कोटा. ओम बिरला कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से तीसरी बार सांसद चुने गए हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मोदी 2.0 सरकार में साल 2019 में भी लोकसभा स्पीकर बने थे. इस बार भी एनडीए ने उन्हें लोकसभा स्पीकर का कैंडिडेट घोषित किया है, जिसके बाद उन्होंने नामांकन भी दाखिल कर दिया है. एनडीए के पास बहुमत है और ओम बिरला को अन्य दल भी बाहर से समर्थन कर सकते हैं. ऐसे में ओम बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बन सकते हैं. स्पीकर दोबारा बनने की स्थिति में ओम बिरला राजस्थान से ही आने वाले बलराम जाखड़ की बराबरी करेंगे, जो दो बार लगातार लोकसभा अध्यक्ष बने थे.
बिरला अब तक लड़े 6 बड़े चुनाव में अजेय रहे हैं. यहां तक की साल 2019 में उन्हें लोकसभा स्पीकर बनाकर भाजपा ने सभी को चौंका दिया था. दूसरी बार के सांसद बिरला का लोकसभा स्पीकर बनना एक बड़ा कदम माना गया था. उन्होंने लोकसभा स्पीकर बनकर एक बड़ी लकीर राजस्थान में खींच दी थी. लोकसभा स्पीकर के बारे में कहा जाता है कि वह दिल्ली में बैठे हुए बड़े नेताओं की भी पसंद रहे हैं, इसीलिए दोबारा उन्हें एनडीए ने कैंडिडेट बनाया है.
बिरला तोड़गे बलराम जाखड़ का रिकॉर्ड ! : लोकसभा स्पीकर के रूप में लगातार दो टर्म राजस्थान के ही बलराम जाखड़ रहे हैं. वे साढ़े 9 साल से ज्यादा लोकसभा स्पीकर रहे हैं. इसमें पहला कार्यकाल 22 जनवरी 1980 से लेकर 15 जनवरी 1985 तक था. इसके बाद वो दोबारा लोकसभा स्पीकर चुने गए और 16 जनवरी 1985 से 18 दिसंबर 1989 तक स्पीकर रहे हैं. इसके बाद वो मध्य प्रदेश और अन्य जगहों के राज्यपाल भी रहे हैं. इसके पहले नीलम संजीव रेड्डी भी दो बार लोकसभा के स्पीकर रहे हैं, लेकिन उनके कार्यकाल में बीच में कुछ सालों का अंतर भी रहा है. उनका कार्यकाल भी महज ढाई साल के आसपास रहा है. बिरला 5 साल लोकसभा स्पीकर रह चुके हैं, अब दोबारा उन्हें एनडीए ने कैंडिडेट बनाया है और स्पीकर बनने के पूरे चांस हैं. ऐसे में वो बलराम जाखड़ का रिकॉर्ड भी तोड़ देंगे.
स्कूल में भी छात्र संघ के अध्यक्ष रहे हैं ओम बिरला : ओम बिरला ने स्कूल से ही राजनीति की शुरुआत कर दी थी. वह साल 1978-79 में मल्टीपरपज स्कूल में छात्रसंघ अध्यक्ष रहे. इसके बाद कॉमर्स कॉलेज में उन्होंने छात्रसंघ का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. इसके बाद 1987 से 1991 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा कोटा के अध्यक्ष रहे. इसके अलावा 1987 से 1995 तक वह कोटा को-ऑपरेटिव कंज्यूमर होलसेल भंडार लिमिटेड के अध्यक्ष रहे. साल 1993 से 1997 तक भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष और 1997 से 2003 तक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे हैं.
पत्नी डॉक्टर और बेटी प्रशासनिक अधिकारी : पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात की जाए तो बिरला का नाता मध्यमवर्गीय परिवार से था. उनके पिता श्रीकृष्ण बिरला स्टेट टैक्स विभाग में सरकारी कार्मिक और मां शकुंतला देवी गृहणी थीं. बिरला 6 भाई और तीन बहने हैं. उनके दो बड़े भाई राजेश कृष्ण बिरला और हरिकृष्ण बिरला सहकारी बोर्ड में अध्यक्ष भी हैं. बिरला की पत्नी अमिता बिरला पेशे से सरकारी चिकित्सक रही हैं. उनकी दो बेटियां हैं, जिनमें से बड़ी बेटी आकांशा विवाहित हैं और चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. छोटी बेटी अंजली प्रशासनिक सेवा में हैं.
