SCOના રાષ્ટ્રાધ્યક્ષ પરિષદના બિશ્કેક ઘોષણાપત્ર મુજબ, સભ્યોએ દેશની આ વાત પર ભાર આપ્યો છે કે, આતંકવાદ અને કૃત્યોને સાચું ગણાવી શકાય નહીં. જેથી રાષ્ટ્રના સભ્ય આતંકવાદને દરેક રીતે વખોડે છે.
વધુમાં જણાવી દઇએ કે, વડાપ્રધાન નરેન્દ્ર મોદીએ SCO શિખર સંમેલનમાં શુક્રવારે હાજરી આપી હતી. SCO ચીનની આગેવાની હેઠળના આઠ દેશોની આર્થિક અને સલામતી જૂથ છે. ભારત અને પાકિસ્તાનને આ જૂથમાં 2017માં સામેલ કરવામાં આવ્યા હતા. ચીન, કઝાકિસ્તાન, કિર્ગિસ્તાન, રશિયા, તજિકિસ્તાન અને ઉઝ્બેકિસ્તાન SCOના અન્ય સભ્ય છે.
સભ્યો દેશોને વૈશ્વિક સમુદાયને આ અપીલ પણ કરી છે કે, આંતરરાષ્ટ્રીય આતંકવાદ પર વ્યાપક સંમેલન પર સર્વસંમતિની દિશામાં કામ કરે.
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भारत सहित SCO सदस्यों ने आतंकवाद की एक सुर में निंदा की
बिश्केक घोषणा-पत्र में भारत और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के अन्य सदस्य देशों ने आतंकवाद की कड़ी निंदा की. इसके अलावा और क्या कुछ कहा गया घोषणा-पत्र में, पढे़ं पूरी खबर.
बिश्केक: भारत और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के अन्य सदस्य देशों ने आतंकवाद के हर स्वरूप की निंदा की. साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद से मुकाबला करने में सहयोग बढ़ाने की भी अपील की.
जानिए क्या कहता है बिश्केक घोषणा-पत्र
SCO की राष्ट्राध्यक्ष परिषद के बिश्केक घोषणा-पत्र के मुताबिक, सदस्य देशों ने इस बात पर जोर दिया है कि आतंकवादी एवं चरमपंथी कृत्यों को सही नहीं ठहराया जा सकता.
घोषणा-पत्र में कहा गया कि आतंकवाद, आतंकवादी एवं चरमपंथी विचारधारा का फैलाव, जनसंहार के हथियारों का प्रसार, हथियारों की होड़ जैसी चुनौतियां और सुरक्षा संबंधी खतरे सीमा पार प्रकृति के होते जा रहे हैं.
इसमें कहा गया कि इन पर वैश्विक समुदाय द्वारा विशेष ध्यान देने, बेहतर समन्वय और रचनात्मक सहयोग करने की जरूरत है. बिश्केक घोषणा-पत्र के मुताबिक, 'सदस्य राष्ट्र आतंकवाद के हर स्वरूप की निंदा करते हैं.'
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घोषणा-पत्र में ये भी कहा गया, 'वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान करते हैं कि आतंकवाद से मुकाबले में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा दें. इसमें संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका हो, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों को बगैर किसी राजनीतिकरण और दोहरे मानदंड को पूरी तरह लागू करेगा और ऐसा करते हुए सभी देशों की संप्रभुता एवं आजादी के प्रति आदर का भाव रखेगा.'
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां एससीओ शिखर सम्मेलन में शुक्रवार को हिस्सा लिया. एससीओ चीन की अगुवाई वाला आठ देशों का आर्थिक एवं सुरक्षा समूह है. भारत और पाकिस्तान को इसमें 2017 में शामिल किया गया था. चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान एसीओ के अन्य सदस्य देश हैं.
सदस्य देशों ने वैश्विक समुदाय से यह अपील भी की है कि वे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन (सीसीआईटी) पर आम राय बनाने की दिशा में काम करें.
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