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ड्रग्स केस में दोषी ठहराए गए 17 लोग, पंजाब के पूर्व DSP को 10 साल की सजा - Ex Punjab DSP Sentenced jail

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 30, 2024, 9:04 PM IST

Punjab Drug Case: पंजाब के मोहाली में ईडी की विशेष अदालत ने मंगलवार को ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में जगदीश सिंह उर्फ ​​भोला समेत 17 लोगों को दोषी करार दिया है. खबर के मुताबिक, जगदीश सिंह उर्फ भोला पहले एक कुश्ती का खिलाड़ी था. बाद में वह पंजाब पुलिस में भर्ती हो गया. डीएसपी बनने के बाद वो ड्रग्स तस्करों के संपर्क में आया था.

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ड्रग्स केस: पंजाब के पूर्व DSP को 10 साल की सजा (ETV Bharat)

चंडीगढ़: पंजाब के मोहाली में ईडी की विशेष अदालत ने 6 हजार करोड़ रुपये के अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश सिंह उर्फ भोला समेत 17 लोगों को दोषी करार दिया है. साथ ही कोर्ट ने आरोपियों को सजा भी सुनाई है.सजा पाने वालों में भोला की पत्नी और ससुर भी शामिल हैं.

पहलवान से पुलिसकर्मी और फिर ड्रग माफिया बने भोला को एक अन्य आरोपी अवतार सिंह तारो के साथ 10 साल की सजा सुनाई गई है. पंजाब के विभिन्न थानों में दर्ज एफआईआर का संज्ञान लेते हुए ईडी ने साल 2013 में मामले की जांच शुरू की थी. कोर्ट ने जब आरोपियों को सजा सुनाई, उस समय ईडी के अधिकारी भी मौजूद थे. अधिकारी ने बताया कि मामले में दाखिल की गई चार चार्जशीट में फैसला आ चुका है, जबकि तीन चार्जशीट पर निर्णय आना अभी भी बाकी है. बता दें कि कोर्ट ने जगदीश भोला, मनप्रीत, सुखराज, सुखजीत सुखा, मनिंदर, दविंदर सिंह हैप्पी, अवतार सिंह को 10-10 साल की सजा सुनाई है.

इसके अलावा कोर्ट ने जगदीश भोला की पत्नी गुरप्रीत कौर, अवतार पत्नी संदीप कौर, जगमिंदर कौर औलख, गुरमीत कौर, अरमजीत सिंह और भोला के ससुर दलीप मान को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है, जबकि आरोपी गुरप्रीत सिंह, सुभाष बजाज और अंकुर बजाज को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है. जानकारी के मुताबिक इस मामले में कुल 23 लोग आरोपी थे. इनमें से चार की पहले ही मौत हो चुकी है, जिनमें भोला के पिता बलशिंदर में शामिल हैं. वहीं, 2 व्यक्तियों को लेकर अभी विस्तृत आदेश नहीं आए हैं.

ड्रग मनी से बनाई 400 करोड़ की संपत्ति
सजा के ऐलान के वक्त ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह भी कोर्ट में मौजूद थे. उनके नेतृत्व में ही मामले की जांच की गई थी. उन्होंने बताया कि आज चार चार्जशीट में फैसला आया है. जांच के बाद आरोपियों के ड्रग के जरिए बनाई गई संपत्ति को अटैच किया गया है. संपत्ति की मार्केट वैल्यू 400 करोड़ रुपये से अधिक है.

11 साल पहले सामने आया था यह मामला
बता दें कि यह मामला साल 2013 में सामने आया था. जब पंजाब पुलिस ने इस मामले में अर्जुन अवॉर्डी पहलवान रुस्तम-ए-हिंद को गिरफ्तार किया था और पंजाब पुलिस के डीएसपी जगदीश सिंह भोला को बर्खास्त किया था. तब पता चला था कि यह रैकेट पंजाब से बाहर के देशों तक फैला हुआ था. इस मामले के सामने आने से पंजाब की राजनीति और खेल जगत में खलबली मच गई थी. साथ ही राज्य के कई नेताओं से भी पूछताछ की गई थी. जांच में पता चला था कि यह ड्रग रैकेट 6 हजार करोड़ रुपये का है. साल 2019 में सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत 25 लोगों को सजा सुनाई थी.

करोड़ों की संपत्ति जुटाई, नहीं दिया टैक्स
ईडी ने जब मामले की जांच शुरू की तो सामने आया कि मामले में शामिल आरोपियों ने करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटाई है, जबकि ये लोग आयकर भी नहीं देते थे. साथ ही इनकी इनकम भी आय से काफी ज्यादा है. इससे स्पष्ट हो गया कि उक्त व्यक्ति किसी अन्य कारोबार में संलिप्त हैं. इसके बाद ईडी ने आरोपियों की संपत्ति अटैच कर ली थी. इसमें मोहाली से लेकर विभिन्न स्थानों पर आलीशान कोठियां, औद्योगिक प्लाट और अन्य संपत्तियां शामिल थीं.

