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महाराष्ट्र में 400 राजनीतिक दल करा चुके चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन - महाराष्ट्र चुनाव आयोग

400 political parties registered : राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र में करीब 400 राजनीतिक दल रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले अलग-अलग स्थानीय पार्टियां उभर कर सामने आ रही हैं.

State Election Commissioner
यूपीएस मदान
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 19, 2024, 7:33 PM IST

मुंबई: राजनीतिक दल बड़े पैमाने पर राज्य चुनाव आयोग के साथ पंजीकरण करा रहे हैं क्योंकि रुके हुए स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा किसी भी समय होने की संभावना है. राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अब तक विभिन्न दलों का पंजीकरण 400 के आंकड़े तक पहुंच गया है.

राज्य में कई स्थानीय निकायों के चुनाव पिछले डेढ़ साल से रुके हुए हैं. इस चुनाव की घोषणा कभी भी होने की संभावना है. इसलिए, राज्य में स्थानीय पार्टियों ने चुनाव आयोग के साथ पंजीकरण कराना शुरू कर दिया है. राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त यूपीएस मदान ने बताया कि अब तक करीब 396 पार्टियां चुनाव आयोग में पंजीकृत हो चुकी हैं. तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार ने कुछ नगर निगमों में वार्ड संरचना में बदलाव किया था.

आबादी के हिसाब से री-जोनिंग के कारण कुछ वार्डों की संख्या बढ़ गई है. लेकिन जैसे ही शिंदे फड़नवीस सरकार सत्ता में आई, एक बार फिर वार्ड संरचना बहाल कर दी गई. साथ ही सरकार ने कानून में संशोधन कर इस संबंध में अधिकार भी ले लिया है.

डेढ़ साल में बढ़ा पार्टियों का रजिस्ट्रेशन: राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले अलग-अलग स्थानीय पार्टियां उभर कर सामने आ रही हैं. स्थानीय गठबंधन और संगठन अपनी पार्टियों को चुनाव आयोग के साथ पंजीकृत करते हैं.

तदनुसार, राज्य में वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए इन स्थानीय गठबंधनों और पार्टी संगठनों ने अनुमान लगाया है कि रुके हुए स्थानीय निकायों के चुनावों की घोषणा किसी भी समय की जा सकती है. चुनाव अधिकारियों ने बताया कि पिछले डेढ़ साल में राज्य चुनाव आयोग में पार्टियों के रजिस्ट्रेशन में बढ़ोतरी हुई है.

राज्य चुनाव आयोग ने पहले ओबीसी आरक्षण को छोड़कर नगर निगम चुनावों की घोषणा की थी. साथ ही, ओबीसी आरक्षण लागू करने पर राज्य सरकार की बंथिया आयोग की रिपोर्ट को भी रोक दिया गया.

चूंकि इस संदर्भ में याचिकाएं अदालत में लंबित हैं, इसलिए राज्य में 27 नगर निगम, 385 नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में से 257, राज्य की 34 जिला परिषदों में से 26 और 351 पंचायत समितियों में से 289 पर चुनाव का इंतजार है. इसलिए अब भी इन चुनावों पर प्रशासकों का ही दबदबा रहता है.

कितनी पार्टियां पंजीकृत हुईं? : पिछले तीन वर्षों में विभिन्न पार्टियों ने राज्य चुनाव आयोग में पंजीकरण कराया है. 2022 के अंत तक आयोग के साथ कुल 351 पार्टियां पंजीकृत हुईं.

2023 के अंत तक यह संख्या 376 तक पहुंच जाएगी. एलजे अब यह संख्या बढ़कर 396 हो गई है. इससे पता चलता है कि हर साल लगभग 25 नई पार्टियां उभरती हैं. पिछले तीन वर्षों में लगभग 75 नई छोटी पार्टियों ने अपना पंजीकरण कराया है. फिलहाल चुनाव आयोग में पंजीकृत पार्टियों में पांच राष्ट्रीय पार्टियां शामिल हैं. तो चार राज्य स्तरीय पार्टियां हैं. दूसरे राज्यों की 10 पार्टियों को आयोग में पंजीकृत किया गया है. राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त यूपीएस मदान ने बताया कि राज्य में छोटे दलीय संगठनों और गठबंधनों को मिलाकर 377 दलों का पंजीकरण किया गया है.

