. एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष से भी उसने शिकायत की थी मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई तब जाकर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की. महिला का आरोप है कि तीनों युवक उसे अपहरण कर गुजरात ले गए हैं जहां उसे देह व्यापार करवाया जा रहा है. पुलिस आरोपियों पर कोई कार्यवाई नहीं कर रही है, पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर महिला ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की.
हाई कोर्ट के निर्देश के बाद 10 दिसंबर 2021 को पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज की. मामले की जांच सीओ बिंदकी को सौंप गई. पुलिस टीम के काफी प्रयासों के बावजूद लापता युवती का कोई पता नहीं चला. इस दौरान पुलिस ने गुजरात में भी कई स्थानों पर छापेमारी की तथा उसे समय मिले एक अज्ञात युवती के शव का डीएनए टेस्ट कराया गया मगर डीएनए मैच नहीं हुआ.
मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने जांच एसआईटी से कराने का निर्देश दिया. अदालत के निर्देश पर 19 जुलाई 2022 को एसआईटी गठित कर दी गई कोर्ट ने आईजी प्रयागराज को इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग का निर्देश दिया. इसके बाद भी जब पुलिस गुमशुदा युवती का पता लगाने में नाकाम रही तो अदालत ने डीजीपी से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा. कोर्ट के आदेश के बाद एसआईटी ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाने की पेशकश की. पुलिस और एसआईटी के अधिकारी लगातार हाईकोर्ट में पेश होते रहे मगर गुमशुदा युवती का पता नहीं लगा सके. इस स्थिति पर नाराज़गी जताते हुए कोर्ट ने कहा कि पुलिस अपने कर्तव्य निर्वहन में असफल रही है इसलिए सीबीआई इस मामले की जांच कर युवती का पता लगाए और अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करें. मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी.