गिरिडीहः दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंसे झारखंड के 27 प्रवासी मजदूरों को बड़ी राहत मिली है. उन्हें उनकी मजदूरी दी गई और वापस भारत भेजने का आश्वासन भी दिया गया. बकाया मजदूरी मिलने के बाद सभी मजदूर काफी खुश हैं और राहत की सांस ले रहे हैं.
बता दें कि निजी कंपनी के द्वारा मजदूरों को न सिर्फ मजदूरी का भुगतान कर दिया गया है बल्कि उनकी जल्द वतन वापसी का भरोसा भी दिया. वहां फंसे मजदूरों ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर इस बात को साझा है. साझा किए गए वीडियो में मजदूरों ने कहा है कि 17 जुलाई को निजी कंपनी और ठेकेदार के बीच हुई मध्यस्थता के बाद मजदूरों का बकाया मजदूरी का भुगतान कर दिया गया है. साथ ही तीन- चार दिनों में सभी मजदूरों की वतन वापसी भी हो जाएगी.
मजदूरों ने वीडियो में कहा है कि वो निजी कंपनी नहीं बल्कि एक ठेकेदार के अंदर मजदूरी करते थे. मजदूरों ने एक पत्र भी सोशल मीडिया पर जारी किया है, जिसमें सभी के साइन हैं. पत्र में लिखा है कि वे लोग इस बात के लिए माफी चाहते हैं कि उन्होंने निजी कंपनी द्वारा उन्हें वेतन नहीं दिए जाने का वीडियो विभिन्न कार्यालयों और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया था. उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि वो कंपनी नहीं, बल्कि एक ठेकेदार के अंदर काम करते हैं. उन्होने कहा की जानकारी के अभाव में और गुस्से की वजह से हमने यह काम किया.
इसके साथ ही मजदूरों ने पत्र में प्रतिष्ठित कंपनी और कैमरून स्थित भारतीय उच्चायोग को त्वरित संज्ञान लेने और जरूरी सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया है. पत्र में मजदूरों ने बताया कि 17 जुलाई को उन्हें याउंदे स्थित कंपनी के कार्यालय में बुलाया गया, जहां कंपनी की मध्यस्थता में उनका पेमेंट फाइनलाइज किया गया. ठेकेदार ने वेतन देने में असमर्थता जताई, जिसके बाद कंपनी ने उनके वेतन का भुगतान किया.
बता दें कि झारखंड के 27 प्रवासी दक्षिण अफ्रीका के कैमरुन में फंसे हुए हैं. मजदूरों ने सोशल मीडिया में वीडियो शेयर कर वहां फंसे होने की बात को साझा किया था. साथ ही बकाया मजदूरी का भुगतान के साथ वतन वापसी के लिए सरकार से सहयोग की अपील की थी.
बता दें कि बुधवार को विदेश मंत्रालय ने दक्षिण अफ्रीका में मजदूरों के फंसे होने की पुष्टि की थी. मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि दक्षिण अफ्रीका में भारतीय उच्चायोग को इसका मजदूरों के फंसे होने की जानकारी है. वहां के अधिकारी इसका समाधान निकाल रहे हैं.
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