नई दिल्ली: दिल्ली से कनाडा जाने वाली फ्लाइट में बम होने वाला मेल भेजने वाला अब पुलिस के घेरे में है. चौंकाने वाली बात ये है कि जिसने ये मेल भेजा है वो कोई और नहीं बल्कि 13 साल का नाबालिग है. पुलिस ने 13 साल के एक बच्चे को पकड़ा(apprehend) है. इस बच्चे को मेरठ से पकड़ा गया है. बड़ी हैरानी की बात यह है बच्चे ने पूछताछ में बताया कि उसने सिर्फ मजे मजे में ये ईमेल किया था.
इसी महीने की 4 तारीख को दिल्ली एयरपोर्ट पर एक फ्लाइट में बम रखे होने की एक कॉल से जब अफरा तफरी मची तो सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ गई. अब इस मामले में एयरपोर्ट पुलिस ने 13 साल के एक नाबालिग को पकड़ा है.
जानकारी के मुताबिक 13 साल के इस बच्चे ने मेल के माध्यम से ये जानकारी दी थी कि दिल्ली से टोरंटो जाने वाली फ्लाइट में बम रखा हुआ है. एयरपोर्ट पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली एयरपोर्ट से टोरंटो जाने वाली फ्लाइट में बम की जानकारी 4 जून की रात को लगभग 11:30 बजे मिली थी. यह फ्लाइट तड़के 5 जून को टेक ऑफ करने वाली थी लेकिन बम की जानकारी मिलने के बाद एयरपोर्ट पर हड़कंप मच गया और इमरजेंसी घोषित कर विमान की तलाशी ली गई इसके बाद बाद में यह hoax कॉल घोषित किया गया. जब पूरी तसल्ली से फ्लाइट की जांच की गई और यह hoax call घोषित हुआ उसके बाद एयरपोर्ट पुलिस के तेज तर्रार अफसर की टीम बनाकर जांच शुरू की गई.
इस बीच पुलिस टीम की जांच मेरठ तक जा पहुंची. जहां ईमेल के सोर्स का पता लगा और टीम के लगातार प्रयास के बाद यह पता चल पाया ईमेल भेजने वाला 13 साल का एक बच्चा है.
पूछताछ के दौरान उस बच्चे ने बताया की फ्लाइट में बम की इस ईमेल का आईडिया उसे मुंबई एयरपोर्ट पर एक फ्लाइट में बम होने की जानकारी होने के बाद आया. जिसके बाद उसने इस तरह की ईमेल दिल्ली एयरपोर्ट के फ्लाइट में बम होने के जानकारी के लिए किया. उसे इस बात का अंदेशा था कि पुलिस इस बात की जानकारी नहीं लगा पाएगी की ईमेल उसने किया है.
Email अपने मोबाइल से उसने नकली ईमेल आईडी से किया था और इसके लिए उसने अपनी मां का वाई-फाई लेकर मेल भेजा था और इस मेल को भेजने के बाद उसने फौरन इस ईमेल को डिलीट कर दिया. उसने यह भी बताया कि अगले दिन जब उसने यह खबर न्यूज़ चैनल और अखबारों में दिखी तो उसे बड़ी खुशी हुई. लेकिन उसने इस बात की जानकारी अपने माता-पिता को नहीं दी थी. बच्चे के पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. बच्चे को एप्प्रिहेंड करने के बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया गया और बाद में उसे उसके पेरेंट्स को सौंप दिया गया.