कोझिकोड: ईरान द्वारा एक इजरायली जहाज की जब्ती के जवाब में भारत सरकार ने जहाज पर सवार 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों से मिलने के प्रयास शुरू किए हैं. यह घटनाक्रम विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके ईरानी समकक्ष के बीच बातचीत के बाद हुआ है. एस जयशंकर ने स्थिति से निपटने और जहाज पर भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए अपने ईरानी समकक्ष के साथ चर्चा की. भारत सरकार भारतीय चालक दल के सदस्यों की स्थिति का आकलन करने और आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए उनके साथ एक बैठक की व्यवस्था करने के प्रयासों में समन्वय कर रही है.
सोशल मीडिया 'एक्स' पर जयशंकर की एक पोस्ट में कहा गया है कि उन्होंने अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से बात की. उन्होंने कहा कि एमएससी एरीज के 17 भारतीय चालक दल के सदस्यों की रिहाई का मुद्दा उठाया. क्षेत्र की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की. तनाव से बचने, संयम बरतने और कूटनीति में लौटने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारत और ईरान संपर्क में बने रहने पर सहमत हुए हैं.
इससे पहले, केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जहाज पर मलयाली चालक दल के सदस्यों की रिहाई के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था. अपने लिखे पत्र में सीएम ने सरकार से चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया था, साथ ही तत्काल हस्तक्षेप करने का भी अनुरोध किया था. जहाज पर चालक दल के 25 सदस्य हैं, जिनमें 4 मलयाली समेत 17 भारतीय हैं.
इजरायली जहाज पर मलयाली वायनाड से पीवी धनेश, त्रिशूर से एन टेसा जोसेफ, कोझिकोड से श्यामनाथ और पलक्कड़ से सुमेश हैं. चालक दल के बाकी सदस्य पाकिस्तान, फिलीपींस, स्टोनिया और रूस से हैं. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है कि जहाज पर मौजूद चारों मलयाली क्रू समेत सभी लोग सुरक्षित हैं. श्यामनाथ के परिवार ने आशा व्यक्त की कि ईरान चालक दल के प्रति शत्रुता नहीं दिखाएगा क्योंकि यह एक मालवाहक जहाज है.
शिपिंग कंपनी ने वेल्लीपरम्बा में श्यामनाथ के परिवार को सूचित किया कि जहाज ईरान द्वारा जब्त कर लिया गया है. शिपिंग कंपनी के अधिकारियों ने पलक्कड़ के मूल निवासी सुमेश और त्रिशूर के टेस्सा के परिवारों को बुलाया और उन्हें चिंता न करने के लिए कहा था. उन्होंने रिश्तेदारों को सूचित किया कि सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं और जहाज के अंदर अपना काम जारी रख रहे हैं. उन सभी को भोजन उपलब्ध कराया जाता है. जहाज ईरानी बंदरगाहों में से एक में लंगर डाले हुए है. कर्मचारियों की रिहाई की कोशिशें जारी हैं.
बता दें, कोझिकोड के मूल निवासी श्यामनाथ पिछले 10 वर्षों से एक ही कंपनी में काम कर रहे हैं. वर्तमान में, वायनाड के श्याम और धनेश दोनों जहाज के दूसरे इंजीनियर के रूप में काम कर रहे हैं. पलक्कड़ के सुमेश तीसरे इंजीनियर हैं. श्यामनाथ के पिता विश्वनाथन ने लंबे समय तक सेना और केंद्र सरकार के अधीन जहाजरानी मंत्रालय में काम किया.
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