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मुंबई: राजनीतिक दल बड़े पैमाने पर राज्य चुनाव आयोग के साथ पंजीकरण करा रहे हैं क्योंकि रुके हुए स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा किसी भी समय होने की संभावना है. राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अब तक विभिन्न दलों का पंजीकरण 400 के आंकड़े तक पहुंच गया है.

राज्य में कई स्थानीय निकायों के चुनाव पिछले डेढ़ साल से रुके हुए हैं. इस चुनाव की घोषणा कभी भी होने की संभावना है. इसलिए, राज्य में स्थानीय पार्टियों ने चुनाव आयोग के साथ पंजीकरण कराना शुरू कर दिया है. राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त यूपीएस मदान ने बताया कि अब तक करीब 396 पार्टियां चुनाव आयोग में पंजीकृत हो चुकी हैं. तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार ने कुछ नगर निगमों में वार्ड संरचना में बदलाव किया था.

आबादी के हिसाब से री-जोनिंग के कारण कुछ वार्डों की संख्या बढ़ गई है. लेकिन जैसे ही शिंदे फड़नवीस सरकार सत्ता में आई, एक बार फिर वार्ड संरचना बहाल कर दी गई. साथ ही सरकार ने कानून में संशोधन कर इस संबंध में अधिकार भी ले लिया है.

डेढ़ साल में बढ़ा पार्टियों का रजिस्ट्रेशन: राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले अलग-अलग स्थानीय पार्टियां उभर कर सामने आ रही हैं. स्थानीय गठबंधन और संगठन अपनी पार्टियों को चुनाव आयोग के साथ पंजीकृत करते हैं.

तदनुसार, राज्य में वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए इन स्थानीय गठबंधनों और पार्टी संगठनों ने अनुमान लगाया है कि रुके हुए स्थानीय निकायों के चुनावों की घोषणा किसी भी समय की जा सकती है. चुनाव अधिकारियों ने बताया कि पिछले डेढ़ साल में राज्य चुनाव आयोग में पार्टियों के रजिस्ट्रेशन में बढ़ोतरी हुई है.

राज्य चुनाव आयोग ने पहले ओबीसी आरक्षण को छोड़कर नगर निगम चुनावों की घोषणा की थी. साथ ही, ओबीसी आरक्षण लागू करने पर राज्य सरकार की बंथिया आयोग की रिपोर्ट को भी रोक दिया गया.

चूंकि इस संदर्भ में याचिकाएं अदालत में लंबित हैं, इसलिए राज्य में 27 नगर निगम, 385 नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में से 257, राज्य की 34 जिला परिषदों में से 26 और 351 पंचायत समितियों में से 289 पर चुनाव का इंतजार है. इसलिए अब भी इन चुनावों पर प्रशासकों का ही दबदबा रहता है.

कितनी पार्टियां पंजीकृत हुईं? : पिछले तीन वर्षों में विभिन्न पार्टियों ने राज्य चुनाव आयोग में पंजीकरण कराया है. 2022 के अंत तक आयोग के साथ कुल 351 पार्टियां पंजीकृत हुईं.

2023 के अंत तक यह संख्या 376 तक पहुंच जाएगी. एलजे अब यह संख्या बढ़कर 396 हो गई है. इससे पता चलता है कि हर साल लगभग 25 नई पार्टियां उभरती हैं. पिछले तीन वर्षों में लगभग 75 नई छोटी पार्टियों ने अपना पंजीकरण कराया है. फिलहाल चुनाव आयोग में पंजीकृत पार्टियों में पांच राष्ट्रीय पार्टियां शामिल हैं. तो चार राज्य स्तरीय पार्टियां हैं. दूसरे राज्यों की 10 पार्टियों को आयोग में पंजीकृत किया गया है. राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त यूपीएस मदान ने बताया कि राज्य में छोटे दलीय संगठनों और गठबंधनों को मिलाकर 377 दलों का पंजीकरण किया गया है.

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