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खरना पूजा के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू, छठ व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया

छठ के दूसरे दिन खरना की पूजा आज संपन्न हो गई. व्रतियों के प्रसाद-ग्रहण के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया है-

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छठ खरना संपन्न (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 2 hours ago

पटना : लोक आस्था का महापर्व छठ के दूसरे दिन आज खरना पूजा संपन्न हो गया, जहां पर सभी छठ व्रर्ती नहा धोकर शुद्ध-अंत:करण से खरना का प्रसाद बनाने में जुट गईं. नहाय खाय के दिन एक समय भोजन करके अपने शरीर और मन को शुद्ध करना आरंभ करते हैं. जिसकी पूर्णता अगले दिन होती है. इसीलिए इसे खरना कहते हैं. इस दिन व्रती शुद्ध अंतःकरण से कुलदेवता और सूर्य एवं छठी मैया की पूजा करके गुड़ से बनी खीर का नैवेद अर्पित करती हैं.

36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू : देवता को चढ़ाए जाने वाली खीर को व्रती स्वयं अपने हाथों से पकाते हैं. खरना के बाद व्रती दो दिनों तक साधना में रहते हैं. 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होता है. बताया जाता है कि खरना का अर्थ होता है शुद्धिकरण, व्रती खरना कर तन और मन को शुद्ध और मजबूत बनाते हैं, ताकि अगले 36 घंटे का निर्जला व्रत कर सकें. मिट्टी के चूल्हे पर मिट्टी के बर्तन में गुड़ से बनी रसिया, खीर, रोटी का भोग छठ माई को लगाया जाता है.

प्रसाद ग्रहण कराते मंत्री मंगल पांडेय
प्रसाद ग्रहण कराते मंत्री मंगल पांडेय (ETV Bharat)

छठ व्रतियों ने ग्रहण किया प्रसाद : इसके बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करते हैं. इस दौरान ध्यान रखा जाता है कि किसी प्रकार का कोई कोलाहल ना हो, एकदम शांत वातावरण में व्रती प्रसाद ग्रहण करती हैं. मान्यताओं के अनुसार खरना पूजा के साथ ही छठी मईया घर में प्रवेश कर जाती है.

''आज हम सभी छठ व्रती खरना का प्रसाद बना रहे हैं. इसके बाद अगले 36 घंटे का निर्जला व्रत करेंगे और संकल्प लेंगे.''- सुनीता देवी, जलालपुर विक्रम, पटना

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खरना पूजा करतीं छठ व्रती (ETV Bharat)

छठ की धूम : खरना पूजा के दिन व्रती सूर्योदय से पहले स्नान कर सबसे पहले सूर्य देवता को अर्घ्य देती हैं. शाम के समय मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी जलाकर उसमें खीर और पूड़ी बनाई जाती है. इस दिन एक ही समय भोजन किया जाता है. प्रसाद सबसे पहले छठी मईया को अर्पण करना चाहिए. उसके बाद व्रती वही भोजन खाती हैं. व्रती के खाने के बाद घर के अन्य सदस्य प्रसाद ग्रहण करें.

खरना का प्रसाद बनाती छठ व्रती
खरना का प्रसाद बनाती छठ व्रती (ETV Bharat)

"आज सभी छठ व्रती खरना का प्रसाद ग्रहण कर अगले 36 घंटे के लिए निर्जला व्रत करेंगे और कहा जाता है कि आज से छठी मैया घर में प्रवेश कर जाती हैं." - नवल भारती, मणिचक

ये भी पढ़ें- महत्वपूर्ण जानकारी : छठ में आपके शहर में कब हो रहा सूर्योदय और सूर्यास्त, एक क्लिक में जानें

पटना : लोक आस्था का महापर्व छठ के दूसरे दिन आज खरना पूजा संपन्न हो गया, जहां पर सभी छठ व्रर्ती नहा धोकर शुद्ध-अंत:करण से खरना का प्रसाद बनाने में जुट गईं. नहाय खाय के दिन एक समय भोजन करके अपने शरीर और मन को शुद्ध करना आरंभ करते हैं. जिसकी पूर्णता अगले दिन होती है. इसीलिए इसे खरना कहते हैं. इस दिन व्रती शुद्ध अंतःकरण से कुलदेवता और सूर्य एवं छठी मैया की पूजा करके गुड़ से बनी खीर का नैवेद अर्पित करती हैं.

36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू : देवता को चढ़ाए जाने वाली खीर को व्रती स्वयं अपने हाथों से पकाते हैं. खरना के बाद व्रती दो दिनों तक साधना में रहते हैं. 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होता है. बताया जाता है कि खरना का अर्थ होता है शुद्धिकरण, व्रती खरना कर तन और मन को शुद्ध और मजबूत बनाते हैं, ताकि अगले 36 घंटे का निर्जला व्रत कर सकें. मिट्टी के चूल्हे पर मिट्टी के बर्तन में गुड़ से बनी रसिया, खीर, रोटी का भोग छठ माई को लगाया जाता है.

प्रसाद ग्रहण कराते मंत्री मंगल पांडेय
प्रसाद ग्रहण कराते मंत्री मंगल पांडेय (ETV Bharat)

छठ व्रतियों ने ग्रहण किया प्रसाद : इसके बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करते हैं. इस दौरान ध्यान रखा जाता है कि किसी प्रकार का कोई कोलाहल ना हो, एकदम शांत वातावरण में व्रती प्रसाद ग्रहण करती हैं. मान्यताओं के अनुसार खरना पूजा के साथ ही छठी मईया घर में प्रवेश कर जाती है.

''आज हम सभी छठ व्रती खरना का प्रसाद बना रहे हैं. इसके बाद अगले 36 घंटे का निर्जला व्रत करेंगे और संकल्प लेंगे.''- सुनीता देवी, जलालपुर विक्रम, पटना

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खरना पूजा करतीं छठ व्रती (ETV Bharat)

छठ की धूम : खरना पूजा के दिन व्रती सूर्योदय से पहले स्नान कर सबसे पहले सूर्य देवता को अर्घ्य देती हैं. शाम के समय मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी जलाकर उसमें खीर और पूड़ी बनाई जाती है. इस दिन एक ही समय भोजन किया जाता है. प्रसाद सबसे पहले छठी मईया को अर्पण करना चाहिए. उसके बाद व्रती वही भोजन खाती हैं. व्रती के खाने के बाद घर के अन्य सदस्य प्रसाद ग्रहण करें.

खरना का प्रसाद बनाती छठ व्रती
खरना का प्रसाद बनाती छठ व्रती (ETV Bharat)

"आज सभी छठ व्रती खरना का प्रसाद ग्रहण कर अगले 36 घंटे के लिए निर्जला व्रत करेंगे और कहा जाता है कि आज से छठी मैया घर में प्रवेश कर जाती हैं." - नवल भारती, मणिचक

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