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एसीबी के झूठे दावे बदनाम करने और परेशान करने का प्रयास - मीरवाइज उमर फारूक - Case on Mirwaiz Umar Farooq

कश्मीर के नेता मीरवाइज उमर फारूक पर एसीबी ने भूमि अतिक्रमण का मामला दर्ज करने को लेकर अलगाववादी नेता की ओर से मीरवाइज मंजिल निगीन ने एक बयान जारी किया है.

Mirwaiz Omar Farooq
मीरवाइज उमर फारूक (ETV Bharat Urdu Desk)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 22, 2024, 7:01 PM IST

श्रीनगर: मीरवाइज उमर फारूक की ओर से मीरवाइज मंजिल निगीन, जो 3 मई से लगातार नजरबंद हैं, ने कहा कि कुछ मीडिया द्वारा प्रसारित एक समाचार चर्चा में है, जिसमें दावा किया गया है कि एसीबी श्रीनगर ने कस्टोडियन विभाग द्वारा मीरवाइज और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ निगीन में उनके आवास की भूमि आवंटन मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज की है.

दावा किया गया कि अगर यह साबित होता है, तो मीरवाइज का घर और जमीन अधिकारियों द्वारा जब्त कर ली जाएगी और उन्हें बेदखल कर दिया जाएगा. मीडिया में इस धमकी से बदनाम करने और परेशान करने की कोशिश स्पष्ट है, जबकि मीरवाइज को इस मामले की कोई सूचना नहीं मिली.

यह 2018 में मीरवाइज के खिलाफ किए गए उसी जोरदार प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया प्रचार का हिस्सा है, जब अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद, अंजुमन नुसरतुल इस्लाम, दारुल उल खैर मीरवाइज मंजिल की संपत्तियों सहित कई संपत्तियों को उनके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था और बाद में सभी झूठी और निराधार साबित हुईं. ये बातें मीरवाइज को निराश नहीं करेंगी.

मामले का तथ्य यह है कि वर्तमान में निगीन में मीरवाइज उमर फारूक की कोई संपत्ति - घर या जमीन नहीं है. निगीन में जिस आवासीय भूमि और घर में वह रहते हैं, उसे उनके पिता शहीद-ए-मिल्लत मीरवाइज मोलवी मोहम्मद फारूक ने 1973 में खरीदा और बनाया था, उसी वर्ष मीरवाइज उमर का जन्म हुआ था. उस वर्ष से इसकी चारदीवारी वैसी ही है.

दावा किया गया है कि साल 1990 के बाद कल तक जब मीरवाइज पर एसीबी द्वारा तत्काल मामला दर्ज करने की यह सनसनीखेज खबर मीडिया में जारी की गई, तो उन्हें इस मामले की कोई भनक नहीं थी, क्योंकि संबंधितों द्वारा उनके साथ कोई सूचना या नोटिस कभी नहीं भेजा या साझा नहीं किया गया था.

दावा किया गया है कि यदि अधिकारियों के अनुसार इसमें कोई मुद्दा शामिल था, तो संबंधित प्रक्रिया के अनुसार मामले में मीरवाइज को 'तुरंत बुक' करने के बजाय उन्हें सूचित करना चाहिए था. बदनाम करने और बदनाम करने का मकसद स्पष्ट है.

दावा किया गया है कि मीरवाइज और उनके करीबी रिश्तेदार, जिन्हें भी फंसाया जा रहा है, एक सम्मानित सिविल सेवक हैं, जो अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं, उनमें से किसी ने भी ऐसा कुछ नहीं किया है और न ही इंशाअल्लाह ऐसा कुछ करेगा जो अनैतिक और अवैध है. यह ज्ञात है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में राजस्व अधिकारियों की सुविधा के लिए कस्टोडियन भूमि पर कथित रूप से अतिक्रमण करने के लिए मीरवाइज उमर फारूक और एक वरिष्ठ नौकरशाह सहित सात लोगों पर मामला दर्ज किया है.

श्रीनगर: मीरवाइज उमर फारूक की ओर से मीरवाइज मंजिल निगीन, जो 3 मई से लगातार नजरबंद हैं, ने कहा कि कुछ मीडिया द्वारा प्रसारित एक समाचार चर्चा में है, जिसमें दावा किया गया है कि एसीबी श्रीनगर ने कस्टोडियन विभाग द्वारा मीरवाइज और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ निगीन में उनके आवास की भूमि आवंटन मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज की है.

दावा किया गया कि अगर यह साबित होता है, तो मीरवाइज का घर और जमीन अधिकारियों द्वारा जब्त कर ली जाएगी और उन्हें बेदखल कर दिया जाएगा. मीडिया में इस धमकी से बदनाम करने और परेशान करने की कोशिश स्पष्ट है, जबकि मीरवाइज को इस मामले की कोई सूचना नहीं मिली.

यह 2018 में मीरवाइज के खिलाफ किए गए उसी जोरदार प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया प्रचार का हिस्सा है, जब अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद, अंजुमन नुसरतुल इस्लाम, दारुल उल खैर मीरवाइज मंजिल की संपत्तियों सहित कई संपत्तियों को उनके लिए जिम्मेदार ठहराया गया था और बाद में सभी झूठी और निराधार साबित हुईं. ये बातें मीरवाइज को निराश नहीं करेंगी.

मामले का तथ्य यह है कि वर्तमान में निगीन में मीरवाइज उमर फारूक की कोई संपत्ति - घर या जमीन नहीं है. निगीन में जिस आवासीय भूमि और घर में वह रहते हैं, उसे उनके पिता शहीद-ए-मिल्लत मीरवाइज मोलवी मोहम्मद फारूक ने 1973 में खरीदा और बनाया था, उसी वर्ष मीरवाइज उमर का जन्म हुआ था. उस वर्ष से इसकी चारदीवारी वैसी ही है.

दावा किया गया है कि साल 1990 के बाद कल तक जब मीरवाइज पर एसीबी द्वारा तत्काल मामला दर्ज करने की यह सनसनीखेज खबर मीडिया में जारी की गई, तो उन्हें इस मामले की कोई भनक नहीं थी, क्योंकि संबंधितों द्वारा उनके साथ कोई सूचना या नोटिस कभी नहीं भेजा या साझा नहीं किया गया था.

दावा किया गया है कि यदि अधिकारियों के अनुसार इसमें कोई मुद्दा शामिल था, तो संबंधित प्रक्रिया के अनुसार मामले में मीरवाइज को 'तुरंत बुक' करने के बजाय उन्हें सूचित करना चाहिए था. बदनाम करने और बदनाम करने का मकसद स्पष्ट है.

दावा किया गया है कि मीरवाइज और उनके करीबी रिश्तेदार, जिन्हें भी फंसाया जा रहा है, एक सम्मानित सिविल सेवक हैं, जो अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं, उनमें से किसी ने भी ऐसा कुछ नहीं किया है और न ही इंशाअल्लाह ऐसा कुछ करेगा जो अनैतिक और अवैध है. यह ज्ञात है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में राजस्व अधिकारियों की सुविधा के लिए कस्टोडियन भूमि पर कथित रूप से अतिक्रमण करने के लिए मीरवाइज उमर फारूक और एक वरिष्ठ नौकरशाह सहित सात लोगों पर मामला दर्ज किया है.

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