देहरादून: इंडिया (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए समझौते को उत्तराखंड में करारा झटका लगा है. लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में आम आदमी पार्टी की तरफ से एक ऐसा बयान सामने आया है, जिसका असर दोनों दलों के संबंधों पर पड़ना तय है. खास बात यह है कि कांग्रेस इस मामले में न तो बयान पर कुछ कह पा रही है और ना ही इसे पचा पा रही है. उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन की क्या है स्थिति और लोकसभा चुनाव के दौरान ये बयान क्यों है अहम, पढ़िए इस रिपोर्ट में है...
इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच उत्तराखंड में तल्ख़ियां बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. स्थिति यह है कि आम आदमी पार्टी के नेता ने उत्तराखंड कांग्रेस को वेंटिलेटर पर बता दिया. यही नहीं कांग्रेस में परिवारवाद के तहत टिकट बंटवारे का भी गंभीर आरोप लगाया गया है. यह सब तब हो रहा है जब देश में लोकसभा चुनाव 2024 चल रहे हैं और इंडिया गठबंधन के तहत दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच सीटों के बंटवारे पर समझौता होने की चर्चाएं हैं..
उधर उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी ने किसी भी सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है. आप नेता कांग्रेस को सशर्त समर्थन देने की बात कहते हुए नजर आ रहे हैं. इस दौरान उत्तराखंड कांग्रेस के लिए जिस तरह के बयान आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष आजाद अली ने दिए हैं, उससे उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक भूचाल आ गया है.
कांग्रेस का अस्तिव हो रहा खत्म: दरअसल, आप प्रदेश उपाध्यक्ष आजाद अली ने उत्तराखंड में कांग्रेस को वेंटिलेटर पर बताया है. आजाद अली की मानें तो कांग्रेस के नेता घमंड में हैं, लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि कांग्रेस धीरे-धीरे उत्तराखंड में अपना अस्तित्व खो रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के मामले में कोई समर्थन नहीं दे रहे हैं.
मुसलमानों को केवल वोट बैंक मानती है कांग्रेस: आजाद अली ने कहा कि कांग्रेस मुसलमानों को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती है, लेकिन वो कांग्रेस को यह बताना चाहते हैं कि मुसलमान कांग्रेस की बपौती नहीं हैं.
उत्तराखंड में कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप: आजाद अली यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने उत्तराखंड में कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप तक लगा दिया है. उत्तराखंड में परिवारवाद का आरोप लगाते हुए आजाद अली ने सीधा निशाना हरीश रावत पर ही साधा है. उनके इस बयान का सबसे ज्यादा असर भी हरिद्वार सीट पर ही पड़ने की संभावना है.
कांग्रेस ने किया आजाद अली के बयानों से किनारा: आजाद अली के बयानों पर जब ईटीवी भारत ने कांग्रेस के नेताओं से संपर्क किया, तो उन्होंने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. जाहिर है कि आम आदमी पार्टी के नेता का लोकसभा चुनाव के दौरान इस तरह का बयान कांग्रेस के कई प्रत्याशियों की चुनावी रणनीति को झटका दे सकता है. कांग्रेस भी इस बात को जानती है. शायद इसीलिए पार्टी के नेता इस मामले में प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं.
आजाद अली के बयानों की दिल्ली तक हो रही चर्चा: आम आदमी पार्टी का भले ही उत्तराखंड में जनाधार कुछ खास नहीं रहा है, लेकिन उत्तराखंड में प्रदेश पदाधिकारी का इस तरह बयान देना कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के रिश्तों को दिल्ली स्तर पर भी खराब कर सकता है. खबर है कि प्रतिक्रिया के लिए कांग्रेस के नेताओं से संपर्क करने के बाद आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष आजाद अली के इस बयान की चर्चा दिल्ली आम आदमी पार्टी तक भी हुई है.
बीजेपी ने ली चुटकी: एक तरफ जहां कांग्रेस इस मामले पर बयान देने से बच रही है, तो भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले में चुटकी ली है. इंडिया गठबंधन के इन दोनों ही साथियों के इस तरह आपस में लड़ने पर भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने बयान दे रहे हैं.
भाजपा नेता जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि आम आदमी पार्टी इस समय नेतृत्व विहीन हो चुकी है. आप का अपने नेताओं पर किसी भी तरह का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. इसीलिए आप के नेता इस तरह के बयान दे रहे हैं. भाजपा नेता कहते हैं कि प्रदेश में आम आदमी पार्टी अपने संगठन को ही खड़ा नहीं कर पाई है और न ही अपने पदाधिकारी बनाने का दम दिखा पाई है. ऐसे में जब अरविंद केजरीवाल जेल में हैं, तब पार्टी के नेता अपने-अपने स्तर से बयान जारी कर रहे हैं.
अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद आम आदमी पार्टी के भविष्य को लेकर भी कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. उधर इस वक्त आम आदमी पार्टी अपने नेता के समर्थन में इंडिया गठबंधन का साथ चाहती है, लेकिन तमाम दलों द्वारा खुलकर इस पर बहुत ज्यादा समर्थन नहीं दिया जा रहा है. खास तौर पर कांग्रेस से जिस तरह की उम्मीद आम आदमी पार्टी कर रही थी, उसे उस तरह का समर्थन पार्टी को नहीं दिखाई दे रहा है. शायद ही कारण है कि अब आम आदमी पार्टी के नेताओं की तरफ से इस तरह के बयान कांग्रेस के खिलाफ दिखाई आने लगे हैं.
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