पटना: आज अक्षय तृतीया है. अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं.पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, इससे अक्षय फल मिलता है. अक्षय तृतीया का सर्व सिद्ध मुहूर्त के रूप में भी विशेष महत्व है मान्यता है कि आज के दिन कोई भी कार्य नष्ट न होने वाला होता है. यही वजह है कि लोग आज के दिन लक्ष्मी के रूप में सोने की भी खरीदारी करते हैं.
अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त: आचार्य डॉक्टर श्रीपति त्रिपाठी ने कहा कि इस दिन सोने चांदी से बने आभूषण की खरीदारी करना बहुत ही शुभ होता है. पंचांग के अनुसार 10 मई को सुबह 4:19 मिनट से लेकर 11मई को रात 1:48 तक अक्षय तृतीया रहेगा. इस दिन जो लोग सोने चांदी का आभूषण खरीदारी करना चाहते हैं उनके लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत सुबह 5:33 से लेकर 12:20 तक खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त है.
दिनभर कर सकते हैं खरीदारी: श्रीपति त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे इस दिन अपनी इच्छा शक्ति के अनुसार कोई भी सामान की खरीदारी की जा सकती है और पूरा दिन भर लोग खरीदारी कर सकते हैं. यह शुभ माना जाएगा. आज अक्षय तृतीय के दिन बहुत बड़ा दुर्लभ योग बन रहा है. चंद्रमा अपनी उच्च राशि यानी वृषभ राशि में मौजूद है. सूर्य उच्च राशि मेष में मौजूद है. सूर्य चंद्रमा दोनों अक्षय तृतीया पर उच्च राशि में मौजूद है. इसके अलावा रोहिणी नक्षत्र है. जिस कारण से धन की खरीदारी का शुभ सहयोग है.
पीले, सफेद और गुलाबी रंग के फूल से करे पूजा: इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा काफी लाभदायक होती है अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु और माता पार्वती की विधिवत रूप से पूजा अर्चना करनी चाहिए. भगवान विष्णु की पूजा पीला धोती पहनकर करे, पीले फूल पीले फल अर्पित करें और माता लक्ष्मी को सफेद एवं गुलाबी रंग के फूल अर्पित करें. दीपक जलाकर भगवान विष्णु और माता की आरती उतारे.
राम रक्षा स्तोत्र का पाठ अवश्य करें: डॉक्टर श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन किसी धार्मिक स्थल पर पूरे परिवार के साथ दर्शन करने से आपके जीवन में धन यश और मान प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है. वहीं जो लोग किसी रोग से काफी लंबे समय से पीड़ित हैं. वह अक्षय तृतीया के दिन राम रक्षा स्तोत्र का पाठ अवश्य करें. अक्षय तृतीया के दिन पूजा स्थल पर एकाक्षी नारियल को लाल कपड़े में बांधकर रख दे फिर से पूजा अर्चन करें.
अटके हुए धन की होती है प्राप्ति: उन्होंने बताया कि पूजा करने के बाद नारियल को धन के स्थान जैसे अलमारी, लॉकर ,बक्सा बांधकर रख दे फिर व्यापारिक वस्त्र में बांधकर व्यापारिक स्थल पर मौजूद तिजोरी में रख दे. ऐसा करने से धन धान्य सुख समृद्धि में वृद्धि होगी और अटके हुए धन की प्राप्ति होगी.
दान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है: अक्षय तृतीया के दिन तर्पण करना और तीर्थ स्थान का विशेष महत्व है. इस दिन अगर पितरों के नाम का श्राद्ध कर सके तो इसका विशेष महत्व है. पितरों के नाम का दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है .ऐसा करने से आपको पितरों का आशीर्वाद मिलेगा और पितृदोष से मुक्ति मिलेगी जब पितृ प्रसन्न होंगे तो धन बढ़ेगा अर्थ बढ़ेगा लाभ ही लाभ होगा.
बिना पंचांग देखे शुभ मांगलिक कार्य सकते है: अक्षय तृतीया का सर्व सिद्ध मुहूर्त के रूप में भी विशेष महत्व है .मानता है कि इस दिन बिना कोई पंचांग देखे कोई भी शुभ मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, वस्त्र, आभूषण की खरीदारी घर वाहन आदि की खरीदारी कार्य किया जा सकते हैं. आचार्य डॉक्टर श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि अक्षय तृतीया नाम से ही यह पता चलता है कि इस दिन कोई भी शुभ काम का क्षय नहीं होता है. सनातन संस्कृति में अक्षय तृतीया का बहुत बड़ा विशेष महत्व है.
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