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तृतीय श्रेणी के 16 हजार शिक्षकों को दी जाएगी फाउंडेशन, लिटरेसी और न्यूमरेसी की ट्रेनिंग

प्रदेश के छात्रों को नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से नवनियुक्त शिक्षकों को ट्रेड करने की प्लानिंग की गई है. तृतीय श्रेणी लेवल 1 के 16 हजार शिक्षकों के लिए एक मॉड्यूल बनाया गया है, जिसके तहत उन्हें फाउंडेशन, लिटरेसी और न्यूमरेसी को पढ़ाने के लिए एक्टिविटी बेस्ड एजुकेशन देने के लिए तैयार किया जाएगा.

लिटरेसी और न्यूमरेसी की ट्रेनिंग
लिटरेसी और न्यूमरेसी की ट्रेनिंग
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 27, 2024, 7:49 PM IST

तृतीय श्रेणी के 16 हजार शिक्षकों को दी जाएगी फाउंडेशन

जयपुर. राजस्थान के शैक्षिक माहौल में गुणवत्ता लाने के लिए प्राइमरी एजुकेशन प्रोसेस को मजबूत करने पर काम किया जा रहा है. इसे लेकर शिक्षा सचिव नवीन जैन ने बताया कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का हर एक शिक्षक अपना लक्ष्य बनाए, ताकि वो छात्र भविष्य में देश और समाज के लिये बेहतर कार्य करने के योग्य बन सके.

इसी उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने नवनियुक्त 16 हजार शिक्षकों को कक्षा लेने में दक्ष बनाने के लिए इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है. इसमें शिक्षा सचिव के निर्देशन में राज्य स्तर पर स्टेट रिसोर्स ग्रुप के 11 सदस्यों ने एक ट्रेनिंग मॉड्यूल बनाया है. ये ग्रुप तीन चरणों में करीब 500 मास्टर ट्रेनर्स को चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण देगा. आगे चलकर ये प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स अपने जिलों में लगाए गए नवनियुक्त शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे.

पढ़ें: कलेक्टर बनेंगे कोचिंग स्टूडेंट के पैरेंट्स, कामयाब कोटा के तहत शुरू किया 'डिनर विद कलेक्टर'

लिटरेसी और न्यूमरेसी की ट्रेनिंग: शिक्षा सचिव नवीन जैन ने बताया कि इस ट्रेनिंग में भारत सरकार की नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत फाउंडेशन, लिटरेसी और न्यूमरेसी को पढ़ाने के लिए किस नई तकनीक का इस्तेमाल करना है. एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग के तहत 1 से 5वीं तक के छात्रों को हिंदी, मैथ, इंग्लिश पढ़ाने में एक्टिविटी के माध्यम पढ़ाने का तरीका सिखाया जाएगा. उन्होंने बताया कि एग्जाम ड्यूटी के अतिरिक्त जो भी शिक्षक उपलब्ध होंगे, उनके बैच बना दिए जाएंगे. शिक्षकों को ऑप्शन दिए जाएंगे कि यदि वो पहले ट्रेनिंग में पार्टिसिपेट नहीं कर पाए हैं, तो दूसरी या तीसरी ट्रेनिंग का हिस्सा बने. चार दिवसीय इस ट्रेनिंग का विभाग की ओर से शिक्षकों को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. बता दें कि ट्रेंनिंग मॉड्यूल में नई शिक्षण विधा, नई तकनीक और सामाजिक सरोकारों को शामिल किया है, ताकि शिक्षक छात्रों को जीवन कौशल, सामाजिक सरोकारों और नई तकनीकों का ज्ञान दे सकें और छात्रों में तकनीकी संसाधनों का सही दिशा में उपयोग करने की समझ विकसित हो.

तृतीय श्रेणी के 16 हजार शिक्षकों को दी जाएगी फाउंडेशन

जयपुर. राजस्थान के शैक्षिक माहौल में गुणवत्ता लाने के लिए प्राइमरी एजुकेशन प्रोसेस को मजबूत करने पर काम किया जा रहा है. इसे लेकर शिक्षा सचिव नवीन जैन ने बताया कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का हर एक शिक्षक अपना लक्ष्य बनाए, ताकि वो छात्र भविष्य में देश और समाज के लिये बेहतर कार्य करने के योग्य बन सके.

इसी उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने नवनियुक्त 16 हजार शिक्षकों को कक्षा लेने में दक्ष बनाने के लिए इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है. इसमें शिक्षा सचिव के निर्देशन में राज्य स्तर पर स्टेट रिसोर्स ग्रुप के 11 सदस्यों ने एक ट्रेनिंग मॉड्यूल बनाया है. ये ग्रुप तीन चरणों में करीब 500 मास्टर ट्रेनर्स को चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण देगा. आगे चलकर ये प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स अपने जिलों में लगाए गए नवनियुक्त शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे.

पढ़ें: कलेक्टर बनेंगे कोचिंग स्टूडेंट के पैरेंट्स, कामयाब कोटा के तहत शुरू किया 'डिनर विद कलेक्टर'

लिटरेसी और न्यूमरेसी की ट्रेनिंग: शिक्षा सचिव नवीन जैन ने बताया कि इस ट्रेनिंग में भारत सरकार की नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत फाउंडेशन, लिटरेसी और न्यूमरेसी को पढ़ाने के लिए किस नई तकनीक का इस्तेमाल करना है. एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग के तहत 1 से 5वीं तक के छात्रों को हिंदी, मैथ, इंग्लिश पढ़ाने में एक्टिविटी के माध्यम पढ़ाने का तरीका सिखाया जाएगा. उन्होंने बताया कि एग्जाम ड्यूटी के अतिरिक्त जो भी शिक्षक उपलब्ध होंगे, उनके बैच बना दिए जाएंगे. शिक्षकों को ऑप्शन दिए जाएंगे कि यदि वो पहले ट्रेनिंग में पार्टिसिपेट नहीं कर पाए हैं, तो दूसरी या तीसरी ट्रेनिंग का हिस्सा बने. चार दिवसीय इस ट्रेनिंग का विभाग की ओर से शिक्षकों को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. बता दें कि ट्रेंनिंग मॉड्यूल में नई शिक्षण विधा, नई तकनीक और सामाजिक सरोकारों को शामिल किया है, ताकि शिक्षक छात्रों को जीवन कौशल, सामाजिक सरोकारों और नई तकनीकों का ज्ञान दे सकें और छात्रों में तकनीकी संसाधनों का सही दिशा में उपयोग करने की समझ विकसित हो.

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