बेतिया: बिहार के पटना और पश्चिम चंपारण के रामनगर के दो परिवार अपने बेटों के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए 7 वर्ष बाद भी दर दर भटक रहे हैं. इनका यह जख्म अब फिर तब ताजा हो गया है. जब कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ बर्बरता की गई है. पूरे देश में इसको लेकर राजनीति गरमा गई है.
बिहार के 2 छात्रों की कोलकाता में हुई थी मौत: दरअसल पूरा मामला मई 2017 का है, जब भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय कोलकाता के प्रांगण में स्थित तालाब में दो बिहारी छात्रों का शव बरामद हुआ था. बता दें कि 5 मई 2017 को रामनगर के अंशु राज और पटना के अनिमेष का शव मिलने के बाद परिजनों में हड़कंप मच गया था.
परिजनों का सहपाठियों पर हत्या का आरोप: जब मौके पर परिजन पहुंचे तो उन्हें शक हुआ कि उनके लड़कों के साथ उसी के सहपाठियों और रूममेट्स ने मारपीट कर उन्हें तालाब में फेंक दिया था. अंशु राज के मां पिता आज भी न्याय के लिए दर दर भटक रहे हैं और बिहार समेत केंद्र सरकार से इंसाफ दिलाने की गुहार लगा रहे हैं.
परिजन ने बताया हत्या के पीछे का कारण: रामनगर निवासी शुगर मिल में कार्यरत प्रकाश श्रीवास्तव का कहना है कि मेरे बेटे की हत्या वर्ष 2017 में कर दी गई थी. मेरा बेटा कोलकाता के इंडियन मैरीटाइम यूनिवर्सिटी तारातल्ला का मेधावी छात्र था. चौथे सेमेस्टर में मेरे बेटे अंशु राज और पटना के अंशुमन को 50 - 50 हजार रुपए का परफॉर्मेंस अवार्ड दिया गया था. इसी के 17 दिन बाद इन दोनों लड़कों से जलन की भावना रखने वाले उसके क्लासमेट अमित झा ने मारपीट की. मारपीट के बाद दोनों को कॉलेज कैंपस में ही स्थित तालाब में फेंक दिया.
"मैंने तारातल्ला थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई, लेकिन पुलिस और चिकित्सक ने यूनिवर्सिटी प्रबंधक के मेलजोल में आकर पूरे मामले की लीपापोती कर दी. क्योंकि जिस समय मेरे साथ गए लोगों ने शव का फोटो लिया था उस समय उसके सीने और आंख पर चोट के निशान थे और नाक से खून बह रहा था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लीपापोती कर उसके मरने की वजह डूबने से बताई गई."- प्रकाश श्रीवास्तव, अंशु राज के पिता
"मेरी बस इतनी ही गुजारिश है कि मेरे बच्चे को न्याय दिया जाए. बच्चे को पढ़ने के लिए बाहर भेजे थे. पढ़ाई अच्छा कर रहा था. हम से आगे बोला नहीं जाएगा."- अंशु राज की मां
क्या हुआ था 5 मई 2017 की रात? : 2017 में दर्ज पुलिस एफआईआर के मुताबक, भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय के छात्र अनिमेष राज (20) और अंशु श्रीवास्तव (20) अपने एक अन्य मित्र अमित कुमार झा के साथ तालाब से मछली पकड़ने की कोशिश कर रहे थे. तभी उनमें से एक गलती से 20 फीट गहरे तालाब में फिसल गया, जिसके बाद अन्य दो उसे बचाने के लिए पानी में कूदे. अमित तैरना जानता था, इसलिए वो बच गया, लेकिन अनिमेष और अंशु तालाब में डूब गए. दोनों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. जिसके बाद तारातला पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया था.
परिवार की शिकायत पर FIR हुई थी दर्ज? : जांच अधिकारी (2017) ने बताया था कि, ''दोनों शव पर चोट के निशान नहीं थे. घटना के वक्त क्या हुआ था इसकी जांच जारी है. तालाब काफी गहरा था और हॉस्टल के ठीक पीछे है. चारों तरफ दीवार है.'' तत्कालीन डीसी (बेहाला) मीराज खालिद ने बताया था कि, "मृतक छात्र अंशु श्रीवास्तव के परिवार की ओर ने शिकायत दी, जिसमें कई आरोप लगाए गए, परिवार ने कहा कि उनके बच्चे को पीटा गया और फिर पानी में मारकर फेंक दिया गया.''
पुलिस और चिकित्सक पर भी गंभीर आरोप: उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा तो दर्ज किया लेकिन बाद में घाल मेल कर दिया गया. मृतक के पिता आगे बताते हैं की मेरे बेटे का मोबाइल और पर्स उसके रूम मेट्स ने हमको सौंपा था, जिसका पुलिस ने कहने के बावजूद सीजर नहीं बनाया. फिलहाल मामला न्यायाधीन है लेकिन मैं बिहार सरकार और केंद्र सरकार से गुहार लगा रहा हूं कि इस मामले की जांच स्वच्छता पूर्ण तरीके से हो ताकि हमें इंसाफ मिल सके.
भागीरथी देवी ने क्या कहा?: पद्म श्री सम्मान से सम्मानित रामनगर की विधायक भागीरथी देवी ने कहा है कि जिस समय बिहार के दोनों बच्चों के साथ घटना घटी थी, उसी समय मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया था कि इन परिवारों को इंसाफ मिलना चाहिए. हम एक बार फिर से मांग करते हैं कि इन परिवारों को न्याय मिले. इसके लिए नीतीश कुमार और पीएम मोदी दोनों से हम न्याय की मांग कर रहे हैं.
"मैंने विधानसभा सत्र के दौरान सदन में भी आवाज उठाया था. एक बार फिर केंद्र सरकार से मांग करती हूं कि इस मामले की सही से छानबीन हो. पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाया जाए."- भागीरथी देवी, विधायक , रामनगर विधानसभा क्षेत्र
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