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हाथरस और गुजरात के बाद मणिपुर जाएंगे राहुल गांधी, मणिपुर हिंसा पीड़ितों से करेंगे मुलाकात - Rahul Gandhi To Visit Manipur - RAHUL GANDHI TO VISIT MANIPUR

Rahul Gandhi To Visit Manipur: हाथरस और गुजरात के बाद राहुल गांधी का अगला पड़ाव अब मणिपुर है. वह 8 जुलाई को पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करेंगे. इस दौरान वहीं हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात करेंगे.

Rahul Gandhi To Visit Manipur
मणिपुर जाएंगे राहुल गांधी (ANI)
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By Amit Agnihotri

Published : Jul 6, 2024, 6:00 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और गुजरात के बाद विपक्ष के नेता राहुल गांधी 8 जुलाई को मणिपुर में हिंसा प्रभावित लोगों से मिलकर उनके साथ एकजुटता दिखाएंगे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार पिछले दो दिनों से राहुल गांधी उन लोगों से लगातार मिल रहे हैं, जो व्यवस्था की उदासीनता का शिकार हो रहे हैं.

राहुल गांधी ने 5 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस भगदड़ के पीड़ितों से मुलाकात की और रेलवे लोकोमोटिव इंजन चालकों की व्यथा सुनी. वहीं 6 जुलाई को उन्होंने राजकोट अग्निकंड और गुजरात के मोरबी पुल ढहने के पीड़ितों के अलावा कथित बीजेपी समर्थित गुंडों के हमले के शिकार पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत की.

उनका अगला पड़ाव पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर है, जो पिछले एक साल से जातीय संघर्ष के कारण चर्चा में है, जिसमें 221 से अधिक लोगों की जान चली गई और लगभग 60,000 लोग विस्थापित हो गए, जिन्हें राहत शिविरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

'राहुल गांधी के दौरे से खुश लोग'
इस संबंध में AICC के मणिपुर प्रभारी गिरीश चोडानकर ने ईटीवी भारत से कहा, "राहुल पिछले साल राज्य का दौरा करने वाले पहले राष्ट्रीय नेता थे. उन्होंने लोगों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था. प्रधानमंत्री कभी वहां नहीं गए. मणिपुर में स्थिति अभी भी सामान्य नहीं है. इसे सुधारने की जरूरत है. 8 जुलाई को उनके दौरे से लोग बहुत खुश हैं."

उन्होंने कहा, "राहुल ने जब यहां से भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की तो वे राज्य को संदेश देना चाहते थे. लोग बड़ी संख्या में हमारे समर्थन में आए और राज्य की दोनों लोकसभा सीटें हमें दीं. यह यात्रा उनका आभार जताने के लिए है."

'सांसद अल्फ्रेड आर्थर सदन में बोलने की नहीं मिली अनुमति'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद राहुल चाहते थे कि दोनों कांग्रेस सांसदों को सदन में बोलने का मौका मिले, लेकिन उनमें से सिर्फ एक बिमोल अकोईजाम को 1 जुलाई को बोलने का मौका मिला. चोडानकर ने कहा, "2 जुलाई को हमने अनुरोध किया कि हमारे दूसरे सांसद अल्फ्रेड आर्थर को भी पीएम मोदी के सामने बोलने के लिए कम से कम एक मिनट का समय दिया जाए, लेकिन उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई."

सदन में देर रात दिए गए अपने पहले भाषण में अकोईजाम ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में मणिपुर संकट का जिक्र न होने की ओर इशारा किया और कहा कि राज्य में गृहयुद्ध जैसी स्थिति है, जहां हथियारबंद समूह एक-दूसरे से लड़ रहे हैं. मणिपुर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मोहम्मद फजुर रहीम के अनुसार, हालांकि बीजेपी केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर शासन कर रही है, लेकिन क्षेत्र में सामान्य स्थिति अभी भी नहीं बन पाई है.

स्थानीय लोगों से मिलेंगे कांग्रेस सांसद
रहीम ने ईटीवी भारत से कहा, "राज्य में तथाकथित डबल इंजन की सरकार है, लेकिन हालात सामान्य नहीं हैं. करीब 60,000 लोग अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं. उन्हें केंद्र से मदद की जरूरत है और वे चाहते हैं कि हालात जल्द सामान्य हों. न्याय यात्रा के बाद लोगों ने हमारा भरपूर समर्थन किया था और वे राहुल गांधी के दौरे को लेकर उत्साहित हैं. वह पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों से मिलेंगे. राहत शिविरों में रहने वालों से भी मुलाकात की योजना बनाई जा रही है."