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कंबल निधि से लेकर सुपोषित मां अभियान तक : बिरला ने कोटा में कई सामाजिक और सांस्कृतिक अभियान छेड़े हैं, जिनमें देशभक्ति से लेकर सामाजिक सरोकार के कार्यक्रम थे. बिरला की बात की जाए तो उन्होंने कंबल निधि, सुपोषित मां अभियान, श्रमवीरों शीतल छांव, सहायक उपकरण वितरण, हॉस्पिटल ऑन व्हील, परिधान उपहार केंद्र, प्रसादम प्रोजेक्ट के जरिए भोजन, मेडिसिन बैंक प्रोजेक्ट, सीएसआर फंडिंग के जरिए वर्किंग वुमन और ग्रहणियों की मदद से मातृत्व ज्ञान केंद्र, मजदूरों के लिए रैन बसेरा संचालित करना, कोटा में तिरंगा यात्राएं निकालना, सीनियर सिटीजन और रिटायर्ड लोगों का सम्मान समारोह, पौधारोपण के लिए ग्रीन कोटा कैंपेन भी उन्होंने चलाया है.
पीएम मोदी भी कर चुके हैं बिरला की तारिफ : बिरला जून 2019 में 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष बने थे. लगभग सभी दलों की सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया था. कई राजनीतिक दलों ने बिरला को सदन का नेता चुनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव का समर्थन किया था. स्पीकर बनने के बाद लोकसभा के संचालन में बिरला की सब तरफ से तारीफ हुई है. उनके स्पीकर रहते कई महत्वपूर्ण बिल पास हुए हैं. साथ ही लोकसभा में उत्पादकता भी बढ़ी है. पहली बार के सांसद, महिला व युवा सांसदों को भी सवाल पूछने और बात रखने का पूरा मौका दिया गया. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिरला की सराहना की थी.
बिरला बनाम के.सुरेश : लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर BJP के नेतृत्व वाले NDA और विपक्ष के इंडिया ब्लॉक के बीच आम सहमति नहीं बन पाई है. NDA और इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. तीसरी बार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा. एनडीए ने बीजेपी सांसद ओम बिरला को अपना उम्मीदवार बनाया है. विपक्ष ने दिग्गज कांग्रेस नेता के. सुरेश को मैदान में उतारने का फैसला किया है.
किस चुनाव में किसको कितने वोट से दी मात :
- पहले चुनाव साल 2003 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर कोटा विधानसभा सीट से लड़ा, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज और कद्दावर मंत्री रहे शांति धारीवाल को पटखनी दी थी. बिरला 10110 वोटों से चुनाव जीते थे.
- साल 2008 में कोटा दक्षिण सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा, जिसमें कांग्रेस के सीनियर नेता रामकिशन वर्मा को 24152 वोटों से चुनाव हराया.
- साल 2013 के चुनाव में उन्होंने पंकज मेहता को चुनाव हराया और तीनों बार जीत का अंतर बढ़ा है. इस बार बिरला 49439 वोटों से जीते थे.
- साल 2014 में लोकसभा के लिए कोटा-बूंदी से उन्हें चुनावी मैदान में उतारा गया, जहां पर उन्होंने पूर्व सांसद इज्यराज सिंह को हराया. इस चुनाव में 200782 वोट से बिरला जीते.
- 2019 में दोबारा उन्होंने कोटा-बूंदी सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के रामनारायण मीणा को 279677 वोट से पटखनी दी. लोकसभा के चुनाव में भी उनका जीत का अंतर बढ़ा है. इसके बाद में लोकसभा के स्पीकर चुने गए.
- साल 2024 के चुनाव में भी उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में गए प्रहलाद गुंजल को हराया है. हालांकि जीत का अंतर इस बार काफी कम रहा है. बिरला व गुंजल के बीच 41974 वोटों से हार-जीत का फैसला हुआ.