श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में एक के बाद एक हो रहे आतंकी हमलों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी है. इसको लेकर उन्होंने बुधवार को कहा कि सैन्य कार्रवाई से कुछ हल नहीं होगा और पड़ोसियों के साथ बातचीत करना ही एकमात्र विकल्प है.
अब्दुल्ला ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, 'पड़ोसी के साथ अभी भी हमारी समस्याएं हैं. सैन्य कार्रवाई से ये समस्याएं हल नहीं होंगी. जब तक हम अपने पड़ोसियों से बात नहीं करेंगे, तब तक हम इसे समस्या को हल नहीं कर सकते.'
आतंकवादी सीमाओं से आ रहे हैं
उन्होंने आगे कहा कि यह किसी विशेष सरकार की समस्या नहीं है. आतंकवादी सीमाओं से आ रहे हैं और वे आते रहेंगे. कल जो भी सरकार होगी, उसे भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ेगा. हमें इन परिस्थितियों से बाहर निकलने की जरूरत है. यहां बड़ी यात्रा (अमरनाथ यात्रा) होने वाली है. उसमें होने वाली कोई भी छोटी घटना देश के बाकी हिस्सों में फैल जाएगी, हम कश्मीरी इन चीजों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. हमने कभी भी इन चीजों का समर्थन नहीं किया है.
कठुआ और डोडा आतंकी हमला
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब जम्मू-कश्मीर के कठुआ और डोडा में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया और 6 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. कठुआ में मुठभेड़ मंगलवार शाम से शुरू हुई और बुधवार दोपहर तक चली जिसमें सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया.
आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़
वहीं, मंगलवार रात को चत्तरगला इलाके में सुरक्षा चौकी पर हमला करने के बाद डोडा में भी आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें छह सुरक्षाकर्मी घायल हो गए.यह मुठभेड़ तब शुरू हुई जब आतंकवादियों ने डोडा में भद्रवाह-पठानकोट मार्ग पर चत्तरगला इलाके में सेना के अड्डे पर पुलिस और राष्ट्रीय राइफल्स की संयुक्त चौकी पर फायरिंग की थी. इससे पहले रियासी में आतंकियों ने तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर गोलीबारी की थी. इस घटना में 9 लोग मारे गए थे और 33 अन्य घायल हो गए थे.
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