રવિવારે ભારતે એક જાહેરનામું બહાર પાડી જણાવ્યું હતું કે, અમેરિકાથી આવતા સફરજન, બદામ, અખરોટ, કાબુલી ચણા, મસુર દાળ, સહિતની 28 ચીજવસ્તુઓ પર આયાત કર વધારવામાં આવ્યો છે. જેમાં અખરોટ પરનો કર 30 ટકાથી વધારી 120 ટકા, કાબુલી ચણા, ચણા અને મસુરની દાળ પરનો કર 30 ટકાથી વધારી 70 ટકા કરવામાં આવ્યો છે. આ નોટિફિકેશને અમેરિકાને ભારતનો વ્યાપારિક જવાબ ગણવામાં આવે છે. કારણ કે, ગયા વર્ષે અમેરિકાએ ભારતથી જતી વસ્તુઓ પર 25 ટકા આયાતકર વધાર્યો હતો. એટલુ જ નહીં એલ્યુમીનિયમના ઉત્પાદનો પર 10 ટકા ઈમ્પોર્ટ ટેક્સ વધારી દીધો હતો. એ પહેલા કોઈ પણ જાતનો કર લેવામાં આવતો નહોતો. હવે ભારતની આ જવાબી કાર્યવાહીથી 21.7 કરોડનો કર તીજોરીમાં ઉમેરો થશે.
ભારત અમેરિકાને વર્ષે 1.5 અરબ ડૉલરનું પોલાદ અને એલ્યુમીનિયમ નિકાસ કરે છે. 2017-18માં ભારતથી અમેરિકામાં 47.9 અરબ ડૉલરની નિકાસ અને 26.7 અરબ ડૉલરની નિકાસ કરવામાં આવી હતી. અમેરિકાએ ભારતને GSP અંતર્ગત કર વગરની નિયાતની સુવિધા 5 જૂનથી સમાપ્ત કરી દીધી હતી. જેથી ભારત અને અમેરિકા વચ્ચે વ્યાપારિક મુદ્દાઓ પર સમાધાન શક્ય બન્યુ નહીં. અમેરિકાના આ નિર્ણયથી ભારતની 5.5 અરબ ડૉલરની નિકાસ પર અસર થવાની સંભાવના છે. આ તમામ મુદ્દાઓને ધ્યાનમાં રાખીને ભારતે આયાત કર વધારવાનો નિર્ણય લીધો છે.
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भारत की जवाबी कार्रवाई: अमेरिका से आने वाले 28 उत्पादों पर बढ़ाया प्रशुल्क
सरकार ने अमेरिका के खिलाफ व्यापारिक जवाबी कार्रवाई की है. इसके तहत सरकार ने सेब से लेकर बादम और दालों सहित 28 अन्य अमेरिकी उत्पादों पर प्रशुल्क बढ़ाने की अधिसूचना जारी की है. जानें क्या है पूरा मामला...
नई दिल्ली: सरकार ने अमेरिका में उत्पादित या वहां से आयात किये जाने वाले बादाम, अखरोट और दालों सहित 28 विनिर्दिष्ट वस्तुओं पर प्रशुल्क बढ़ाने की अधिसूचना जारी की है. सरकार ने अमेरिका के खिलाफ जवाबी व्यापारिक कार्रवाई के तहत ये कार्य किया है.
भारत की अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई
आपको बता दें, अमेरिका के खिलाफ जवाबी व्यापारिक कार्रवाई के तहत बढ़ाई गई नई दरें आज से ही लागू हो जाएंगी. इस कार्रवाई से इन वस्तुओं का निर्यात करने वाले अमेरिकी कारोबारी प्रभावित होंगे और प्रशुल्क बढ़ने से भारत में इन वस्तुओं का आयात महंगा हो जाएगा.
क्या कहती है अधिसूचना
बता दें, इस अधिसूचना में कहा गया है कि अमेरिका को छोड़ कर बाकी देशों से इन वस्तुओं पर व्यापार में तरजही देश (MFN) की व्यवस्था के तहत पहले से लागू दरें पूर्ववत बनी रहेंगी. पहले अमेरिका की 29 वस्तुओं के खिलाफ कार्रवाई की बात थी. इस कार्रवाई में भारत को 21.7 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सकता है.
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विशेष प्रकार की झींगा मछली सूची से बाहर
भारत के इस्पात और एल्युमरीनियम पर अमेरिका में शुल्क बढ़ाए जाने के बाद सरकार ने अमेरिका के खिलाफ यह कार्रवाई करने का निर्णय गत वर्ष 21 जून को ही ले लिया था पर इसे कई बार टाल दिया गया था. बता दें, पहले 29 वस्तुओं पर शुल्क बढ़ाने की योजना थी पर अधिसूचना में विशेष प्रकार की झींगा मछली को सूची से निकाल दिया गया है.
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है, अमेरिका ने पिछले साल भारत से कुछ इस्पात वस्तुओं पर 25 प्रतिशत और एल्यूमीनियम के कुछ उत्पादों पर 10 प्रतिशत का शुल्क लगाया था. हालांकि, पहले इन पर वहां कोई प्रशुल्क नहीं लगाया जाता था.
इन उत्पादों पर बढ़ा कर
भारत ने जवाबी कार्रवाई में अखरोट पर शुल्क 30 प्रतिशत से बढ़ा कर 120 प्रतिशत और काबुली चना, चना और मसूर दाल पर शुल्क 30 प्रतिशत से बढ़ा कर 70 प्रतिशत कर दिया है. कुछ अन्य दालों पर प्रशुल्क 40 प्रतिशत तक किया गया है. वहीं अमेरिका से आने वाले बोरिक एसिड और ढलाई के सांचे बांधने में काम आने वाले बाइंडर पर 7.5 प्रतिशत की दर से शुल्क लागू होगा
बातचीत में नहीं सुलझे दोनों देशों के व्यापारिक मुद्दों
अमेरिका ने भारत को व्यापार में वरीयता की अपनी सामान्य व्यवस्था (GSP) के तहत प्रशुल्क मुक्त निर्यात की सुविधा पांच जून को खत्म कर दी. इससे पहले उम्मीद थी कि बातचीत में व्यापारिक मुद्दों का समाधान हो जाएगा. GSP की छूट समाप्त होने से भारत से सालाना 5.5 अरब डालर मूल्य का निर्यात प्रभावित होने का अनुमान है.
भारत अमेरिका को इतना सालाना निर्यात करता है
भारत अमेरिका को सालाना 1.5 अरब डालर का इस्पात और एल्यूमीनियम उत्पादों का निर्यात करता है. 2017-18 में भारत से अमेरिका को निर्यात 47.9 अरब डालर और आयात 26.7 अरब डालर के बराबर था.
Conclusion: