નીતિશ કુમારે વિધાનસભામાં વધુમાં કહ્યું હતું કે, મેં રાહત અને બચાવની પ્રક્રિયાને વધારવાના આદેશ આપી દીધા છે. કુલ 125 હોડીઓ દ્વારા લોકોની બચાવ કામગીરી શરૂ કરવામાં આવી છે. NDRF તથા SDRFની 26 ટૂકડીઓ ખડે પગે રાખવામાં આવી છે. 199 રાહત શિબિર કેન્દ્રો શરૂ કરવામાં આવ્યા છે. જ્યા 1.16 લાખ લોકો રહે છે. કુલ 676 સામુદાયિક રસોઈ ઘર બનાવામાં આવ્યા છે, જ્યા લોકોને જમવાનું આપવામાં આવે છે.
બિહારમાં ભારે વરસાદથી નદીઓમાં ઘોડાપૂર આવ્યું છે, જેથી અનેક ગામ સંપર્ક વિહોણા બન્યા છે. જણાવી દઈએ કે, બિહારમાં 12 જિલ્લાઓમાં પૂર આવ્યું છે, જેમાં 24 લોકોના મોત નિપજ્યા છે.જો કે, 25 લાખ 66 હજાર લોકોને પૂરથી અસર થઈ છે. બિહાર રાજ્ય ડિઝાસ્ટર મેનેજમેન્ટ વિભાગના જણાવ્યાં મુજબ રાજ્યના 16 જિલ્લા પૂરથી પ્રભાવિત છે. જ્યાં રાહત અને બચાવ કાર્ય શરૂ કરી દેવાયું છે. રાજ્યમાં પ્રમુખ નદીના જળસ્તરમાં સતત વધારો થઈ રહ્યો છે. જેનાથી નવા વિસ્તારોમાં પૂરના પાણી ઘૂસવાની આશંકા છે. બિહારની સાથે સાથે નેપાળમાં પણ ભારે વરસાદના કારણે નેપાળથી આવતી નદીઓ અનેક જગ્યાઓ પર ખતરાના નિશાનથી ઉપર વહી રહી છે.
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बिहार में बाढ़ से 25 लोगों की मौत, 25.71 लाख लोग प्रभावितः नीतीश कुमार
पटनाः बिहार के दरभंगा इलाके में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. बाढ़ की चपेट में तकरीबन 12 इलाके हैं. दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. इस संबंध में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान सामने आया है.
कुमार ने अपने बयान में कहा कि, राज्य में अचानक आई बाढ़ से 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 जिलों में 25.71 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
कुमार ने विधानसभा में कहा कि, 'मैंने राहत एवं बचाव अभियान तेज करने का निर्देश दिया है. कुल 125 मोटर नौकाएं इस काम में लगायी गयी हैं तथा एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की 26 कंपनियां तैनात की गयी हैं. उससे हमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सवा लाख लोगों को बचाने में मदद मिली है.'
उन्होंने कहा कि अब तक 199 राहत शिविर लगाये हैं जहां 1.16 लाख लोगों ने शरण ले रखी है. कुल 676 सामुदायिक रसोई घर बनाये गये हैं तथा यदि जरूरत महसूस हुई तो और ऐसे और रसोई घर बनाये जा सकते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'अतिसार जैसी जलजनित बीमारियां फैलने से रोकने के लिए स्वच्छ पेयजल एवं दवाइयों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है.'
बता दें उन्होंने रविवार और सोमवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था.
गौरतलब है कि बिहार में बाढ़ का कहर कुछ इस तरह बरपा कि मंगलवार की सुबह दरभंगा-सीतामढ़ी एनएच-57 पर एक पुल बह गया. इस पुल के बह जाने से दर्जनों गांवों का संपर्क एक-दूसरे से टूट गया है.
पुल के टूटने से हाहाकारः
दरभंगा के अतरबेल विशनपुर पथ के बिरदीपूर के पास बागमती नदी की उफान से पीडब्लूडी सड़क करीब 40 फिट ध्वस्त हो गया. दर्जनो पंचायत को जोड़ने वाले इस पुल के टूटने से हाहाकार मच गया है. लोगों का कहना है कि प्रशासनिक उदासीनता के कारण कटाव बढ़ रहा है. पुल टूट जाने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गई है.
पढ़ेंः बिहार: बाढ़ की तैयारी पर प्रशासन के खोखले दावे, 4 लाख की आबादी पर मात्र 20 पुरानी नाव
दर्जनों गांवों का टूटा संपर्कः
अरई, सढवाडा, हरपुर, सिमरी, चमनपुर,सोनेबन, सहित दर्जनों गांव का सिंघवारा प्रखंड और एन एच 57 हाईवे से संपर्क टूट गया है. जिला मुख्यालय से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर ये कटाव हुआ है. पीड़ितों के लिए सरकार की ओर से अभी तक कोई सहायता नहीं भेजी गई है. नाव की भी व्यवस्था नहीं की गई है जिसे लेकर लोगों में आक्रोश है.
सूचना देने पर भी नहीं आए सीओः
सिमरी पंचायत के मुखिया विश्वनाथ पासवान ने कहा कि बाढ़ के प्रकोप को देखते हुए उन्होंने सीओ को फोन किया तो किसी कृष्ण नंद झा नामक व्यक्ति ने फोन उठाया. उन्होंने खुद को सीओ का प्रतिनिधि बताया. मुखिया ने उन्हें बाढ़ की हालात से अवगत कराया. मदद करने का बजाय कृष्ण नंद झा ने कहा कि आपलोग झूठ बोल रहे हैं. विश्वनाथ पासवान ने उनसे आग्रह किया कि आप खुद आकर यहां की हालत देख लीजिए. पूरे दिन इंतजार किया गया लेकिन वो नहीं आएं.
ये जिले भी प्रभावितः
बता दें कि बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 24 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 25 लाख 66 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग से सोमवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार के 12 जिलों में - शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार शामिल हैं.
Conclusion: