रांची: गांव हो या शहर अमीर हो गया गरीब, हर दौर में ये बच्चों को आकर्षित करता रहा है. धूप में चमकता इसका गुलाबी रंग बच्चों को बरबस की अपनी ओर खींचता है. मुंह में रखते ही हवा की तरह गुल होने वाली इस मिठाई को शायद इसलिए हवा मिठाई भी कहा जाता है. वैसे तो इस मिठाई को बुढ़िया के बाल के नाम से भी जाना जाता है और अंग्रेजी में इसे कॉटन कैंडी बोला जाता है.
लेकिन जरा सावधान!
हवा मिठाई या बुढ़िया के बाल जैसे कई नाम से बच्चों का लोकप्रिय कॉटन कैंडी झारखंड स्टेट फूड टेस्टिंग लैब की जांच में फेल हुआ है. करीब आठ दिन पहले रांची से सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए स्टेट फूड टेस्टिंग लैब भेजा गया. लैब टेस्ट में लिए गए सैंपल में खतरनाक रसायन रोडामाइन बी (Rhodamine B) मिला है. कॉटन कैंडी में रोडामाइन बी का प्रयोग इसको आकर्षक लाल या गुलाबी रंग देने के लिए होता है. फूड सेफ्टी अफसर द्वारा भेजे गए सैंपल की ईटीवी भारत के सामने जब लाइव टेस्टिंग की गई तो उसमें खतरनाक तत्व की पुष्टि हुई.
कैंसर कारक है रोडामाइन बी
झारखंड के फूड एनालिस्ट और स्टेट फूड टेस्टिंग लैब के प्रभारी हेड चतुर्भुज मीणा ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने कॉटन कैंडी में खतरनाक रासायनिक तत्व Rhodamine B या RHB के मिलने पर चिंता जताई है. चतुर्भुज मीणा ने कहा कि जो कोलटार कलर होते हैं उसमें से सिर्फ सात रंगों को ही खाद्य पदार्थों में सीमित मात्रा में मिलाने की स्वीकृति दी गई है. इन सात रंगों का मानव शरीर पर सेफ्टी का परीक्षण किया जा चुका है.
फूड एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा बताते हैं कि अमेरिका की खाद्य और सुरक्षा विभाग के द्वारा विशेष परीक्षण में भी रोडामाइन बी नाम का जो रंग कॉटन कैंडी में पाया गया है. वह स्वीकृत रंगों की सूची में नहीं है. रोडामाइन बी खाद्य रंग नहीं है यह मानव जीवन के लिए खतरनाक रंग की श्रेणी में आता है. ये कैंसर का कारक है साथ ही साथ ऐसी मिलावट वाली कॉटन कैंडी खाने से ब्रेन पर बुरा असर पड़ता है.
पेंट, कपड़ा, कागज उद्योग में रोडामाइन बी का इस्तेमाल
फूड एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा ने बताया कि रोडामाइन बी एक खतरनाक रासायनिक तत्व है. जिसका उपयोग टेक्सटाइल, कागज, लेदर और पेंट उद्योग में रंगाई एजेंट के रूप में किया जाता है. यह सूखी अवस्था में हरा दिखता है लेकिन पानी में घुलनशील यह तत्व पानी से मिलते ही लाल या गुलाबी हो जाता है.
माता-पिता को सावधान रहने की जरूरत
रांची स्थित झारखंड स्टेट फूड टेस्टिंग लैब के हेड और फूड एनालिस्ट चतुर्भुज मीणा कहते हैं कि लैब ने रिपोर्ट तैयार कर ली है. अब इसे जिला फूड सेफ्टी अफसर के पास भेजी जाएगी, उन्हीं को कार्रवाई करने का अधिकार है. लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है कि हर माता-पिता जागरूक हों, अपने बच्चों को कॉटन कैंडी खाने के लिए नहीं दें. स्टेट फूड एनालिस्ट ने कहा कि रोडामाइन बी की बेहद कम मात्रा भी बच्चों में खतरनाक बीमारी पैदा कर सकता है. क्योंकि यह पेट में जाने के बाद कैंसर कारक हो जाते हैं.
ब्रेन पर भी बुरा असर, चटकदार रंग वाले खाद्य पदार्थों से परहेज जरूरी
कॉटन कैंडी में मिले खतरनाक रसायन रोडामाइन बी को शरीर के हर महत्वपूर्ण अंगों के लिए खतरनाक है. ये बातें रांची सदर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक और इंटरनल मेडिसीन एक्सपर्ट डॉ. एके झा ने ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में बताईं. उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ कैंसर कारक है बल्कि मानव मस्तिष्क पर भी बुरा प्रभाव डालता है. इसके साथ ही लीवर पर भी इसका खराब असर पड़ता है.
इंटरनल मेडिसीन एक्सपर्ट डॉ. एके झा ने कहा कि सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम खुद की जीवन शैली में सुधार करें, बाहरी वस्तुओं के खाने से परहेज करें. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ज्यादा रंगीन या चटकदार खाद्य वस्तुओं से परहेज करें. उनका कहना है कि ये देखने में तो आकर्षक हो सकते हैं लेकिन वह आपकी सेहत बिगाड़ सकता है, इसका ख्याल सभी को रखना चाहिए.
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