यह भी पढे़ं- राहुल गांधी ने हाथरस हादसे के पीड़ित परिवारों से की मुलाकात

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश और गुजरात के बाद विपक्ष के नेता राहुल गांधी 8 जुलाई को मणिपुर में हिंसा प्रभावित लोगों से मिलकर उनके साथ एकजुटता दिखाएंगे. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार पिछले दो दिनों से राहुल गांधी उन लोगों से लगातार मिल रहे हैं, जो व्यवस्था की उदासीनता का शिकार हो रहे हैं.

राहुल गांधी ने 5 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस भगदड़ के पीड़ितों से मुलाकात की और रेलवे लोकोमोटिव इंजन चालकों की व्यथा सुनी. वहीं 6 जुलाई को उन्होंने राजकोट अग्निकंड और गुजरात के मोरबी पुल ढहने के पीड़ितों के अलावा कथित बीजेपी समर्थित गुंडों के हमले के शिकार पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत की.

उनका अगला पड़ाव पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर है, जो पिछले एक साल से जातीय संघर्ष के कारण चर्चा में है, जिसमें 221 से अधिक लोगों की जान चली गई और लगभग 60,000 लोग विस्थापित हो गए, जिन्हें राहत शिविरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

'राहुल गांधी के दौरे से खुश लोग'
इस संबंध में AICC के मणिपुर प्रभारी गिरीश चोडानकर ने ईटीवी भारत से कहा, "राहुल पिछले साल राज्य का दौरा करने वाले पहले राष्ट्रीय नेता थे. उन्होंने लोगों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था. प्रधानमंत्री कभी वहां नहीं गए. मणिपुर में स्थिति अभी भी सामान्य नहीं है. इसे सुधारने की जरूरत है. 8 जुलाई को उनके दौरे से लोग बहुत खुश हैं."

उन्होंने कहा, "राहुल ने जब यहां से भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की तो वे राज्य को संदेश देना चाहते थे. लोग बड़ी संख्या में हमारे समर्थन में आए और राज्य की दोनों लोकसभा सीटें हमें दीं. यह यात्रा उनका आभार जताने के लिए है."

'सांसद अल्फ्रेड आर्थर सदन में बोलने की नहीं मिली अनुमति'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद राहुल चाहते थे कि दोनों कांग्रेस सांसदों को सदन में बोलने का मौका मिले, लेकिन उनमें से सिर्फ एक बिमोल अकोईजाम को 1 जुलाई को बोलने का मौका मिला. चोडानकर ने कहा, "2 जुलाई को हमने अनुरोध किया कि हमारे दूसरे सांसद अल्फ्रेड आर्थर को भी पीएम मोदी के सामने बोलने के लिए कम से कम एक मिनट का समय दिया जाए, लेकिन उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई."

सदन में देर रात दिए गए अपने पहले भाषण में अकोईजाम ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में मणिपुर संकट का जिक्र न होने की ओर इशारा किया और कहा कि राज्य में गृहयुद्ध जैसी स्थिति है, जहां हथियारबंद समूह एक-दूसरे से लड़ रहे हैं. मणिपुर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष मोहम्मद फजुर रहीम के अनुसार, हालांकि बीजेपी केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर शासन कर रही है, लेकिन क्षेत्र में सामान्य स्थिति अभी भी नहीं बन पाई है.

स्थानीय लोगों से मिलेंगे कांग्रेस सांसद
रहीम ने ईटीवी भारत से कहा, "राज्य में तथाकथित डबल इंजन की सरकार है, लेकिन हालात सामान्य नहीं हैं. करीब 60,000 लोग अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं. उन्हें केंद्र से मदद की जरूरत है और वे चाहते हैं कि हालात जल्द सामान्य हों. न्याय यात्रा के बाद लोगों ने हमारा भरपूर समर्थन किया था और वे राहुल गांधी के दौरे को लेकर उत्साहित हैं. वह पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों से मिलेंगे. राहत शिविरों में रहने वालों से भी मुलाकात की योजना बनाई जा रही है."

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