जगदीश भोला के पिता बलशिंदर सिंह की 24 जुलाई को मौत हो गई थी. इस बीच 26 जुलाई को उनके अंतिम संस्कार के लिए जब भोला जेल से अपने गांव पहुंचा तो उसने कहा कि इस मामले में उन्हें फंसाने के पीछे सरकार का हाथ है. उन्होंने कहा था कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. जांच में अगर वे दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाए. वे इससे कभी पीछे नहीं हटेंगे.

ये भी पढ़ें: उत्तरी कश्मीर का एक आतंकी गाइड पुंछ में गिरफ्तार, हथियार और गोला-बारूद बरामद

चंडीगढ़: पंजाब के मोहाली में ईडी की विशेष अदालत ने 6 हजार करोड़ रुपये के अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पंजाब पुलिस के बर्खास्त डीएसपी जगदीश सिंह उर्फ भोला समेत 17 लोगों को दोषी करार दिया है. साथ ही कोर्ट ने आरोपियों को सजा भी सुनाई है.सजा पाने वालों में भोला की पत्नी और ससुर भी शामिल हैं.

पहलवान से पुलिसकर्मी और फिर ड्रग माफिया बने भोला को एक अन्य आरोपी अवतार सिंह तारो के साथ 10 साल की सजा सुनाई गई है. पंजाब के विभिन्न थानों में दर्ज एफआईआर का संज्ञान लेते हुए ईडी ने साल 2013 में मामले की जांच शुरू की थी. कोर्ट ने जब आरोपियों को सजा सुनाई, उस समय ईडी के अधिकारी भी मौजूद थे. अधिकारी ने बताया कि मामले में दाखिल की गई चार चार्जशीट में फैसला आ चुका है, जबकि तीन चार्जशीट पर निर्णय आना अभी भी बाकी है. बता दें कि कोर्ट ने जगदीश भोला, मनप्रीत, सुखराज, सुखजीत सुखा, मनिंदर, दविंदर सिंह हैप्पी, अवतार सिंह को 10-10 साल की सजा सुनाई है.

इसके अलावा कोर्ट ने जगदीश भोला की पत्नी गुरप्रीत कौर, अवतार पत्नी संदीप कौर, जगमिंदर कौर औलख, गुरमीत कौर, अरमजीत सिंह और भोला के ससुर दलीप मान को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है, जबकि आरोपी गुरप्रीत सिंह, सुभाष बजाज और अंकुर बजाज को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई है. जानकारी के मुताबिक इस मामले में कुल 23 लोग आरोपी थे. इनमें से चार की पहले ही मौत हो चुकी है, जिनमें भोला के पिता बलशिंदर में शामिल हैं. वहीं, 2 व्यक्तियों को लेकर अभी विस्तृत आदेश नहीं आए हैं.

ड्रग मनी से बनाई 400 करोड़ की संपत्ति
सजा के ऐलान के वक्त ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह भी कोर्ट में मौजूद थे. उनके नेतृत्व में ही मामले की जांच की गई थी. उन्होंने बताया कि आज चार चार्जशीट में फैसला आया है. जांच के बाद आरोपियों के ड्रग के जरिए बनाई गई संपत्ति को अटैच किया गया है. संपत्ति की मार्केट वैल्यू 400 करोड़ रुपये से अधिक है.

11 साल पहले सामने आया था यह मामला
बता दें कि यह मामला साल 2013 में सामने आया था. जब पंजाब पुलिस ने इस मामले में अर्जुन अवॉर्डी पहलवान रुस्तम-ए-हिंद को गिरफ्तार किया था और पंजाब पुलिस के डीएसपी जगदीश सिंह भोला को बर्खास्त किया था. तब पता चला था कि यह रैकेट पंजाब से बाहर के देशों तक फैला हुआ था. इस मामले के सामने आने से पंजाब की राजनीति और खेल जगत में खलबली मच गई थी. साथ ही राज्य के कई नेताओं से भी पूछताछ की गई थी. जांच में पता चला था कि यह ड्रग रैकेट 6 हजार करोड़ रुपये का है. साल 2019 में सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत 25 लोगों को सजा सुनाई थी.

करोड़ों की संपत्ति जुटाई, नहीं दिया टैक्स
ईडी ने जब मामले की जांच शुरू की तो सामने आया कि मामले में शामिल आरोपियों ने करोड़ों रुपये की संपत्ति जुटाई है, जबकि ये लोग आयकर भी नहीं देते थे. साथ ही इनकी इनकम भी आय से काफी ज्यादा है. इससे स्पष्ट हो गया कि उक्त व्यक्ति किसी अन्य कारोबार में संलिप्त हैं. इसके बाद ईडी ने आरोपियों की संपत्ति अटैच कर ली थी. इसमें मोहाली से लेकर विभिन्न स्थानों पर आलीशान कोठियां, औद्योगिक प्लाट और अन्य संपत्तियां शामिल थीं.

जगदीश भोला के पिता बलशिंदर सिंह की 24 जुलाई को मौत हो गई थी. इस बीच 26 जुलाई को उनके अंतिम संस्कार के लिए जब भोला जेल से अपने गांव पहुंचा तो उसने कहा कि इस मामले में उन्हें फंसाने के पीछे सरकार का हाथ है. उन्होंने कहा था कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. जांच में अगर वे दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाए. वे इससे कभी पीछे नहीं हटेंगे.

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