मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के बेरोजगार युवाओं को बड़ी सौगात दी है. जहां राज्य सरकार ने एक जुलाई से 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' लागू की और अब महाराष्ट्र के बेरोजगार युवाओं, छात्रों के लिए राज्य सरकार ने 'लड़का भाऊ योजना' की शुरुआत की है. बता दें कि, 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन' योजना पेश किए जाने के बाद पूरे राज्य में सहज प्रतिक्रिया मिल रही है. इस योजना की पूरे राज्य में चर्चा हो रही है. वहीं, इस योजना के आवेदन को लेकर गांवों की महिलाएं काफी रुचि दिखा रही हैं. इस वजह से आवेदन के लिए भारी संख्या में महिलाओं की भीड़ देखी जा रही है.
'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' के बाद 'लड़का भाऊ योजना'
वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पंढरपुर से 'लड़का भाऊ योजना' की घोषणा की. राज्य सरकार की तरफ से इन घोषणाओं से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. एक तरफ जब राज्य का खजाना खस्ताहाल है और राज्य पर 1000 करोड़ रुपये का कर्ज है. ऐसे में जब राज्य सरकार का खजाना हिल रहा है तो सरकार योजना के लिए पैसा कहां से लाएगी? यह सवाल विपक्ष ने उठाया है. अब सरकार की तरफ से लड़का भाऊ योजना की घोषणा किए जाने के बाद विपक्ष शिंदे सरकार पर हमलावर है. विपक्ष ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सवाल उठाया कि, सरकार को बताना चाहिए कि पैसे कहां से आएंगे? मुख्यमंत्री 'लड़की बहिन योजना' के कारण राज्य के खजाने पर 46 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा. वहीं राज्य के डिप्टी सीएम कहा कहना है कि, लड़का भाऊ योजना (लड़का भाई योजना) से भी हर साल 10 हजार करोड़ रुपये या उससे अधिक का अतिरिक्त बोझ राज्य सरकार पर पड़ेगा.
विपक्ष ने शिंदे सरकार को घेरा, कहां से पैसा लाएगी सरकार?
दिलचस्प बात यह है कि 'मुख्यमंत्री माझी बहन योजना' (मेरी बहन योजना) पर 46 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे, लेकिन राज्य सरकार ने वास्तव में अब तक केवल 25 हजार करोड़ रुपये ही मंजूर किए हैं. योजना में 18 से 35 वर्ष की आयु के छात्रों के आंकड़े सामने नहीं आए हैं. अर्थशास्त्री विश्वास उटगी ने 'ईटीवी भारत' से बात करते हुए कहा कि अगर ये आंकड़े सामने आते हैं तो 10 हजार करोड़ से अधिक का अतिरिक्त बोझ या अतिरिक्त खर्च हो सकता है. इसलिए विपक्ष ने आलोचना की है कि यह सरकार केवल वोट के लिए नारे लगा रही है और चुनाव को ध्यान में रख रही है. जब से राज्य में महायुति सरकार आई है, तब से सरकार ने राज्य में विभिन्न योजनाओं को लागू किया है.
क्या राज्य के खजाने में पैसा नहीं है?
मुख्यमंत्री बार-बार कहते हैं कि यह सरकार गरीबों, महिलाओं, छात्रों, मजदूरों, किसानों और आम लोगों की है. जब राज्य के खजाने में पैसा ही नहीं है तो मुख्यमंत्री इतनी मदद की घोषणा कैसे कर रहे हैं? आम लोग योजना को लेकर अब यह सवाल पूछ रहे हैं. कई लोग यह जानना चाह रहे हैं कि, आखिर लड़का भाऊ योजना क्या है.
इस स्कीम से महाराष्ट्र के युवाओं को मिलेगा फायदा
इस योजना के तहत मुख्यमंत्री ने 12वीं पास युवाओं को 6000 रुपए, डिप्लोमा पास युवाओं को 8000 रुपए और ग्रेजुएट युवाओं को 10000 रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा की है. इन युवाओं को एक साल तक किसी भी व्यवसाय या फैक्ट्री में अप्रेंटिसशिप करने का मौका दिया जाएगा. उसके बाद वह उस जगह पर मिले काम के अनुभव के आधार पर दूसरी जगह नौकरी पा सकते हैं. इससे युवाओं का कौशल बढ़ सकता है. इसलिए सरकार का प्रयास रहेगा कि राज्य के युवाओं को 1 साल तक काम करने का मौका मिले और उनकी शैक्षणिक योग्यता के हिसाब से उनके खाते में पैसे जमा किए जाएं.
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